Gangrel Dam : रायपुर की प्यास बुझाने फिर गंगरेल से पानी, रोजाना 200 क्यूसेक लिया जा रहा

Gangrel Dam : रायपुर की प्यास बुझाने फिर गंगरेल से पानी, रोजाना 200 क्यूसेक लिया जा रहा
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शहरवासियों की प्यास बुझाने गंगरेल बांध(Gangrel Dam) से प्रतिदिन 200 क्यूसेक पानी खरीदा जा रहा है। 15 अगस्त से यह स्थिति निर्मित हुई है। यही नहीं पहले की तुलना में शहर में पानी की खपत भी बढ़ गई है। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। नगर निगम के भाठागांव (Bhathagaon)स्थित फिल्टर प्लांट (filter plant)में प्राकृतिक स्त्रोतों से पानी आने की रफ्तार मंद पड़ गई है। शहरवासियों की प्यास बुझाने गंगरेल बांध(Gangrel Dam) से प्रतिदिन 200 क्यूसेक पानी खरीदा जा रहा है। 15 अगस्त से यह स्थिति निर्मित हुई है। यही नहीं पहले की तुलना में शहर में पानी की खपत भी बढ़ गई है। पहले जहां 10 जोनों में रोजाना 250 एमएलडी पेयजल की आपूर्ति करनी पड़ती। अब यह मात्रा बढ़कर 280 एमएलडी तक जा पहुंची है, यानी 30 एमएलडी पानी(MLD water) अतिरिक्त खपत हो रही है । आने वाले दिनों में पेयजल खपत की मात्रा 300 एमएलडी तक जा सकती है।


रायपुर नगर निगम के 10 जोनों के 70 वार्ड में 15 लाख की आबादी की प्यास बुझाने पहले शहर में जहां 37 पानी टंकियां हुआ करती, अब उसकी संख्या बढ़कर 43 हो गई है । अमृत मिशन में शहर के अलग-अलग इलाके में सुगम जल आपूर्ति के लिए 6 नई पानी टंकियां बनाई गई। इंटर कनेक्शन के बाद इन नई टंकियों से लोगों तक शुद्ध पेयजल पहुंचाया जा रहा है। आने वाले साल में फुंडहर और लभांडी में नई पानी टंकी बनने के बाद शहर भर में पानी टंकियों की संख्या बढ़कर 45 तक पहुंच जाएगी।

हर महीने पानी पर खर्चा 1 करोड़ 10 लाख

नगर निगम का जल विभाग शहरवासियों की प्यास बुझाने गंगरेल डेम पर निर्भर है, । प्राकृतिक स्त्रोतों से केवल 2 माह की पेयजल जरुरत पूरी हो पाती है, बाकी के 10 महीने सिंचाई विभाग से पानी खरीदकर लोगों की प्यास बुझाने की नौबत आ है। इसके लिए गंगरेल डेम से रॉ वाटर खरीदने 2030 तक एग्रीमेंट किया गया है। सूत्रों के मुताबिक रॉ वाटर खरीदने में ही हर महीने 1 करोड़ 10 लाख का खर्च है। इस तरह 1 साल में 1 करोड़ 20 लाख रुपए रॉ वाटर खरीदने में खर्च होता है। पानी के शुद्धिकरण में फिल्टर प्लांट का बिजली बिल, केमिकल का खर्च अलग है।

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