ग्लोबल राजा : खैरागढ़ विश्वविद्यालय में शानदार नाटक का मंचन, राज-व्यवस्था की खामियों पर करारा प्रहार

ग्लोबल राजा : खैरागढ़ विश्वविद्यालय में शानदार नाटक का मंचन, राज-व्यवस्था की खामियों पर करारा प्रहार
X
इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में 4 अप्रैल को विश्वविद्यालय के नाट्य विभाग के द्वारा नाटक 'ग्लोबल राजा' का मंचन किया गया। विश्वविद्यालय की कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता चंद्राकर की विशेष उपस्थिति में मंचित लगभग 45 मिनट के इस नाटक ने पूरे समय दर्शकों को खूब गुदगुदाया। साथ ही झूठ, दिखावा, चापलूसी, स्वार्थ और उजबकपन करते हुए सिस्टम को खोखला कर रहे असामाजिक तत्वों पर करारा प्रहार भी किया।

खैरागढ़। इंदिरा कला संगीत विश्वविद्यालय खैरागढ़ में 4 अप्रैल को विश्वविद्यालय के नाट्य विभाग के द्वारा नाटक 'ग्लोबल राजा' का मंचन किया गया। विश्वविद्यालय की कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता चंद्राकर की विशेष उपस्थिति में मंचित लगभग 45 मिनट के इस नाटक ने पूरे समय दर्शकों को खूब गुदगुदाया। साथ ही झूठ, दिखावा, चापलूसी, स्वार्थ और उजबकपन करते हुए सिस्टम को खोखला कर रहे असामाजिक तत्वों पर करारा प्रहार भी किया। यह नाटक विश्वविद्यालय के नाट्य विभाग के प्रमुख प्रो. डॉ. योगेंद्र चौबे के निर्देशन में पेश किया गया।

इस नाटक में नाटककार ने मल्टीनेशनल दर्जियों के बहाने राज-व्यवस्था में राष्ट्रीय व बहुराष्ट्रीय कंपनियों के षड़यंत्रों को प्रभावी रूप से प्रदर्शित किया है।प्रभावशाली कुर्सियों पर बैठे लोगों के द्वारा देशी-वस्तुओं को बढ़ावा न देने और उनकी अवहेलना कर विदेशी वस्तुओं का अधिक से अधिक आयात करने के कारण डगमगाई अर्थव्यवस्था और विश्व के बड़े बाजारों द्वारा छोटे बाजारों पर किये जा रहे हमले को इस नाटक में व्यवस्थित ढंग से प्रस्तुत किया गया है। यह नाटक मंत्री के किरदार के रूप में समाज के तमाम ऐसे किरदारों को बेनकाब करता है, जो जिम्मेदार कुर्सी पर बैठकर अपनी कुर्सी बचाते हुए अपने फायदे के लिए झूठ, पाखंड, दिखावा, चापलूसी कर रहे हैं और समाज के लिए अभिशाप बने हुए हैं। यद्यपि इस नाटक के सारे किरदार किसी न किसी रूप में समाज की कड़वी सच्चाई को बेख़ौफ़ ढंग से सामने लाते हैं। नाटक के निर्देशक प्रो. डॉ. योगेंद्र चौबे का नाम देश के सुप्रसिद्ध रंग-निर्देशक के रूप में शुमार यूँ ही नहीं है। 'ग्लोबल राजा' उनकी रचनात्मकता के साथ-साथ सच्चाई को सार्वजनिक रूप से अभिव्यक्त करने के उनके साहस का भी परिचय देता है। परदे के आगे और पीछे दोनों ओर भूमिका निभाने वाले सारे कलाकारों ने इतना सशक्त अभिनय किया कि दर्शक शुरू से लेकर आखिरी तक बंधे के बंधे रह जाते हैं। कुलपति पद्मश्री डॉ. ममता चंद्राकर, कुलसचिव प्रो डॉ आईडी तिवारी, अधिष्ठाता प्रो. डॉ. मृदुला शुक्ल ने सभी कलाकारों को बेहतरीन प्रस्तुति के लिए बधाई दी। इस अवसर पर सुविख्यात फिल्म डायरेक्टर-प्रोड्यूसर प्रेम चंद्राकर, अधिष्ठाता प्रो. डॉ हिमांशु विश्वरूप, प्रो. डॉ.लिकेश्वर वर्मा, प्रो. डॉ. अजय पांडेय, सहायक कुलसचिव राजेश गुप्ता, असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. हरि ओम हरि समेत अनेक अधिष्ठाता, शिक्षकगण, अधिकारीगण, शोधार्थी, छात्र-छात्राएं और विश्वविद्यालय परिवार मौजूद था।

Tags

Next Story