पब्लिक स्कूलों सा एहसास कराते छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूल, स्वामी आत्मानंद विद्यालयों ने बदला शिक्षा का माहौल

पब्लिक स्कूलों सा एहसास कराते छत्तीसगढ़ के सरकारी स्कूल, स्वामी आत्मानंद विद्यालयों ने बदला शिक्षा का माहौल
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शिक्षा के क्षेत्र में छत्तीसगढ़ सरकार का नवाचार रंग लाने लगा है। ग्लोबलाइजेशन के दौर में अंग्रेजी एक सार्वभौमिक भाषा है। इसी बात को ध्याचन में रखते हुए सरकार ने छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूलों की शुरुआत की है। पढ़िए पूरी खबर....

सचिन अग्रहरी-राजनांदगांव। छत्तीसगढ़ में भूपेश बघेल सरकार ने स्वामी आत्मानंद की विरासत को सम्मान देने और कमजोर आय वर्ग के बच्चों को अच्छी शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए स्वामी आत्मानंद इंग्लिश मीडियम स्कूल योजना की शुरुआत की। 1 नवंबर 2020 को छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण दिवस पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना की शुरुआत की। मुख्यमंत्री श्री बघेल ने छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य के लिए स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल के रूप में ऐसा निवेश किया है, जिसका लाभ आने वाली पीढ़ियों को सुखद भविष्य के रूप में मिलेगा। सभी अंग्रेजी माध्यम और हिन्दी माध्यम स्कूलों में सीबीएससी का पाठ्यक्रम संचालित किया जा रहा है। अक्सर लोगों को ऐसा कहते सुना जाता था कि, छत्तीसगढ़ के बच्चों में प्रतिभा की कोई कमी नहीं, लेकिन अंग्रेजी में चूक जाते हैं। कमजोर आय वर्ग के माता-पिता चाहते तो हैं कि, वे भी उच्च वर्ग और उच्च-मध्यम वर्ग की तरह बच्चों को अच्छी अंग्रेजी शिक्षा दे पाएं, लेकिन निजी स्कूलों की मोटी फीस जमा कर पाना उनके लिए संभव नहीं था।


कमजोर आय वर्ग के प्रतिभावान बच्चों के सपनों को लगे पंख

स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी विद्यालयों के खुलने से छत्तीसगढ़ के बच्चों में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई के लिए बेहतर माहौल बन रहा है। राज्य सरकार द्वारा शुरू की गई अंग्रेजी स्कूलों की श्रृंखला से जिला मुख्यालयों और विकासखंड स्तर पर बड़ी संख्या में गरीब और कमजोर वर्ग के प्रतिभावान बच्चे लाभान्वित हो रहे हैं। बहुत ही कम समय में इन स्कूलों ने काफी लोकप्रियता हासिल कर ली है। राज्य सरकार अंग्रेजी माध्यम के साथ-साथ हिन्दी माध्यम के स्वामी आत्मानंद स्कूल शुरू करने की तैयारी कर रहा है। इन स्कूलों में विश्व स्तरीय सुविधाएं मौजूद हैं।

निजी स्कूलों की महंगी फीस से पालकों को मिली राहत

स्वामी आत्मानंद स्कूलों की लोकप्रियता का अंदाजा मुख्यमंत्री की भेंट-मुलाकात कार्यक्रमों के दौरान साफ तौर पर देखने को मिली। इन स्कूलों की मांग और इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चे जिस तरीके से फर्राटेदार अंग्रेजी बोलकर मुख्यमंत्री से बात कर रहे थे, वह चौंकाने वाला था। इन स्कूलों के प्रारंभ होने से कम आय वर्ग के और कमजोर तबके के प्रतिभावान बच्चों के पालकों को निजी स्कूलों की महंगी फीस से काफी राहत मिली है। इन स्कूलों में नाम मात्र की फीस पर अंग्रेजी माध्यम की शिक्षा के साथ-साथ विश्व स्तरीय सुविधाएं एवं बेहतर शैक्षणिक माहौल मिल रहा है।


जितनी सीटें उससे चार गुना ज्यादा आए आवेदन

पूरे छत्‍तीसगढ़ में अपनी अलग पहचान बना चुके ये आत्मानंद अंग्रेजी मीडियम स्कूल अब रंग ला रही है। आलम यह है कि इस वर्ष 2023 में प्रवेश के लिए आवेदन शुरू होते ही अंग्रेजी माध्यम स्कूलों में सीटों की संख्या के हिसाब से तीन से चार गुना ज्यादा फार्म आ गए। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों में गजब का आत्मविश्वास देखने को मिल रहा है। अच्छे अंग्रेजी माध्यम स्कूल में बच्चों को पढ़ाने का गरीबों का सपना पूरा हो रहा है। यहां हाईटेक पढ़ाई, आकर्षक सजावट और सुविधाओं का लाभ मिलने से बच्चे उत्साहित हैं।


स्कूलों की सफलता से खुला कालेज खोलने का मार्ग

प्रदेश में 247 स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल और हिंदी माध्यम के 32 स्कूल संचालित हैं। शिक्षा व्यवस्था में सुधार की इस कड़ी को आगे बढ़ाते हुए इस शिक्षण सत्र से 422 स्कूलों का संचालन किया जाना भी प्रस्तावित है। नये प्रस्तावित स्कूलों में सरगुजा और बस्तर संभाग के 252 स्कूल शामिल होंगे, ताकि सुदूर अंचलों एवं पिछड़े क्षेत्रों में रहने वाले बच्चे भी अंग्रेजी माध्यम में पढ़ाई कर सकें। अंग्रेजी माध्यम स्कूलों की सफलता को देखते हुए राज्य सरकार ने अंग्रेजी माध्यम कॉलेज प्रारंभ करने का भी निर्णय लिया है।

10वीं, 12वीं बोर्ड के टापरों में आत्मानंद विद्यालय का दबदबा

हाल ही में छत्तीसगढ़ बोर्ड के परीक्षा परिणाम सामने आए थे, जिसमें ज्यादातर स्वामी आत्मानंद स्कूल के बच्चों ने प्रदेश में टॉप लिस्ट में आकर परचम लहराया। 12वीं के टापरों में पांच छात्र और 10वीं के दस बच्‍चों ने जगह बनाई है।

शहर ही नहीं सुदूर वनांचल में भी खुले ये स्कूल

सरकार ने यह सुनिश्चित किया कि अंग्रेजी की पढ़ाई केवल रायपुर जैसे महानगर में न हो बल्कि ग्रामीण और वनांचल क्षेत्रों में भी हो। गांव का बच्चा अंग्रेजी शिक्षा से वंचित न रहे, इसलिए इन स्‍कूलों का विस्‍तार गांव तक हो। इन स्‍कूलों में सर्वसुविधायुक्त लाइब्रेरी की भी व्‍यवस्‍था की गई है। यही नहीं, आत्मानंद स्कूल में सुंदर खेल परिसर भी है, आधुनिक सुविधाओं से लैस प्रैक्टिकल लैब हैं।


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