ठेका देने के नाम पर 15 लाख की ठगी: डायरेक्टर के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज, पीड़ित ने सुनाई आपबीती...

टोकेश्वर साहू/कांकेर। गांव-गांव तक इंटरनेट की सुविधा पहुंचाने के लिए भारत नेट योजना चलाई जा रही है। इस योजना के तहत छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले में लाइन खुदाई और बिछाई का कार्य चल रहा है। इसी क्रम में कांकेर जिले के ठेके के नाम पर एक कंपनी के डायरेक्टर ने 15 लाख की ठगी कर ली। हालांकि सूचना मिलते ही पुलिस ने ठगी करने वाले डायरेक्टर को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है।
डायरेक्टर के पास कैसे आया इंटरनेट लाइन का ठेका...
जानकारी के मुताबिक, अलबेलापारा का रहने वाले एक शख्स प्रहलाद नायक ने धोखाधड़ी का केस दर्ज कराते हुए कहा कि, वह फारेस्ट विभाग से रिटायर्ड कर्मचारी है, उसे नवम्बर 2020 में पता चला कि रायपुर में एक सीडीपीएल सर्विस प्राईवेट लिमिटेड नाम की कंपनी है। जिसका कार्यालय लालपुर में है, जो भारत नेट के अंतर्गत केबल लाइन खुदाई का काम ठेकेदारों के जरिए कराती हैं। जब उसे इस बात का पता चला तो वो ठेका लेने के लिए अपने दामाद के साथ रायपुर कार्यालय पहुंचा और जहां पर उसकी मुलाकात सीडीपीएल कंपनी के डायरेक्टर देवनारायण सिन्हा से हुई, जो 35 साल के है और रायपुर के उमरकोटी गोबरा नवापारा में रहते हैं। जब मैंने डायरेक्टर से चर्चा की तो उन्होंने कहा भारत नेट के अंतर्गत केबल लाईन खुदाई और बिछाई का काम नारायण पुर में चल रहा है, वह काम आपको दिया जाएगा। लेकिन इसके लिए आपको एक कंपनी खोलनी होगी और 15 लाख रूपए सेक्योरिटी डिपॉजीट करनी होगी। इस राशि को सीडीपीएल कंपनी में जमा करना होगा।
किस नाम से चलती है कंपनी...
डायरेक्टर देवनारायण सिन्हा ने नायक इंटरप्राईजेस नारायणपुर के नाम से कंपनी बनाई है। इस कंपनी में 27 नवम्बर 2020 को अपने बैंक खाता से लगभग 10 लाख रुपये आरटीजीएस के माध्यम से जमा करा दिया। उसी दिन 100 रूपए के स्टाम्प पर सीडीपीएल कंपनी और नायक इंटरप्राईजेस कंपनी के नाम पर लिस्ट तैयारी की गई, जिसकी मूल कॉपी दे दी गई थी। इसके बाद 16 जनवरी को फिर से 5 लाख रूपए का सीडीपीएल कंपनी में जमा कर कंपनी के डायरेक्टर को सूचना दे दी। जिसके बाद डायरेक्टर ने कहा कि, एक महीने के अंदर लाइन बिछाने का आर्डर मिल जाएगा, जिसका आदेश कंपनी के तरफ से भेज दूंगा। पैसा जमा करने के 2 महीने बाद भी वर्क आर्डर नहीं मिला, तो कंपनी के डायरेक्टर से जाकर मिला और कार्य को शुरु करने के लिए बातचीत की, डायरेक्टर के द्वारा हर बार झांसा दिया गया, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ। जिससे परेशान होकर मैंने कहा कि पैसे वापस कर दो, क्योंकि सिर्फ बिछाने का काम नहीं करना है। हालांकि ठग डायरेक्टर ने 4 से 5 दिन बाद लिए गए पैसे को वापिस करने की बात कही, इसके बावजूद कैंसल का आवेदन करने के बाद भी ना तो उसके खाते में पैसा आया और ना ही वर्क आर्डर मिला। डायरेक्टर के मोबाईल पर फोन कर रहे हैं। लेकिन वह बंद हो गया है।
पुलिस ने आरोपी के खिलाफ किया मुकदमा दर्ज
पुलिस की माने तो, आरोपी डायरेक्टर देवनारायण सिन्हा के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच की जा रही है। बता दें, 21 अप्रैल को पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया है। पुलिस प्रशासन के मुताबिक, देवनारायण सिन्हा के खिलाफ पहले भी टिकरापारा रायपुर में ठगी का मामला दर्ज था। कोतवाली में ठगी के मामले में जब आरोपी की पतासाजी कि गई तो वह जेल में बंद था। जिसे न्यायालय से प्रोटेक्सन वारंट लेकर उसे कोतवाली के मामले में गिरफ्तारी कि कार्यवाही कर न्यायालय में पेश किया गया है।
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