गुरु घासीदास जयंती : बाबा की 266वीं जयंती पर गिरौदपुरी में लगा मेला, बड़ी संख्या में पहुंचे श्रद्धालु

कुश अग्रवाल/बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के कसडोल विकासखंड के प्रसिद्ध धार्मिक स्थल और बाबा गुरु घासीदास की जन्मभूमि गिरौदपुरी में आज 18 दिसंबर को गुरु घासीदास की 266वीं जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है। इसके लिए शासन-प्रशासन की ओर से दर्शनार्थियों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए आवश्यक व्यवस्था की गई है। यहाँ हर साल 18 दिसंबर को जयंती के अवसर पर मेला का आयोजन होता है। इसमें दूर-दूर से बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचकर बाबा के गुरु गद्दी का दर्शन करते हैं। यहां का मुख्य दर्शनीय स्थल बाबा के मंदिर के अलावा अमृत कुंड, चरण कुंड, छाता पहाड़ और सबसे महत्वपूर्ण जैतखाम है, जहां पहुंचकर दर्शनार्थी दर्शन का लाभ लेते हैं। देखिए वीडियो-
कुतुब मीनार से भी ऊंचा है जैतखाम की ऊंचाई
बता दें कि, चरण कुंड में गुरु घासीदास बाबा हाथ-मुंह धोते थे, इसके कारण श्रद्धालु श्रद्धा से स्नान करते हैं। उसके बाद दर्शन के लिए जाते हैं। अमृत कुंड का जल भर कर दर्शनार्थी बड़ी श्रद्धा से घर ले जाते हैं, जिसे धार्मिक कार्यों में उपयोग करते हैं। मान्यता है कि इस अमृत कुंड का पानी कभी खराब नहीं होता। छाता पहाड़ यही वह स्थान है जहां बाबा गुरुघासीदास तप किये थे, जिसके कारण इसे तपोभूमि और सिद्द स्थल भी कहा जाता है। कहते हैं कि आज भी जो श्रद्धालु यहां पवित्र मन से ध्यान करे तो उनका सभी कार्य पूर्ण हो जाता है। यह स्थान गिरौदपुरी से करीब तीन किमी जंगल के बीच में है, जहां दर्शनार्थी पहुंचकर छाता पहाड़ का दर्शन कर और परिक्रमा कर सुकून महसूस करते हैं। यहां बने जैतखाम की ऊंचाई कुतुबमीनार से भी ज्यादा है। कुतुब मीनार की ऊंचाई 236 फीट है, जबकि जैतखाम 243 फीट ऊंचा है। इसकी चौड़ाई 200 फीट है।




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