डाक सेवक भर्ती में फर्जीवाड़ा : नकली सर्टिफिकेट दे ऐंठते थे पैसे, सरगना सहित 7 गिरफ्तार, मुख्य आरोपी जाली नोट मामले में जा चुका है जेल

अमित गुप्ता/रायगढ़। छत्तीसगढ़ के रायगढ़ जिले में डाक सेवक भर्ती में हुए फर्जीवाड़े का पुलिस ने शनिवार को खुलासा किया है। पुलिस ने फर्जी अंकसूची के जरिए नौकरी लगवाने वाले गिरोह के सरगना सहित 7 को गिरफ्तार किया है। वहीं गिरोह का एक आरोपी अब भी फरार है, जिसकी पुलिस तलाश कर रही है। मामला कोतवाल थाना क्षेत्र का है।
पुलिस ने बताया कि डाक विभाग ने ग्रामीण डाक सेवक भर्ती के माध्यम से शाखा डाकपाल और सहायक शाखा डाकपाल की भर्ती ली थी। भर्ती कक्षा दसवीं में मिले प्राप्तांक के आधार पर किया गया। इसमें कुछ अभ्यर्थियों ने जालसाजों से मिलकर फर्जी सर्टिफिकेट देकर अवैधानिक तरीके से नौकरी हासिल किया। डाक विभाग की ओर से अभ्यार्थीयों के अंकसूची के सत्यापन पर मामले का खुलासा हुआ। इस मामले में रायगढ़ डाक अधीक्षक ने कोतवाली थाने में आवेदन दिया कि अभ्यर्थी स्वाति कंवर ने फर्जी सर्टिफिकेट के आधार पर नौकरी प्राप्त की है। इस पर थाना प्रभारी मनीष नागर ने प्रकरण दर्ज कर अभ्यार्थीयों से पूछताछ की। पूछताछ करने पर अभ्यर्थियों को नौकरी लगाने का प्रलोभन देकर पैसे ऐंठने वाले से लेकर अभ्यर्थियों को फर्जी अंकसूची दिलाने वाले गिरोह की जानकारी मिली।
ऐसे तैयार करते थे फर्जी मार्कशीट
इसके बाद पुलिस ने अलग-अलग टीम बनाकर बीती रात ही टीमें रायपुर, बिलासपुर, सक्ती और जांजगीर-चांपा रवाना किया। शनिवार को गिरोह के मुख्य सरगना हीरालाल गबेल समेत 7 आरोपियों को पुलिस ने अलग-अलग स्थानों से हिरासत में लिया। जिनसे ग्रामीण डाक सेवक भर्ती में फर्जीवाड़ा के संबंध में पूछताछ करने में पर आरोपियों ने फर्जीवाड़ा करना स्वीकार कर लिया। आरोपी स्वाति कंवर निवासी बिलासपुर ने बताई कि डाक विभाग में ग्रामीण डाक सेवक भर्ती में भर्ती के लिए उसके पिता वीरेंद्र सिंह तथा जीजा लखेश्वर सिंह, दलाल संजय शर्मा निवासी सीपत बिलासपुर के माध्यम से हीरालाल गबेल के संपर्क में आए। संजय किसी भी भर्ती में सर्टिफिकेट के आधार पर भर्ती कराने का प्रलोभन दिया। हीरालाल गबेल जो पूर्व में आपेन स्कूल का अध्यक्ष था, अपने पास रखे सील, मुहर का गलत इस्तेमाल करता था। हीरालाल 2005 में जाली नोट मामले जेल भी जा चुका है। गिरोह में शामिल मालखरोदा जांजगीर-चांपा निवासी योगेंद्र धीरहे का कंप्यूटर सेंटर है। यहां फर्जी मार्कशीट तैयार किया जाता था। हीरालाल, योगेंद्र और संजय मिलकर अभ्यर्थियों से संपर्क करते थे और उन्हें किसी भी तरीके से नौकरी लगाने का प्रलोभन देकर रुपए ऐंठा करते थे।
स्वाति के अलावा कृष्ण कुमार साहू बलौदाबाजार निवासी भी इनके जालसाजी को जानते हुए भर्ती के लिए इन्हें रकम दिया था। स्वाति, उसका जीजा लखेश्वर और कृष्ण नौकरी हासिल कर चुके थे। वहीं गिरोह का एक आरोपी भोजराम सिदार फरार है, जिसके गिरफ्तारी के बाद मामले में कुछ और आरोपियों के नामों का खुलासा हो सकता है। आरोपियों के विरुद्ध विभिन्न धाराओं में अपराध दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया गया है। इसमें हीरालाल गबेल, योगेंद्र धीरहे, संजय शर्मा, स्वाति कंवर, वीरेंद्र सिंह कंवर, लखेश्वर सिंह कंवर और कृष्ण कुमार साहू है। साथ ही आरोपियों के कब्जे से 1 कंप्यूटर, 1 लैपटॉप, स्कैनर, स्कूल के सील, मुहर, 15,000 रुपए नकदी, 3 मोबाइल, कलर प्रिंटर और 2 कार जब्त किए गए हैं।



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