बिलासपुर में कचरा घोटाला : सभापति ने सुनाई काली करतूत की पूरी कहानी, ठेका कंपनी ने कहा-अधिकारियों से कोई सेटिंग नहीं…देखिए वीडियो

बिलासपुर में कचरा घोटाला : सभापति ने सुनाई काली करतूत की पूरी कहानी, ठेका कंपनी ने कहा-अधिकारियों से कोई सेटिंग नहीं…देखिए वीडियो
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बिलासपुर नगर निगम ने हैदराबाद बेस्ड रामके कंपनी को वर्ष 2017 में शहर के अलग-अलग वार्डों से गाड़ियों में कचरा अपलोड और डंप करने का जिम्मा ठेका दिया था। इस कंपनी के द्वारा चार हाइवा, 2 जेसीबी और 9 काम्पेक्टर आदि गाड़ियों का परिचालन किया जाता है। पढ़िए पूरी खबर-

बिलासपुर। बिलासपुर नगर निगम में कचरा डंप करने के एवज में जिस कंपनी को हर माह 1 करोड़ 5 लाख रुपए भुगतान करती है, वह कंपनी कचरा नहीं, बल्कि मिट्टी इक्कट्ठा तौलाकर निगम को चुना लगा रही है। वहीं जनता की आंखों में धूल झोंककर सरकारी खजाने से करोड़ों की राशि गटकने की इस करतूत को निगम के ही सभापति शेख़ नजीरुद्दीन ने पकड़ लिया है।

इस संबंध में सभापति शेख नसीरुद्दीन ने बताया कि बिलासपुर में नगर निगम में जारी भ्रष्टाचार की सूचना लगातार मिल रही थी जिसके संदर्भ में पूर्व में लिखित शिकायत भी की गई थी। पर कोई कार्यवाही नहीं हो सकी और निगम अधिकारियों की सांठगांठ से लंबे समय से कचरे में घोटाला किया जा रहा है। इस मामले को रंगेहाथों पकड़ने के लिए मैं अपनी सहयोगी टीम के साथ पहुंचा तो गाड़ी चालक मौके से भाग खड़े हुआ और गाड़ी में 80-90 प्रतिशत कचरे की जगह मिट्टी से भरा हुआ था। इन गाड़ियों में मिट्टी और कचरे को जमा करके तौल किया जाता है। इस तरह से गाड़ियों में 14-16 टन तक वजनी कचरा व मिट्टी अपलोड होता है। उस आधार पर प्रत्येक टन के अनुसार दो हजार रुपए का भुगतान निर्धारित है। इस मामले में आगे कहा कि दोषी अधिकारियों के खिलाफ सस्पेंशन की कार्यवाही और रामके ठेका कंपनी के विरुद्ध थाने में जुर्म दर्ज समेत रिकवरी की कार्यवाही पुराने फ़ाइल को खोलकर की जाएगी।

बिलासपुर नगर निगम ने हैदराबाद बेस्ड रामके कंपनी को वर्ष 2017 में शहर के अलग-अलग वार्डों से गाड़ियों में कचरा अपलोड और डंप करने का जिम्मा ठेका दिया था। इस कंपनी के द्वारा चार हाइवा, 2 जेसीबी और 9 काम्पेक्टर आदि गाड़ियों का परिचालन किया जाता है। कायदे से कचरे लोड करने के बाद गाड़ी का वजन होता है, उसी के आधार पर भुगतान किया जाता है। अनुमानत: हर माह 1 करोड़ 5 लाख रुपए की राशि नगर निगम की ओर से रामके कंपनी को भुगतान किया जाता है। नगर निगम के सभापति शेख नजीरुद्दीन ने एक कचरा गाड़ी को रंगेहाथों पकड़ लिया है। इसमें कचरे की जगह मिट्टी भरकर वजन कराया जा रहा था। निगम के कोई अधिकारी इस मामले में जवाब नहीं दे पा रहे हैं। जबकि कचरा नोडल अधिकारी अनुपम तिवारी के बारे में जानकारी मिली है कि वे इस खुलासे के बाद मामले को शांत कराने कुछ समय के लिए उपस्थित हुए थे, लेकिन मीडिया के पहुंचते ही मौके से नदारद हो गए। बहरहाल, इस खुलासे ने निगम की कार्यप्रणाली पर प्रश्न चिन्ह लगा दिया है। शेख नजीरुद्दीन ने तो यहां तक कह दिया कि इस स्तर पर गड़बड़ी जिम्मेदार अधिकारियों के मिलीभगत के बिना संभव नहीं है। बहरहाल, इस मामले में अभी तक किसी के खिलाफ कार्रवाई की जानकारी सामने नहीं आई है।

हैदराबाद रामके ठेका कम्पनी के बिलासपुर में पदस्थ मैनेजर मुरलीधरन ने मीडिया से कहा कि गलती से कचरे की जगह मिट्टी गाड़ी में अपलोड हुआ है, बारिश होने की वजह से मिट्टी की मात्रा अधिक है। घटना के लिए संबधित ड्राइवर हेल्पर व अन्य स्टाफ के खिलाफ कार्यवाही करेंगे। सभापति शेख़ नजीरुद्दीन का आरोप गलत है कि अधिकारियों की सेटिंग से मिलीभगत का खेल चल रहा है। सभापति शेख नजीरुद्दीन ने एक बड़ा खुलासा यह भी किया कि रामके ठेका कंपनी की गाड़ी को व्यापार विहार में ना कचरा अपलोड और ना ही कचरा डंप करने की अनुमति है। तो फिर यह गाड़ी व्यापार विहार में सालों से चक्कर क्यों लगा रही है। यह घोटाले की सोची समझी साजिश के तहत चल रहा था। इसलिए आज तक किसी ने सुध नहीं ली। वहीं वाहन चालक छेदीलाल ने बताया कि हम कर्मचारी है, कौन क्या कर रहा हैं और क्या हो रहा है, इससे हमें कोई लेना देना नहीं है, हमें निर्देश मिलता है कि गाड़ी यहां लगाओ और गांडी वहां लगाओ, उसका पालन किया जाता है, निगम के अधिकारी सुपरवाइजर को बताते है और सुपरवाइजर हमें बता देते हैं। निगम सभापति शेख नजीरुद्दीन को गाड़ी में मिट्टी जमा करने के दौरान देखने से हम सभी डर गए और वहां से भाग निकले।

बहरहाल इस पूरे मामले में नगर निगम के नोडल अधिकारी अनुपम तिवारी समेत संबंधित अधिकारी भ्रष्टाचार और इस कचरा घोटाला के कटघरे के निशाने पर हैं। यह सिलसिला कचरे की आड़ में मिट्टी डालने का लंबे समय से चल रहा। लेकिन अब देखना दिलचस्प होगा कि नगर निगम के सभापति ने जिस घोटाले का भंडाफोड़ किया है। उस पर कुंभकरण की नींद सो रहे निगम के अधिकारी कानूनी कार्यवाही करते हैं या फिर मामले में हमेशा की तरह लीपापोती कर ठंडे बस्ते में डाल देते हैं। देखिए वीडियो-

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