हरियाणा का हाईटेक गैंग एटीएम से ऐसे छेड़छाड़ कर निकालते थे रकम, तीन गिरफ्तार

छत्तीसगढ़ समेत देशभर में घूम-घूमकर क्रेडिट व डेबिट कार्ड का उपयोग कर एटीएम कार्ड से पैसे निकालने वाले हरियाणा के हाईटेक गैंग का पुलिस ने भंडाफोड़ किया है। गिरोह के मास्टर माइंड समेत तीन हाईटेक जालसाजों को पुलिस ने दबोचा है। उनके पास से मोबाइल, एटीएम कार्ड समेत अन्य सामान बरामद किए हैं।
एडिशनल एसपी ने बताया कि शाहरुख खान निवासी ग्राम धौज थाना धौज फरीदाबाद, आसिफ खान निवासी ग्राम धौज फरीदाबाद और वसीम खान निवासी ग्राम धौज थाना धौज फरीदाबाद हरियाणा को गिरफ्तार किया है।
आरोपियों के पास से 3 मोबाइल, 4 बैंकों के एटीएम कार्ड, क्रेडिट कार्ड, पेन कार्ड और आधारकार्ड जब्त किया गया है। तीन आरोपी हरियाणा के हैं, इनमें दो सगे भाई हैं। शाहरुख गिरोह का मास्टर माइंड है। आरोपी एटीएम मशीन का पैनल खोलने के लिए मास्टर चाबी का इस्तेमाल करते थे।
दुर्ग और धमतरी में भी एटीएम से निकाले पैसे
पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने हाईटेक तरीके से कोतवाली, सेजबहार, गुढ़ियारी, डीडीनगर और पंडरी क्षेत्र स्थित एटीएम मशीनों में छेड़छाड़ कर लाखों रुपए उड़ाए थे। वहीं दुर्ग के भिलाईनगर, धमतरी एवं जगदलपुर में भी एटीएम मशीन में छेड़छाड़ कर लाखों रुपए निकालकर फरार हो गए थे।
यहां से लाखों उड़ाए
पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने सितंबर एवं अक्टूबर महीने में पचपेड़ीनाका स्थित केनरा बैंक के एटीएम से लाखों रुपए निकाल लिए थे। सेजबहार में केनरा बैंक के एटीएम मशीन से 98 हजार रुपए निकाल लिए थे। सबसे अहम है, सभी एटीएम मशीनाें के ऊपरी हिस्से को खोल कर पूरे ट्रांजेक्शन को रीसेट किया गया था। वहीं गुढ़ियारी के केनरा बैंक स्थित एटीएम मशीन से एक लाख 60 हजार रुपए निकाले गए थे। बैंक स्टॉफ की तरफ से अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज किया गया था।
ऐसे मिला क्लू
पुलिस के मुताबिक आरोपियों ने जिन बैंक अकाउंट के एटीएम डेबिट-क्रेडिट कार्ड का उपयोग कर पैसे निकाले थे, पुलिस ने उस सभी की डिटेल इकट्ठा की। इस दौरान आरोपियों की लोकेशन चिन्हित की गई। इसके बाद पुलिस टीम हरियाणा के फरीदाबाद-नेवात भेजी गई। वहां टीम ने आरोपी शाहरुख खान, आसिफ खान एवं वसीम खान को धर-दबोचा।
ऐसे करते थे वारदात
पुलिस के मुताबिक आरोपी एटीएम बूथ में घुसते ही एटीएम मशीन के पैनल को मास्टर चाबी से खोल देते थे। एटीएम कार्ड को मशीन में डालकर रकम ट्रांजेक्शन का पूरा प्रोसेस करते थे। जैसे ही पैसे एटीएम मशीन के ट्रे में आता था, वैसे ही मशीन के पैनल के अंदर हाथ डालकर स्विच बंद करते देते थे। इससे पैसे के ट्रांजेक्शन का मैसेज बैंक व अकाउंट होल्डर के पास नहीं जाते थे।
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