सीजीआरजीबी में ग्राहकों से धोखाधड़ी : 3 करोड़ 57 लाख रुपए की धोखाधड़ी के आरोप में पूर्व मैनेजर के खिलाफ मामला दर्ज, सहयोगी दो आरोपी गिरफ्तार

रायगढ़। रायगढ़ जिले में 165 खाता धारकों के अकाउंट में छेड़छाड़ कर, 3 करोड़ 57 लाख रुपए की धोखाधड़ी में ग्रामीण बैंक के पूर्व मैनेजर राहुल कुमार शर्मा के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। इसी मामले में सहयोगी रहे दो और आरोपियों को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बुधवार को आरोपी के. हरिप्रिया और कियोस्क के मैनेजर राहुल मेहता को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। पूरा मामला कोतरा रोड थाना क्षेत्र का है। यहां पुलिस ने ग्रामीण बैंक के पूर्व मैनेजर को ग्राहकों से धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया है। जांच में पता चला कि ग्रामीण बैंक के पूर्व मैनेजर राहुल कुमार शर्मा ने बैंक से करोड़ों रुपए अपने रिश्तेदारों के खातों में ट्रांसफर किए हैं। अभी तक साढ़े 3 करोड़ की राशि के गबन का पता चला है।
दरअसल 20 जुलाई को थाना कोतरा रोड में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण बैंक शाखा किरोड़ीमल नगर के प्रभारी शाखा प्रबंधक 28 वर्षीय संदीप ठाकुर ने बैंक के पूर्व शाखा प्रबंधक राहुल कुमार शर्मा पर बैंक के गेट, तिजोरी, FRFC की चाबी, बैंक का मोबाइल और सिम लेकर फरार हो जाने की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस ने इस मामले में संलिप्त मैनेजर की सहकर्मी के. हरिप्रिया और कियोस्क बैंक के मैनेजर राहुल मेहता को गिरफ्तार कर उनसे पूछताछ की।
वहीं, कोतरा रोड थाना प्रभारी गिरधारी साव ने बताया कि आरोपी राहुल शर्मा ने अपनी सहकर्मी हरिप्रिया के खाते में केसीसी खाताधारकों के अकाउंट से करीब 30 लाख रुपए ट्रांसफर किए थे। साथ ही किरोड़ीमल के कियोस्क शाखा चलाने वाले राहुल कुमार मेहता के खाते में ग्रामीण बैंक के खाता नंबर को केसीसी खाताधारकों के अकाउंट से ट्रांसफर कर रुपए भेजता था।
नकली दस्तावेज किए गए तैयार
इसके बाद राहुल मेहता सभी रकम को राहुल कुमार शर्मा की मां वीणा शर्मा के अजमेर खाते में ट्रांसफर किया करता था। पूर्व शाखा प्रबंधक राहुल कुमार शर्मा ने आपसी षड्यंत्र कर नकली दस्तावेज तैयार कर 165 केसीसी खाताधारकों के खातों से छेड़खानी कर अनाधिकृत लेनदेन करते हुए 3 करोड़ 57 लाख रुपए ट्रांसफर कर दिए थे।
IPC की धारा 409 के तहत मामला दर्ज
इसके बाद पुलिस ने वर्तमान बैंक मैनेजर संदीप ठाकुर की शिकायत पर पूर्व प्रबंधक राहुल कुमार शर्मा के खिलाफ FIR दर्ज की थी। जब तिजोरी की डुप्लीकेट चाबी मंगवाकर सेफ खोला गया, तो खाताधारक होमेश्वर, गीता पटेल और बीना शर्मा के गोल्ड लोन के पैकेट कीमत 1 लाख 42 हजार रुपए नहीं थे। पहले पुलिस ने राहुल शर्मा के खिलाफ IPC की धारा 409 के तहत अपराध दर्ज किया था। जांच के बाद इसमें धारा 419, 420, 467, 468, 471 और 120बी भी जोड़ी गई। जैसे-जैसे जांच आगे बढ़ती गई, मामले का खुलासा होता चला गया। मामला महज डेढ़ लाख के सोने तक सीमित नहीं था, बल्कि बैंक के 165 अकाउंट से करीब साढ़े 3 करोड़ रुपए दूसरे खातों में ट्रांसफर करने की जानकारी भी पुलिस को मिली।
कई अन्य लोगों के अपराध में संलिप्तता
किरोड़ीमल नगर ग्रामीण बैंक में ज्यादातर किसानों के खाते हैं। आसपास के लगभग सभी गांव के किसानों और व्यापारियों का खाता इस बैंक में है। कई खाताधारकों को मालूम ही नहीं कि उनके अकाउंट में सेंधमारी हुई है। पूरी रकम अपने परिचितों के अकाउंट में ट्रांसफर करने के बाद उसका आहरण भी कर लिया गया है। पूर्व बैंक मैनेजर राहुल शर्मा ने किसानों के नाम से केसीसी लोन की राशि भी निकाल ली। पुलिस जांच में उपलब्ध दस्तावेजों के आधार पर बैंक में 12 केसीसी खाता धारक, 2 स्टाफ के दस्तावेज, 2 स्वर्ण आभूषण और ऋण पैकेट ब्रांच में नहीं मिले। इसमें आरोपी पूर्व शाखा प्रबंधक राहुल शर्मा, कियोस्क शाखा के राहुल मेहता व हरिप्रिया के साथ ही कई अन्य लोगों के अपराध में संलिप्तता के सबूत मिले हैं।
खाताधारकों की मौत के बाद निकल लिए सारे पैसे
कोतरा रोड पुलिस द्वारा अब तक 110 केसीसी खाता धारकों के बयान लिए गए। दो ऐसे खाता धारकों की भी जानकारी मिली, जिनकी मौत हो जाने के बाद भी उनके खाते से रुपए निकाले गए और दूसरे खातों में ट्रांसफर किए गए। मामले में संदिग्ध के. हरिप्रिया को हिरासत में लेने कोतरा रोड पुलिस ने रायपुर में दबिश दी। उसके विशाखापट्टनम फरार हो जाने पर पुलिस टीम वापस आ गई और फिर से रायपुर में छापा मारा गया। यहां से हरिप्रिया और उसकी मां के वीणा को रायगढ़ लाया गया। इसके बाद कियोस्क के मैनेजर राहुल मेहता को भी पकड़ा गया। फिलहाल राहुल शर्मा अब भी फरार है।
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