मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, गिरोह में डॉक्टर और इंजीनियर भी शामिल

मेडिकल कॉलेज में एडमिशन के नाम पर ठगी करने वाले गैंग का पर्दाफाश, गिरोह में डॉक्टर और इंजीनियर भी शामिल
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आरोपियों ने पखांजूर में महिला शिक्षिका से 34 लाख रुपये ठगे थे, पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया। पढ़िए पूरी खबर-

कांकेर। पुलिस ने मेडिकल कॉलेज में दाखिला के नाम पर ठगी करने वाले बड़े गिरोह का पर्दाफाश किया है। बताया जा रहा है कि आरोपियों ने पखांजूर में महिला शिक्षिका से 34 लाख रुपये ठगे थे। पुलिस ने इस मामले में तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है। हैरत की बात है कि आरोपियों में डॉक्टर और इंजीनियर भी शामिल है। इस मामले के साथ ही देश में अलग-अलग राज्यों में कई लोगों से मेडिकल कालेज में एडमिशन के नाम पर ठगी का खुलासा हुआ है। एएसपी गोरखनाथ बघेल ने पूरे मामले की जानकारी दी है।

मामला पखांजूर थाना क्षेत्र का है, जहां मेडिकल कालेज दाखिला पर के नाम पर स्कूल शिक्षिका शिखा दास से 34 लाख रुपये की ठगी करने वाले आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। शिखा दास कापसी स्कूल में बतौर शिक्षिका पदस्थ हैं। शिखा ने अपराध दर्ज कराया था कि साल 2018 में उनका संपर्क फोन पर एक शख्स से हुआ था, जिसने अपने को मेडिकल काउंसलर तथा मंत्रालय में पहुंच बताकर पीड़िता के 2 बच्चों को मैनेजमेंट सेन्ट्रल पुल कोटा में बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाने के का आश्वासन देकर 34 लाख रुपए की ठगी कर ली है।

इस मामले में अपराध दर्ज करने के बाद विवेचना में घटना में संलिप्त आरोपी दीपक चटर्जी पिता स्व. विश्वनाथ चटर्जी उम्र 50 वर्ष निवासी दिल्ली, प्रभुदीप सिंह उर्फ अरविंद गंगवार पिता ब्रजपाल सिंह उम्र 34 वर्ष निवासी बरेली, जियाउल हक रहमानी पिता डॉ. एआर रहमानी उम्र 32 वर्ष निवासी गाजियाबाद को गिरफ्तार किया गया है।

तीनो आरोपियों ने देशभर में कई राज्यों में मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कालेज में एडमिशन कराने का झांसा देकर लाखों रुपये की ठगी करना कबूल किया है। आरोपियों में से दीपक चटर्जी निवासी दिल्ली अपने को शैक्षणिक सलाहकार बताया और पूछताछ के दौरान बताया कि वह 2008 से इस प्रकार के कृत्य में संलिप्त रहा है, 2013 में जेल भी जा चुका है। आरोपी जियाउल हक रहमानी एमबीबीएस पेशे से डॉक्टर है इसने रूस से एमबीबीएस की डिग्री हासिल की है और आरोपी प्रभु दीप सिंह इलेक्ट्रिकल इंजीनियर है। ये आरोपी हाईप्रोफाइल लोगों को मैनेजमेंट कोटा पर मेडिकल एवं इंजीनियरिंग कॉलेज में दाखिला के नाम पर धोखाधड़ी कर लाखों रुपए की लाखों रुपए के ठगी करते हैं।

ऐसे करते थे ठगी

प्रार्थी के दोनों बच्चे नीट की तैयारी कर रहे थे, आरोपियों ने उनके मोबाइल नंबर पर प्रार्थिया से संपर्क किया और दोनों बच्चों को बेंगलुरु मेडिकल कॉलेज में दाखिला दिलाने का झांसा दिया आरोपीगण प्रार्थिया से वीडियो कॉल पर बात करते थे और अपने को मिनिस्ट्री के संपर्क में होने का दावा कर सेंट्रल पूल कोटा से प्रार्थीया की दोनों बच्चों का मेडिकल कॉलेज में दाखिला कराने की बात कहकर जून 2019 से सितंबर 2019 के दौरान विभिन्न माध्यम से कुल 34 लाख रुपये की ठगी की। उसके बाद से आरोपियों ने प्रार्थिया से संपर्क तोड़ लिया था।

प्रार्थीया ने अपने बच्चों मेडिकल कॉलेज में दाखिला के लिए आरोपियों से संपर्क करने की बहुत कोशिश की लेकिन आरोपियों ने अपना मोबाइल नंबर बंद कर लिया और अंडर ग्राउंड हो गए। इसके बाद प्रार्थिया शिखा दास ने मेडिकल कॉलेज बेंगलुरु जाकर पता किया, जहां यह पता चला कि इन व्यक्तियों से कॉलेज का कोई संबंध नहीं है और प्रार्थिया के बच्चों का कॉलेज में दाखिला प्रक्रियाधीन नहीं है। इसके बाद शिखा दास ने जनवरी 2020 में थाना पखांजूर में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। आरोपियों की गिरफ्तारी के बाद न्यायालय में पेश कर न्यायिक अभिरक्षा में जेल दाखिल कराया गया है।

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