सराफा, कपड़ा, इलेक्ट्रॅानिक्स सेक्टर की आधी सांसें ही लौटी

सराफा, कपड़ा, इलेक्ट्रॅानिक्स सेक्टर की आधी सांसें ही लौटी
X
लॉकडाउन के पांचवें चरण में अनलॉक हुए बाजार में सराफा, कपड़ा, इलेक्ट्राॅनिक सहित जिन भी सेक्टरों को दुकानें खोलने का मौका मिला है उनकी आधी सांसें ही लौटी हैं। जिन 11 बाजारों की दुकानों को सप्ताह में महज तीन दिन ही दुकानें खोलने का मौका मिल रहा है उनको बड़ी परेशानी हो रही है।

लॉकडाउन के पांचवें चरण में अनलॉक हुए बाजार में सराफा, कपड़ा, इलेक्ट्राॅनिक सहित जिन भी सेक्टरों को दुकानें खोलने का मौका मिला है उनकी आधी सांसें ही लौटी हैं। जिन 11 बाजारों की दुकानों को सप्ताह में महज तीन दिन ही दुकानें खोलने का मौका मिल रहा है उनको बड़ी परेशानी हो रही है। इसको लेकर विरोध भी हो रहा है। शादियों के सीजन के लिए जिन कारोबारियों ने करोड़ों का माल मंगाकर रखा है उनका डंप माल जून में पूरा बाजार खुलने पर ही कुछ खपेगा।

शादियों के सीजन को देखते हुए खासकर सराफा, कपड़ा, इलेक्ट्राॅनिक्स, मोबाइल, बर्तन, फर्नीचर के कारोबारियों ने करोड़ों का माल मंगाकर रखा है। इनको इस बार उम्मीद थी कि उनका अच्छा कारोबार होगा। इसमें संदेह नहीं कि अगर लाॅकडाउन नहीं लगता तो कारोबार अच्छा होता लेकिन मार्च में कोरोना की दूसरी लहर के बाद 10 अप्रैल से लगातार लॉकडाउन चल रहा है।

40 से 50 फीसदी कारोबार

अनलॉक हुए बाजार में सराफा में रौनक लौटी है, लेकिन ज्यादा कारोबार नहीं हो रहा है। रायपुर सराफा एसोसिएशन के अध्यक्ष हरख मालू का कहना है जिनको शादी की खरीदारी करनी है ऐसे ही लोग आ रहे हैं। अभी सामान्य दिनों की तुलना में आधा कारोबार ही हो रहा है। पंडरी कपड़ा बाजार एसोसिएशन के अध्यक्ष चंदर विधानी का कहना है एक कारोबारी तीन दिन ही दुकान खोल पा रहा है। अभी तो मुश्किल से 35 फीसदी ही कारोबार हो पा रहा है।

कपड़ा बाजार में रायपुर में जहां तीन से चार सौ करोड़ का स्टॉक डंप है, वहीं पूरे प्रदेश काे मिलाकर कपड़ों का हजार करोड़ का स्टॉक डंप है। इसी तरह से सराफा, इलेक्ट्राॅनिक्स, मोबाइल, बर्तन और अन्य सेक्टर को मिलाकर एक हजार करोड़ का और माल डंप है जो शादियों के सीजन के लिए मंगाया गया। कारोबारियों का कहना है कि इस स्टॉक की कम से कम 30 से 40 फीसदी खपत तभी संभव होगी जब जून ने पूरा बाजार अनलॉक होगा।

एसी-कूलर का कारोबार चौपट

भले एसी, कूल, फ्रिज कारोबारियों को दुकानें खोलने का मौका मिल गया है, लेकिन इनका ज्यादातर कारोबार चौपट हो चुका है। इस सेक्टर में खासकर थोक कारोबारियों का कारोबार ठप है। डीलर गिरधर ग्वालानी का कहना है, एसी, कूलर के चिल्हर कारोबारियों के पास जो माल है, उसे बेचने में लगे हैं। अब तो गर्मी का सीजन ज्यादा बचा नहीं है, ऐसे में चिल्हर कारोबारियों के पास जो स्टॉक है उसी के समाप्त होने की संभावना नहीं है। जब तक चिल्हर कारोबारियों का स्टॉक समाप्त नहीं होगा थाेक कारोबारियों से कोई माल लेगा नहीं।

हमारी दुकानें ही तीन दिन क्यों?

जिन बाजारों की दुकानों को दाएं और बाएं खोलने का मौका मिला है, उन बाजारों के काराबोरी खासे नाराज हैं। मालवीय रोड व्यापारी संघ के अध्यक्ष राजेश वासवानी का कहना है कि जब छत्तीसगढ़ चैंबर ऑफ काॅमर्स ने बाकी बाजारों को पूरा खुलवाने का काम किया है तो 11 बाजारों के लिए कलेक्टरों से क्यों मांग नहीं की गई। उनका कहना है कि इसके पीछे चैंबर की अपनी राजनीति है जिसका खामियाजा कारोबारियों को उठाना पड़ रहा है। हम लोगों ने कलेक्टर से अन्य बाजारों की तरह दोनों तरफ की दुकानें रोज खोलने देने की मांग की है।


Tags

Next Story