Action : पदोन्नति के लिए पैसों का खेल : लेनदेन कर संशोधन करवाने वाले शिक्षकों पर गिरी गाज.... संशोधन आदेश रद्द

देवेश साहू-बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ में स्कूल शिक्षा विभाग में पदोन्नति के आदेश पर पैसों का लेनदेन व भ्रष्टाचार कर संशोधन किए जाने के मामले में छछत्तीसगढ़ शासन ने स्कूल शिक्षा विभाग के अपर सचिव ने बीते 1 अगस्त को शिक्षा विभाग(Education Department) के 10 कर्मचारी के निलंबन का आदेश जारी किया था। जिस पर शिक्षकों ने अपनी मनपसंद जगह पर पोस्टिंग पाई और अब शासन ने उन्हें एकतरफा करार देकर रद्द कर दिया है। सरकार द्वारा यह संदेश देने की कोशिश कि गई है कि सिफारिश और धन-बल के बदौलत गैरकानूनी तरीके से अपनी पदस्थापना चाहे हुए स्थान पर नहीं करा सकते हैं। जिले के 317 शिक्षक प्रमोट किए गए इन सभी की काउंसिलिंग की गई। इनमें 139 को कथित रूप से लेन देन कर मनचाहे स्कूल में पोस्टिंग दे दी गई वही 178 शिक्षकों को उनकी मर्जी के बिना जरूरी मानकर स्कूलों में पोस्टिंग कर दी गई।
सरकार ने रद्द किया पदोन्नति और ट्रांसफर आदेश
छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग के अवर सचिव के आदेश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने अवैध तरीके से पोस्टिंग कराने वाले भाटापारा ब्लॉक के 12, बलौदाबाजार 11, सिमगा 10, कसडोल 77, पलारी ब्लॉक के 28 शिक्षकों सहित कुल 139 शिक्षकों को यह नोटिस जारी कर दिया है कि दस दिन में ज्वाइनिंग नहीं करने पर प्रमोशन रद्द हो जाएगा। आपको बता दें कि ऐसे स्कूल से अपना नाम हटवाकर दूसरी जगह पोस्टिंग करवा लिया गया जहां एक भी शिक्षक ही नहीं था। गनीमत रही कि सिमगा ब्लाक के परसवानी में प्रमोशन के बाद शिक्षक मिल गया। यह स्कूल भी शिक्षक विहीन था। जिले का राजादेवरी शासकीय स्कूल जो सालों से शिक्षक विहीन है। शिक्षकों के प्रमोशन के बाद पोस्टिंग के लिए जो गाइडलाइन जारी की गई थी, उसमें शिक्षक विहीन और एकल शिक्षकीय स्कूल पहली प्राथमिकता में थे।
संशोधन से कई स्कूलों को नहीं मिल पाए शिक्षक
इसके बाद भी इन स्कूलों में पोस्टिंग देने के बजाय संशोधन आदेश जारी किया। जिले में दो स्कूल शिक्षक विहीन हैं, उसमें से राजादेवरी के शासकीय स्कूल के लिए शासन ने पोस्टिंग की थी मगर यहां जिसे शिक्षक की पोस्टिंग हुई थी उसने पदस्थापना आदेश को संशोधित करवाकर मनचाही जगह पर पोस्टिंग करावा ली। वहीं जिले में अभी भी 57 स्कूल ऐसे हैं जहां पर एकमात्र शिक्षक के भरोसे तीन से पांच कक्षाएं संचालित हो रही हैं। यहां के भी लगभग 12 स्कूलों में पदस्थापना आदेश को अपने हिसाब से संशोधित करा लिया। बलौदाबाजार जिले के उन शिक्षकों के लिए भी झटके जैसा है, जो अटैचमेंट पर माननीयों के पर्सनल असिस्टेंट के रूप में काम कर रहे थे और अलग-अलग दफ्तरों में अटैच थे।
इन 6 बिंदुओं के तहत करना था पदस्थापना
1. पदोन्नति पश्चात पदांकन ओपन काउंसिलिंग के माध्यम से ही किया जाये।
2. सर्वप्रथम शिक्षक निहीन शाला में पदांकन किया जाये।
3. द्वितीय क्रम में शिक्षक विहीन शालाओं में पदांकन पूर्ण होने पर एकल शिक्षकीय शालाओं में पदांकन किया जाये।
4. तृतीय क्रम दोनों श्रेणियों में रिक्तया भरे जाने के उपरांत शालाओं में दर्ज संख्या के अनुपात में ज्यादा आवश्यकता वाली शालाओं में पदांकन किया जाये।
5. अंतिम क्रम में अन्य स्थानों पर पदांकन किया जाये।
6. यथा संभव महिला / दिव्यांग / गंभीर बीमारी से पीडित शिक्षकों को आवागमन की दृष्टि से सुविधा वाले स्थानों में पद रिक्तता के आधार पर पदाकन में प्रथमिकता के आधार पर पदांकन किया जाये।
गैर शिक्षकीय कार्य में संलग्न शिक्षकों को तत्काल मूल संस्था के लिए रिलीव करें– कलेक्टर
कलेक्टर चंदन कुमार(Collector Chandan Kumar) ने समय समीक्षा के बैठक के दौरान जिला शिक्षा अधिकारी को निर्देश दिए थे कि गैर शिक्षकीय कार्य में संलग्न शिक्षकों को तत्काल मूल संस्था के लिए रिलीव करें। कलेक्टर के इस फरमान ने शिक्षकों की नींद उड़ा दी। जिले में दो सौ से ज्यादा शिक्षक माननीयों के पीए, राजस्व और शिक्षा विभाग के ही दफ्तरों में अटैच थे और 10 से 5 बजे तक बाबूगिरी कर रहे थे। हफ्ते में दो दिन की छुट्टी भी मिल रही थी। कलेक्टर ने सभी विभाग प्रमुखों को आदेश जारी किया है कि वे गैर शिक्षकीय कार्य में संलग्न शिक्षकों को तत्काल मूल संस्था के लिए रिलीव करें। वही कलेक्टर के आदेश के बाद जिला शिक्षा अधिकारी ने सभी विकासखण्ड शिक्षा अधिकारियों से ऐसे शिक्षकों की सूचीं बनाकर 3 दिनों के भीतर अपनी मूल संस्था में ज्वाइनिंग का आदेश जारी कर दिया है।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS