7 महीने बाद भी नहीं खुला हमर क्लीनिक, सरकार की योजना नाकाम

7 महीने बाद भी नहीं खुला हमर क्लीनिक, सरकार की योजना नाकाम
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घर के समीप ही बीपी-शुगर की जांच और बुखार के इलाज के लिए जिले में बनाई गई हमर क्लीनिक की योजना सात महीने बाद भी व्यवस्थित नहीं हो पाई है। कहीं डाॅक्टरों की कमी है तो कहीं पर्याप्त स्टाॅफ और कहीं स्थायी भवन का रोना है।

रायपुर। घर के समीप ही बीपी-शुगर की जांच और बुखार के इलाज के लिए जिले में बनाई गई हमर क्लीनिक की योजना सात महीने बाद भी व्यवस्थित नहीं हो पाई है। कहीं डाॅक्टरों की कमी है तो कहीं पर्याप्त स्टाॅफ और कहीं स्थायी भवन का रोना है। मई माह में 52 स्थानों पर हमर क्लीनिक खोलने की योजना थी, मगर 11 में तो विभाग डाॅक्टर की नियुक्ति नहीं कर पाया है। वहीं कुछ हमर क्लीनिक की स्थिति काफी बेहतर है और वहां मरीजों की संख्या और उपचार की व्यवस्था भी संतुष्टिपूर्ण है।

बदलते मौसम की वजह से अभी सर्दी-खांसी और बुखार की समस्या बढ़ रही है, हर इलाके में हमर क्लीनिक नहीं खुलने की वजह से मरीजों को प्राथमिक इलाज के लिए निजी डिस्पेंसरी या बड़े अस्पताल तक जाने का सफर तय करना पड़ रहा है। मई माह में जब हमर क्लीनिक के तहत उप स्वास्थ्य केंद्रों में एमबीबीएस डाॅक्टर की तैनाती की योजना बनाई गई थी, तक लोगों को प्राथमिक उपचार की सुविधा देने का उद्देश्य था। समय बीतने के बाद इस योजना के काम की रफ्तार धीमी हो गई और अब तक 11 अस्पतालों में डाॅक्टर ही नियुक्त नहीं किए जा सके हैं। साथ ही वहां तैनात नर्सिंग स्टाॅफ और अन्य कर्मचारी ही नियमित टीकाकरण के साथ बाकी कार्य पूरे कर रहे हैं। इसी तरह दर्जनभर हमर क्लीनिक स्टाॅफ के अभाव में औपचारिक रूप से संचालित किए जा रहे हैं। इन्हें ऐसे स्थानों पर खोला गया है, जहां तक पहुंचने में क्षेत्र के मरीज को भी काफी दिक्कत हो रही है।

वहीं शहरी इलाकों में शुरू किए गए कई हमर क्लीनिक की स्थिति बेहतर है। बीएसयूपी काॅलोनी भाठागांव में किराए के आवास में हमर क्लीनिक का संचालन हो रहा है। इसके लिए स्थायी भवन का निर्माण किया जा रहा है। हमर क्लीनिक की ओपीडी प्रतिदिन 25 से 30 हो रही है और दवाएं तथा स्टाॅफ पर्याप्त संख्या में हैं। संतोषी नगर के हमर क्लीनिक में भी पर्याप्त संख्या में सर्दी-खांसी के मरीज पहुंच रहे हैं, इसी तरह दर्जनभर स्थानों के हमर क्लीनिक की स्थिति संतोषजनक है।

दूसरी शिफ्ट में क्लीनिक पर ताला

नियम के मुताबिक हमर क्लीनिक का संचालन दो शिफ्ट में किया जाना है। पहली शिफ्ट में सुबह 9 से दोपहर 1 बजे तथा शाम 5 से रात 8 बजे तक यहां ओपीडी में मरीजों का इलाज किया जाना है, मगर ज्यादातर हमर क्लीनिक दोपहर बाद बंद हो जा रहे हैं और वहां इलाज की आस में आने वाले मरीजों को निराश होकर वापस लौटना पड़ रहा है। इस तरह की ज्यादातर शिकायतें ग्रामीण इलाकों में संचालित हमर क्लीनिक में सामने आ रही हैं।

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