बापू की जयंती पर फिर चर्चा में गोडसे : गांधी प्रतिमा पर भाजपा नेताओं ने किया माल्यार्पण

रायपुर। महात्मा गांधी की जयंती पर छत्तीसगढ़ में अक्सर सियासी बवाल मचता रहा है। सो शनिवार दो बक्टूबर को एक बार फिर से इस पर सियासत हुई। इस बार गांधी बनाम गोडसे पर सियासी वार पलटवार हुए। बापू और शास्त्री जी की जयंती पर भाजपा नेताओं ने गांधी प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। स्वच्छता अभियान चलाया और खादी का सामान खरीदा। इस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने टिप्पणी की- जो लोग महात्मा गांधी के हत्यारे गोडसे के लिए मुर्दाबाद नहीं कह सकते, उनके लिए गांधी केवल विवशता हो सकती है।
पीएम मोदी के जन्मदिन से शुरू हुए सेवा और समर्पण अभियान के तहत भाजपा ने शनिवार सुबह आजाद चौक स्थित महात्मा गांधी की प्रतिमा पर माल्यार्पण किया। यहां पहुंचे नेताओं में पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह, प्रदेश अध्यक्ष विष्णुदेव साय, संगठन महामंत्री पवन साय, सांसद सुनील सोनी, विधायक बृजमोहन अग्रवाल और पूर्व विधायक राजेश मूणत शामिल थे। यहां से गुरु घासीदास प्लाजा भाजपा नेता पहुंचे और झाड़ू लगाया। वहां से आनंद समाज वाचनालय के पास स्थित खादी दुकान पहुंचकर कपड़े आदि खरीदे। भाजपा कार्यकर्ताओं ने रायपुर शहर में लगी महापुरुषों की प्रतिमाओं को साफ किया और पुष्पांजलि अर्पित की। इधर, किसान सम्मेलन के लिए बेमेतरा रवाना होने से पहले मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा, 'गांधी जी को पूरी दुनिया मान रही है। जो लोग गांधी जी को नहीं मानते थे, वे भी उन्हें मानने लगे हैं, उससे अच्छी बात क्या हो सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा, मैंने विधानसभा में कहा था, गांधी को मान रहे हैं अच्छी बात है, लेकिन गोडसे मुर्दाबाद तो बोलिए। मैंने कहा, गोडसे मुर्दाबाद उस समय भाजपा के एक भी विधायक के मुंह से शब्द नहीं निकला। जिसने गांधी की हत्या की, उसके मुर्दाबाद का नारा जो नहीं लगा सकते तो गांधी को मानना आपकी विवशता ही है। आप मन से नहीं मान रहे हैं। आप छद्म रूप से गांधी को नहीं मान सकते।

गांधी आज भी प्रासंगिक: डा रमन
पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने कहा, यह हमारे लिए गौरव का विषय है कि महात्मा गांधी ने देश ही नहीं दुनिया के अंदर भी सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया। गांधी जी ने स्वच्छता का जो प्रयोग किया था, वह आज भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना पहले था।
गांधी पर चर्चा में गोडसे पर मचा था बवाल
छत्तीसगढ़ विधानसभा ने 2 अक्टूबर 2019 को महात्मा गांधी पर विशेष सत्र आयोजित किया था। उस दिन मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सदन में कहा था, देश में दो विचारधाराएं थीं, एक का प्रतिनिधित्व गांधी जी करते थे और दूसरे का प्रतिनिधित्व नाथूराम गोडसे। गांधी जी की जय-जयकार होती है तो गोडसे के विचारधारा की भर्त्सना भी होनी चाहिए। गोडसे का मुर्दाबाद भी होना चाहिए। इस बयान के बाद भाजपा विधायक हंगामा करने लगे थे। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा था, 'नाथूराम गोडसे को मुर्दाबाद कहना गाली देने के बराबर है। गांधीजी कभी भी हिंसा का रास्ता नहीं बताते थे। बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, चर्चा गांधी पर थी तो उन्हीं पर होनी चाहिए। गोडसे पर होगी तो उस पर चर्चा की जाएगी।
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