तेल में खेल, एक्साइज़ ड्यूटी बंद होने के बाद थोक में सस्ता, लेकिन चिल्हर में मची लूट

रायपुर: केंद्र सरकार ने दीपावली के पहले ही केंद्र सरकार ने साफ किया था कि एक्साइज ड्यूटी बंद हाेने से उपभोक्ताओं को खाद्य तेल 20 से 25 रुपए सस्ता मिलेगा। जिसके बाद राज्य में थोक में तो कारोबारियों ने 20 रुपए तक दाम कम कर दिए हैं। लेकिन चिल्हर कारोबारी अब भी मनमर्जी का रेट ले रहे हैं। जिसके कारण उपभोक्ताओं की जेब कट रही है। आम उपभोक्ता को थोक के दामों की जानकारी न होने का चिल्हर कारोबारी भरपूर फायदा उठाते हैं।
थोक में कीमत कम: थोक कारोबारियों के मुताबिक एक्साइज ड्यूटी कम होने के बाद सभी तेलों की कीमत में लगातार कमी आई है। जो कीर्ति गोल्ड पहले थोक में 140 रुपए में मिल रहा था। वह इस समय 122 से 125 रुपए में मिल रहा है। इसी तरह से फार्च्यून तेल 150 से घटकर 136 से 140 हो गया है। इसी के साथ सनफ्लाॅवर तेल अब 144-145 से 135-136 रुपए। फल्ली तेल 180 से 160 और सरसों तेल 190 से 170 से 180 रुपए हो गया है। सबसे ज्यादा 23 रुपए कीमत राइसब्रान में कम हुई है। यह 140 से 117 रुपए लीटर हो गया है।
इस साल दीपावली से पहले खाद्य तेलों की कीमत आसमान पर थी। इसके कारण लोगों काे त्योहार में परेशानी होने की आशंका को देखते हुए केंद्र सरकार ने अक्टूबर में ही आम जनता को राहत देने जिस एक्साइज ड्यूटी को छह माह के लिए बंद कर दिया। इसके बाद यह कहा गया कि इसका असर यह होगा कि लोगों को तेल कम कीमत पर मिलेगा। वास्तव में एक्साइज ड्यूटी बंद होने का असर भी दिखने लगा और तेलों की कीमत कम होती चली गई।
थोक में कीमत घटाई चिल्हर में लूट
कीर्ति गोल्ड
थोक में 122 से 125, चिल्हर में 140 रुपए,
फार्च्यून
थोक में 136-140 चिल्हर में 150 से 155
सरसों तेल
थोक में 170 से 180, चिल्हर में 200 रुपए
फल्ली तेल
थोक में 160 चिल्हर में 180
राइसब्रान
थोक में 117 से 120 चिल्हर में 130
ख़ास बातें:
थोक में तो तेल की कीमत कम कर दी गई है। लेकिन चिल्हर में हमेशा की तरह लूट मची हुई है। चिल्हर में कीमत का कोई माई-बाप नहीं है। हर दुकानदार अलग-अलग कीमत वसूल रहा है। किसी दुकान में कीर्ति कोल्ड अब भी जहां 140 रुपए में मिल रहा है तो कहीं 145 रुपए और कहीं 150 रुपए में भी बेचा जा रहा है। यही हाल दूसरे खाद्य तेलों का भी है। सरसों तेल कहीं 200 तो कहीं उससे भी ज्यादा में बेचा जा रहा है। चिल्हर कारोबारी कहते हैं। थोक में भी अलग-अलग दुकानों का अलग-अलग रेट रहता है। इसी के साथ डूमरतराई से माल लाने में भाड़ा भी बहुत लग जाता है। अब तक मालभाड़ा कम नहीं किया गया है। इसी के साथ चिल्हर काराबोरी यह भी कहते हैं कि जो चिल्हर कारोबारी ज्यादा माल लेते हैं। उनको ही कम कीमत पर माल मिलता है। एक दो पेटी लाने वालों काे रेट ज्यादा लगता है।
एक्साइज ड्यूटी बंद होने के बाद तेलों की कीमत थोक बाजार में बहुत कम हो गई है। 15 से 20 रुपए का अंतर आ गया है। अब चिल्हर में कौन कारोबारी कितने में माल बेच रहा है। उसके बारे में कुछ कहा नहीं जा सकता है।
- प्रेम पाहूजा, थोक तेल कारोबारी
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