सरकार ने जारी किए नए निर्देश, पेंशन राशि के लिए चुनना होगा पेंशन का विकल्प

हरिभूमि न्यूज:रायपुर। छत्तीसगढ़ के शासकीय सेवकों की पेंशन योजना पर राज्य सरकार के वित्त विभाग ने एक और आदेश जारी किया है। सरकार ने इस आदेश के जरिए नवीन अंशदायी पेंशन योजना से संबंधित सेवानिवृत्ति, मृत्यु, सेवा त्याग के प्रकरणों में अंतिम आहरण पर जो रोक लगाई थी, उसे हटा लिया गया है। साथ ही ये भी कहा गया है कि जब शासकीय सेवक पुरानी पेंशन योजना या नवीन पेंशन योजना का विकल्प चुन लें, तभी राशि वापस (आहरण) ले सकते हैं।
ये है मामला
राज्य सरकार ने हाल ही में कहा था कि शासकीय सेवक चाहें, तो पुरानी पेंशन योजना या नवीन अंशदायी पेंशन योजना में शामिल रह सकते हैं, लेकिन उन्हें दोनों में से एक विकल्प चुनना होगा। इसके बाद सरकार ने एक और आदेश जारी कर कहा था कि शासकीय सेवकों को एक माह के भीतर एक विकल्प चुनना होगा। एक बार विकल्प चुनने के बाद इसमें कोई बदलाव नहीं होगा। अब 25 जनवरी को जारी तीसरे आदेश में कहा गया है कि एक पेंशन योजना का विकल्प चुनने के बाद ही आहरण कर सकते हैं।
राशि निकालने पर सरकार ने लगाई थी रोक
खास बात ये है कि राज्य सरकार ने 1 नवंबर 2004 से लागू नवीन अंशदायी पेंशन योजना के स्थान पर 1 अप्रैल 2023 से पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने का आदेश जारी किया था। इसी समय सरकार ने नवीन अंशदायी पेंशन योजना के संबंध में सेवा निवृत्ती, मृत्यु, सेवा त्याग के प्रकरणों में अंतिम आहरण (राशि निकालने) पर रोक का आदेश जारी किया था। अब इस आहरण पर लगी को हटाया गया है, लेकिन साथ ही शर्त ये है कि शासकीय सेवकों को पहले एक पेंशन योजना को चुनना होगा।
कर्मचारी संगठनों को रास नहीं आई योजना
एक तरफ राज्य सरकार ने पहले नवीन अंशदायी पेंशन योजना को समाप्त कर उसके स्थान पर पुरानी पेंशन योजना को लागू किया। इसके बाद हाल ही में दोनों पेंशन योजनाएं जारी रखने की बात कही, लेकिन सरकार का यह फैसला शासकीय सेवकों को रास नहीं आ रहा है। राज्य के शासकीय कर्मियों के संगठन इसे लेकर एतराज जता रहे हैं। हालांकि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने अभी केवल यही कहा है कि कर्मचारी सोच समझकर जानकारों से राय लेकर पेंशन योजना का विकल्प चुनें।
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