अनुकंपा पर सरकार की मानवीय पहल, आश्रितों का ख्याल नहीं रखा तो जाएगी नौकरी

रायपुर. छत्तीसगढ़ सरकार कोरोनाकाल में जान गंवाने वाले शासकीय सेवकों को अनुकंपा नियुक्ति दे ही रही है, साथ ही इस प्रक्रिया के दौरान मानवीय पहलू का भी ध्यान रखा जा रहा है। सरकार ने साफ किया है कि जिन लोगों को ये नौैकरी दी जा रही है, उनकी जिम्मेदारी होगी कि वे अपने घरवालों (आश्रितों) का पूरा ख्याल रखें।
अगर ऐसा नहीं किया तो उन्हें नौकरी से बाहर कर दिया जाएगा। राज्य सरकार ने प्रदेश में कोरोना से जान गंवाने वाले शासकीय सेवकों के परिजनों की मांग के मद्देनजर अनुकंपा नियुक्ति के नियम में ढील देते हुए सबसे पहले 10 प्रतिशत सीलिंग की सीमा समाप्त कर दी है। यही नहीं, सरकार ने 31 मई 2021 तक ये छूट जारी रखने का फैसला किया है।
इसके साथ ही राज्य के सरकारी विभागों में अनुकंपा नियुक्ति के प्रकरणों का तेजी से निपटारा करते हुए लगातार नियुक्ति आदेश जारी किए हैं। जाहिर है सरकार के इस कदम में पूर्व शासकीय कर्मियों के परिजनों को बड़ी राहत मिल रही है।
नियुक्ति पत्र में ये खास शर्त
अनुकंपा नियुक्तियों के प्रकरणों में जारी किए जा रहे नियुक्ति पत्र में उन शर्तों का उल्लेख है, जिसके तहत ये नियुक्तियां दी जा रही हैं। नियुक्ति की शर्तों में से एक में कहा गया है कि आवदेक द्वारा प्रस्तुत वचनपत्र के अनुसार आवेदक को दिवंगत शासकीय सेवक के आश्रित परिवार के अन्य सदस्यों का नियमानुसार भरण-पोषण करना होगा। इसे अनदेखा किया जाना अथवा उनका सही ढंग से भरण पोषण न किए जाने पर अनुकंपा नियुक्ति समाप्त की जा सकेगी।
तीन साल का होगा प्रोबेशन
अनुकंपा नियुक्ति पाने वालों को सरकार ने नियम के हिसाब से तीन साल की परिविक्षा अवधि (प्रोबेशन) पूरी करनी होगी। कर्मचारी को पहले साल उस पद के वेतनमान के न्यूनतम का 70 प्रतिशत, दूसरे साल 80 प्रतिशत, तीसरे साल वेतनमान के न्यूनतम का 90 प्रतिशत स्टाइपेंड दिया जाएगा, लेकिन परिवीक्षा अवधि के दौरान स्टाइपेंड के साथ अन्य भत्ते शासकीय सेवक की तरह प्राप्त होंगे।
देना होगा चरित्र प्रमाणपत्र
नियुक्ति पत्र मिलने के बाद पदभार ग्रहण करते समय चरित्र सत्यापन के लिए अनुप्रमाणन फार्म में समस्त जरूरी जानकारी भरकर देनी होगी। पुलिस सत्यापन में गलत जानकारी पाए जाने पर सेवा समाप्त की जा सकेगी। नियुक्ति आदेश मिलने के बाद 15 दिनों के भीतर अपनी उपस्थिति देनी होगी, इसी समय पदस्थापना स्थल पर सभी वांछित प्रमाणपत्र देने होंगे। शासन के सभी नियमों एवं निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा। यह वचनपत्र भी देना होगा कि शासकीय सेवा में उपस्थिति के दौरान मद्यपान, मादक द्रव्यों का सेवन नहीं करेगा।
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