बजट सत्र कल से, धान खरीदी, कानून व्यवस्था के सवालों की झड़ी लगी

बजट सत्र कल से, धान खरीदी, कानून व्यवस्था के सवालों की झड़ी लगी
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छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में इस बार धान खरीदी और कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों पर विधायकों ने कई सवाल लगाए हैं। सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई मामलों को लेकर एक दूसरे पर आराेप-प्रत्यारोप के साथ ही हंगामे के आसार हैं। 24 दिन के सत्र को लेकर विधानसभा सचिवालय ने कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए पूरी तैयारी कर ली है।

रायपुर. छत्तीसगढ़ विधानसभा के बजट सत्र में इस बार धान खरीदी और कानून व्यवस्था से जुड़े मामलों पर विधायकों ने कई सवाल लगाए हैं। सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच कई मामलों को लेकर एक दूसरे पर आराेप-प्रत्यारोप के साथ ही हंगामे के आसार हैं। 24 दिन के सत्र को लेकर विधानसभा सचिवालय ने कोरोना गाइडलाइन को ध्यान में रखते हुए पूरी तैयारी कर ली है। विधायकों ने सत्र के लिए 2350 सवाल लगाए हैं। सत्र के दौरान विपक्ष द्वारा काम रोको प्रस्ताव और ध्यानाकर्षण के जरिए भी सरकार को घेरेने का प्रयास किया जाएगा।

विधानसभा का बजट सत्र राज्यपाल के अभिभाषण के साथ सोमवार को शुरू होगा। सत्र के दौरान वित्तीय वर्ष 2021-22 का बजट भी पारित किया जाएगा। सरकार की ओर से लगभग आधा दर्जन संशोधन विधेयक भी इस दौरान लाए जाएंगे। 22 फरवरी से 26 मार्च तक चलने वाले इस सत्र के लिए विधायकों ने 1262 तारांकित और 1088 अतारांकित प्रश्न लगाए हैं। लगाए गए सवालों में किसानों से की गई धान खरीदी को लेकर कई सवाल लगाए गए हैं। इनमें किसानों को भुगतान में देर, टोकन कटने में देर से हुई परेशानी, किसानों के रकबे में गड़बड़ी सहित कई मामलों पर अधिक सवाल लगे हैं। अन्य मामलों में नगरीय निकायों में पीएम आवास योजना, खनिज रायल्टी में वृद्धि, अवैध शराब की बिक्री और गोठानों से संबंधित मामलों को उठाया जाएगा। विधानसभा के प्रमुख सचिव गंगराडे ने बताया कि सत्र को लेकर पूरी तैयारी कर ली गई है। इस दौरान कोविड-19 की गाइडलाइन का पालन करते हुए सदन में विधायकों को प्रवेश दिया जाएगा।

इन मुद्दों पर लगे सवाल

विधानसभा सत्र के दौरान विधायकों द्वारा सरकार द्वारा संचालित विभिन्न योजनाओं के क्रियान्वयन को लेकर सवाल उठाए गए हैं। इन सवालों में शिक्षकों की भर्ती में देर, शराब के अवैध परिवहन और दूसरे राज्यों की शराब खपाने, निकायों में अमृत मिशन के कार्याें में विलंब, नल-जल योजना के क्रियान्वयन, सड़क निर्माण और मुआवजा प्रकरणों के लंबित होने, रेत के अवैध उत्खनन, जंगलों में अवैध कटाई, पीडीएस राशन का वितरण, आंगनबाड़ी केंद्रों का संचालन, प्रदेश में हत्या, चोरी और अपराध के प्रकरणों में वृद्धि और विभागीय कार्याें में लापरवाही के मामलों को उठाया जाएगा।

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