गोलमाल : स्कूल संचालक, आपरेटर और क्लर्क ने मिलकर किया 65 लाख का घोटाला, तीनों आरोपी सलाखों के पीछे

गोलमाल : स्कूल संचालक, आपरेटर और क्लर्क ने मिलकर किया 65 लाख का घोटाला, तीनों आरोपी सलाखों के पीछे
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शिक्षा के अधिकार के तहत कार्यक्रम के लिए विभाग को 7 लाख का भुगतान करना था। इसके विपरीत स्कूल संचालक, आपरेटर व क्लर्क ने मिलकर बड़े घोटाले को अंजमा देते हुए 72 का भुगतान किया। इस तरह शासन को 65 लाख का चूना लगा दिया गया। क्या है पूरा मामला जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर…

जांजगीर-चांपा। शिक्षा विभाग के कंप्यूटर ऑपरेटर, क्लर्क और एक स्कूल संचालक के 72 लाख रुपए के घोटाले के मामले में आखिरकार पुलिस ने मामला दर्ज कर तीनों को गिरफ्तार कर लिया है। माना जा रहा है कि कलेक्टर ने इस मामले को लेकर वर्तमान डीईओ को कार्रवाई करने के निर्देश दिए। इस पर डीईओ ने कंप्यूटर ऑपरेटर विकास साहू को बर्खास्त और क्लर्क शिवानंद राठौर को निलंबित कर दिया। इसके बाद डीईओ ने शनिवार को पूरे मामले की शिकायत पुलिस से की। इसके बाद पुलिस ने तीनों को गिरफ्तार कर लिया गया।

क्या है पूरा मामला :

साल 2019-20 में मयुरा कॉन्वेंट स्कूल को शिक्षा विभाग की तरफ से शिक्षा के अधिकार के तहत कार्यक्रम के लिए 7 लाख रुपए का भुगतान करना था। इसके विपरीत संचालक को 72 लाख रुपए दे दिए गए। इस बात की जानकारी जब एक सामाजिक कार्यकर्ता को लगी तब उन्होंने सूचना का अधिकार लगाया। इसके बाद यह अहम जानकारी सबके सामने आ गई। इसके बाद जांच में यह तथ्य सामने आया कि तीनों आरोपियों की मिलीभगत से ये घोटाला हुआ है। स्कूल संचालक राजेंद्र मौर्य ने जमा कराए 35 लाख : तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी ने पहले तो संचालक को नोटिस जारी किया था। उस दौरान कहा गया कि 65 लाख रुपए का भुगतान वापस शिक्षा विभाग को कर दिया जाए। इस पर संचालक राजेंद्र मौर्य ने सिर्फ 35 लाख रुपए ही जमा कराए। बाकी के पैसों के लिए वह टालमटोल करता रहा।

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