गुप्त नवरात्रि : रतनपुर मां महामाया मंदिर में हुई घटस्थापना, ज्योति कलश प्रज्ज्वलन के साथ गुप्त नवरात्र प्रारंभ

कोटा/बिलासपुर। आषाढ़ मास में आने वाली गुप्त नवरात्रि के बारे में कम ही लोग जानते हैं। गुप्त नवरात्रि जिसमें गुप्त साधना के लिए मां भगवती के अलग अलग रूपों की पूजा-अर्चना की जाती है। इस बार आषाढ़ माह में गुप्त नवरात्र 30 जून से प्रारंभ होकर 8 जुलाई तक रहेगी। नवरात्र वर्ष में चार बार आते हैं। दो बार गुप्त और दो बार सामान्य रूप से नवरात्रि मनाई जाती है। गुप्त नवरात्रि में साधक बाधाओं का नाश करने के लिए देवी उपासना करते हैं।
गुप्त नवरात्र की पूजा को गोपनीय रखा जाता है। साधना जितनी गुप्त होगी उसका फल भी उतना ही फलदायी होगा। इस नवरात्र में देवी की दस महाविद्याओं की साधना और आराधना करने का विधान है। इनमें मां काली, तारा देवी, त्रिपुर सुंदरी, भुवनेश्वरी, चित्रमस्ता, त्रिपुर भैरवी, धूमावती, बंगलापुरी, मातंगी और मां कमला देवी की साधना होती है।
सिद्ध शक्ति पीठ माँ महामाया देवी मंदिर के पूजा प्रभारी सतीश शर्मा ने बताया कि सिद्ध शक्तिपीठ श्री महामायादेवी मंदिर ट्रस्ट रतनपुर में आषाढ़ नवरात्रि महोत्सव 2022 आषाढ़ शुक्ल 1 गुरुवार सुबह 7 से 9 बजे घटस्थापन, ज्योति कलश प्रज्ज्वलन, देवी षोडशोपचार पूजन, दुर्गा सप्तशती आदि पाठ किया गया। वहीं आषाढ़ शुक्ल 8, गुरुवार 7 जुलाई सुबह 9 बजे से यज्ञवेदी पूजन महाष्टमी पूजन, हवन, पूर्णाहूति(मध्यान्ह 3 बजे) एवं यज्ञशांति पुष्पांजलि आशीर्वाद। आषाढ़ शुक्ल 9, शुक्रवार 8 जुलाई महानवमी पूजन पूर्वान्ह 11 बजे राजसी नैवेद्य, कन्याभोज, ब्रह्मभोज, गुप्त नवरात्रि विर्सजन होगा। गुप्त नवरात्रि में देवी के समक्ष घी का दीपक चलाने और लाल फूलों की माला चढ़ाने से भक्त की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती है। गुप्त नवरात्र में दस महाविद्याओं की आराधना की जाती है, जो शक्ति का स्वरूप है। गुप्त नवरात्र में मां शक्ति के सभी रूपों की उपासना करने से शारीरिक शक्ति और मानसिक शांति मिलती है। देखिए वीडियो-
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