पशुधन विभाग में नौटंकी : विभाग के बाबू का नये डीडी के खिलाफ आंदोलन, पहले दिन चैम्बर में ताला जड़ा, दूसरे दिन कलेक्टोरेट परिसर में नारेबाजी की

पशुधन विभाग में नौटंकी : विभाग के बाबू का नये डीडी के खिलाफ आंदोलन, पहले दिन चैम्बर में ताला जड़ा, दूसरे दिन कलेक्टोरेट परिसर में नारेबाजी की
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पूरा मामला पूर्व डीडी अजमेर कुशवाहा के तबादले और उनकी जगह छग शासन से स्थानांतरित नवीन डीडी एस जहीरुद्दीन के आने के बाद से जुड़ा है। पढ़िए पूरी खबर...

पंकज भदौरिया-दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिले में पशुधन विकास विभाग में रोज नए कारनामे थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। यह पूरा मामला पूर्व डीडी अजमेर कुशवाहा के तबादले और उनकी जगह छग शासन से स्थानांतरित नवीन डीडी एस जहीरुद्दीन के आने के बाद से जुड़ा है। बीते 1 महीने से इस विभाग में शासन प्रशासन के सारे नियमों की धज्जियां उड़ाई जा रही है, जिस पर लगाम कसने में जिला प्रशासन से लेकर पशुधन विकास विभाग के राज्य स्तरीय अधिकारी भी फेल नजऱ आ रहे हैं। गुरुवार को पशुधन विकास विभाग के लिपिक विष्णुप्रसाद सोरी ने पूर्व डीडी अजमेर कुशवाहा के समर्थन में सभी कर्मचारियों को भड़काकर सुकमा जिले से स्थानांतरण में पहुंचे नये डीडी एस जहीरुद्दीन को उनके चैम्बर से ही बेदखल कर कार्यालय में ताला जड़ दिया, उसके बाद कलेक्टोरेट परिसर में जमकर हंगामा हुआ।

पूर्व डीडी कुशवाहा को कुर्सी पर बनाए रखने क्यों कर रहे वकालत

वहीं दूसरे दिन कलेक्टोरेट कार्यालय के बाहर बिना किसी अनुमति के बाबू विष्णुप्रसाद सोरी अनुसूचित जाति जनजाति अधिकारी कर्मचारी संघ का बैनर लेकर धरना देने लगे और नये डीडी जहीरुद्दीन को भ्रष्टाचार से लिप्त अधिकारी बताते हुए खुद ही उनको हटाने की मांग में अड़ गए और पुराने डीडी अजमेर कुशवाहा को कुर्सी पर रखने की वकालत की।

संघ इस तरह के धरने का समर्थन नहीं करता : जिला अध्यक्ष

जबकि इसी संघ के दंतेवाड़ा जिले के जिलाध्यक्ष रूपसिंह झाड़ी और त्रिपुरारी मण्डावी से हरिभूमि ने चर्चा की तो पता चला कि संघ के नाम का दुरुपयोग करते हुए विष्णुप्रसाद सोरी अपनी मर्जी से इस तरह का धरना प्रदर्शन कर रहे हैं। उन्होंने दंतेवाड़ा जिले के पदाधिकारियों को न तो इस तरह के धरने की जानकारी दी, न तो संघ के सदस्य इस तरह के धरने का समर्थन करते हैं। साथ ही यह भी बताया कि विष्णुप्रसाद सोरी के इस कृत्य के खिलाफ दंतेवाड़ा कलेक्टर से लेकर प्रांतीय पदाधिकारियों से भी लिखित में शिकायत की गई है।

आखिर पूर्व डीडी कुशवाहा क्यों नहीं जाना चाहते कांकेर के आमाबेड़ा

विदित हो कि पूर्व डीडी अजमेर सिंह कुशवाहा के विरुद्ध हरिभूमि.कॉम पर कई खबरें उजागर हुई थी, उसके बाद ही उनका स्थानांतरण दंतेवाड़ा जिले से कांकेर आमाबेड़ा कर दिया गया था, पर वे अब भी दंतेवाड़ा जिले में ही डीडी की कुर्सी पर बने रहना चाहते हैं। इसके लिये लगातार वे अपने पुराने सहपाठी बाबू के साथ मिलकर नये डीडी एस जहीरुद्दीन को दंतेवाड़ा जिले में शासन के आदेश बाद भी दादागिरी करते हुए नहीं बैठने देने की जिद्द में लगे हैं।

घपलेबाजी को दबाने नौटंकी

जानकारी दी गई है कि पशुधन विकास विभाग दंतेवाड़ा में बीते कोरोना के साल में जमकर सरकारी योजनाओं में घपलेबाजी हुई है। यही डर इस विभाग के पूर्व डीडी अजमेर सिंह कुशवाहा और वहां कार्यरत बाबुओं को सता रहा है। इसीलिए यह नौटंकी भरा घटनाक्रम महीनों से दंतेवाड़ा जिले में चल रहा है।

परिसर के अंदर धरना गलत : तहसीलदार

इस धरने के संबंध में दंतेवाड़ा तहसीलदार यशोदा ने बताया कि इस तरह से कलेक्टोरेट परिसर के अंदर धरना देना गलत है और इस धरने के लिए कोई अनुमति भी नहीं ली गई है।

बाबू निलंबित

अब इस मामले में डीडी एस जहीरुद्दीन ने पशुधन विकास विभाग के बाबू विष्णुप्रसाद सोरी शुक्रवार को निलंबित कर दिया है। निलंबन अवधि के दौरान व्हीपी सोरी पशु चिकित्सालय बारसुर में कार्यरत रहेंगे। बाबू विष्णुप्रसाद सोरी को कलेक्टर की अनुमति से आज निलंबित कर दिया गया है।


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