एम्स के जेनेटिक्स लैब में होगी अनुवांशिक बीमारियों की जांच

रायपुर: छत्तीसगढ़ में बहुतायत पाए जाने वाले सिकलसेल समेत अन्य तरह की अनुवांशिक बीमारियों की जानकारी, कैंसर के विभिन्न प्रकार और उसके कारणों का पता लगाया जा सकेगा। एम्स में इसके लिए अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस जेनेटिक्स लैब तैयार किया गया है। इसकी शुरुआत केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की संयुक्त सचिव ने की।
एम्स के निदेशक डाॅ. नितिन एम. नागरकर ने बताया कि लैब की मदद से विभिन्न प्रकार के कैंसर के जीन की पहचान और उसके कारणों का पता लगाकर उपचार किया जा सकेगा। इसके साथ छत्तीसगढ़ सहित विभिन्न राज्यों में मिलने वाले अनुवांशिक बीमारियों पर अध्ययन, डायबिटीज में इंसुलिन के रिस्पांस के बारे में भी जानकारी मिल सकेगी। इसके साथ विभिन्न तरह की बीमारियों पर शोध कर उनके उपचार में मदद की जा सकेगी। सोमवार को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की संयुक्त सचिव अंकिता मिश्रा बुंदेला ने इस जेनेटिक्स लैब का उद्घाटन किया। इस दौरान उप-निदेशक (प्रशासन) अंशुमान गुप्ता, मंत्रालय के संयुक्त निदेशक दिनेश कुमार, अधिष्ठाता (शैक्षणिक) प्रो. आलोक अग्रवाल, प्रो. एली मोहापात्रा, प्रो. अनुदिता भार्गव, डॉ. उज्ज्वला गायकवाड़, डॉ. जेसी अब्राहम, डॉ. रमेश चंद्राकर सहित बड़ी संख्या में चिकित्सक उपस्थित थे।
शोध और अनुसंधान पर जोर
केंद्रीय स्वास्थ्य की संयुक्त सचिव ने इस दौरान शोध और अनुसंधान पर जोर देते हुए कहा कि मंत्रालय अब इस पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है। ऐसे में लैब में उपलब्ध संसाधनों का अधिक से अधिक आम लोगों को लाभ पहुंचाने, इससे प्राप्त होने वाले डेटा को शोध और अनुसंधान के लिए उपयोग किया जाना चाहिए।
सुविधाओं की सराहना
संयुक्त सचिव ने कोविड-19 और म्यूकरमाइकोसिस के रोगियों का संस्थान में उपचार किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की। इस दौरान उन्होंने एम्स के टीबी लैब, लाइब्रेरी, पैथोलॉजी लैब, ईएनटी विभाग, पीडियाट्रिक इमरजेंसी, सेंट्रल डोम, कैथ लैब, दंत चिकित्सा और अन्य सुविधाओं का निरीक्षण कर एम्स द्वारा प्रदान की जा रही सेवाओं की प्रशंसा की।
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