Goods Train : मालगाड़ियां भी 110 की रफ्तार से दौड़ेंगी, नए वैगन में कार - ट्रैक्टर की ढुलाई भी संभव

Goods Train :  मालगाड़ियां भी 110 की रफ्तार से दौड़ेंगी, नए वैगन में कार - ट्रैक्टर की ढुलाई भी संभव
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रेलवे कोच (railway coach) की डिजाइन इस तरह है कि उसका सभी तरह से इस्तेमाल किया जा सके। इस वैगन में खास तौर पर मोटरसाइकिल कार, ट्रैक्टर, वैन व आटो आदि की आसानी से ढुलाई हो सकेगी। प्रति कोच की लागत करीब 48 लाख रुपए बताई गई है। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। ट्रेन (train) के बाद अब रेलवे मालगाड़ी (railway goods train)की रफ्तार बढ़ाने न्यू मॉडिफाइड गुड्स वैगन, एनएमजी (NMG)तैयार कर रहा है, जिसकी मदद से अब दपूमरे जोन में भी वाहनों का परिवहन हो सकेगा। रेलवे कोच (railway coach) की डिजाइन इस तरह है कि उसका सभी तरह से इस्तेमाल किया जा सके। इस वैगन में खास तौर पर मोटरसाइकिल कार, ट्रैक्टर, वैन व आटो आदि की आसानी से ढुलाई हो सकेगी। प्रति कोच की लागत करीब 48 लाख रुपए बताई गई है।

एनएमजी बनाने के लिए 25 से 30 साल या उससे भी पुराने आईसीएफ टेक्नोलॉजी (ICF technology)के कोचों का उपयोग किया जा रहा है। इन कोचों को नए सिरे से बनाया जाएगा ताकि इनकी क्वालिटी और मजबूती बरकरार रहे। मालगाड़ियां ऑटोमोबाइल लेकर 90 की जगह अधिकतम 110 किमी. प्रति घंटे की गति से चलेंगी। भोपाल और गोरखपुर कारखाने में हाईस्पीड वैगन बनकर तैयार हो रहे हैं। जल्द नए मॉडिफाइड गुड्स वैगन छत्तीसगढ़ रेल मार्ग पर चलाया जाएगा।

रेलवे मालगाड़ी निर्देश के बाद गति बढ़ाने की तैयारी शुरू

कारखाने के इंजीनियरों ने 90 किमी. प्रति घंटे वाले निर्मित जनरल एनएमजी की गति बढ़ाने की तैयारी भी शुरू कर दी है। रेलवे बोर्ड ने पूर्व निर्मित जनरल एनएमजी की गति 110 किमी. प्रति घंटे करने के लिए भी निर्देश जारी किया है। जनरल एनएमजी की गति बढ़ाने का कार्य आरंभ है। आने वाले दिनों में नए ही नहीं, पुराने एनएमजी भी 110 किमी. प्रति घंटे की गति से चलेंगे। पूर्वोत्तर रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी पंकज कुमार सिंह ने बताया कि इन वैगनों को पुराने कन्वेंशनल कोच को परिवहन आवश्यकताओं के अनुरूप मॉडिफाई किया जा रहा है।

प्रति कोच में रेलवे को 48 लाख की बचत

नए एनएमजीएच कोच में चारपहिया वाहनों के लिए पीछे की तरफ दिए जाने वाले एंट्री गेट के साथ ही दोपहिया गाड़यिों के लिए साइड से एंट्री बनाई जाएगी। इनमें दोपहिया वाहनों का परिवहन भी किया जा सकेगा। इतना ही नहीं, डिजाइन को इतना लचीला बनाया जाएगा कि उसमें अन्य तरह के सामान का परिवहन भी हो सके। आमतौर पर पुराने आईसीएफ कोच को नए सिरे से तैयार करने में अधिकतम 80 लाख रुपए प्रति कोच खर्च आता है, लेकिन पुराने सामान का अधिकतम उपयोग कर 150 कोचों को एनएमजी में तब्दील करने के लिए करीब 48 लाख रुपए प्रति कोच अधिकतम खर्च किया जाएगा।

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