डेढ़ साल से अटका आधा दर्जन कॉलोनियों के हैंडओवर प्रस्ताव, मूलभूत सुविधाओं से वंचित सैकड़ों परिवार

रायपुर: राज्य शासन के निर्णय के बाद भी रायपुर नगर निगम रायपुर विकास प्राधिकरण और छत्तीसगढ़ हाउसिंग बोर्ड के आवासीय काॅलोनियों काे अधिग्रहित नहीं कर रहा है। प्राधिकरण ने आधा दर्जन से ज्यादा पुरानी व नई आवासीय काॅलोनियों को नगर निगम को हैंडओवर करने प्रस्ताव बनाकर सालभर पहले निगम मुख्यालय के पास भेजा था, पर निगम प्रशासन ने आरडीए की आधा दर्जन काॅलोनियों व हाउसिंग बोर्ड की काॅलोनी को अब तक हैंडओवर नहीं लिया है। ऐसे में अब रायपुर विकास प्राधिकरण ने छत्तीसगढ़ शासन के अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर इस ओर शासन का ध्यान आकर्षित कराते हुए कैबिनेट के निर्णय का पालन कराने आग्रह किया है।
शहर में रायपुर विकास प्राधिकरण द्वारा निर्मित आधा दर्जन आवासीय काॅलोनियाें को निर्माण के दशकभर बाद भी नगर निगम ने हैंडओवर नहीं लिया है। इससे इन काॅलोेेनियों में रहने वाले परिवारों को मूलभूत सुविधाओं के लिए परेशान होना पड़ रहा है। इन आवासीय काॅलोनियों में आरडीए का बहुप्रतीक्षित आवासीय प्राेजेक्ट कमल विहार योजना भी शामिल है, जिसमें 9 सेक्टर ऐसे हैं, जिसे निगम क्षेत्र में शामिल करने आरडीए ने बकायदे रायपुर नगर निगम को प्रस्ताव बनाकर 6 माह पहले भेजा, पर अभी तक नगर निगम के अफसरों ने इस पर कोई निर्णय नहीं लिया। इसमें कमल विहार के सेक्टर 2, सेक्टर 4, 5, 6, 7, 8, सेक्टर 13 से लेकर सेक्टर 15 का आवासीय परिसर शामिल है।
कतार में ये काॅलोनियां भी
इंद्रप्रस्थ फेज- 1 निर्माण वर्ष 2010
आरडीए की हीरापुर काॅलोनी कुल फ्लैट की संख्या 816 निर्माण - वर्ष 2016
सरोना की आरडीए की काॅलोनी -------- 700 निर्माण वर्ष 2017
बोरियाखुर्द की आरडीए काॅलोनी कुल फ्लैट की संख्या 1800 निर्माण वर्ष 2017
रायपुरा की आरडीए काॅलोनी ----------972 निर्माण वर्ष 2017
इसी तरह छत्तीसगढ़ गृह निर्माण मंडल द्वारा बनाई गई कबीर नगर हाउसिंग बोर्ड काॅलोनी और कचना की हाउसिंग बोर्ड काॅलोनी के लिए प्रस्ताव बनाकर इसे हैंडओवर करने गृह निर्माण मंडल ने नगर निगम को पहले ही प्रस्ताव भेजा है, जिस पर अब तक निर्णय नहीं लिया गया।
कैबिनेट की बैठक में जुलाई 2021 में निर्णय
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल एवं मंत्रिमंडल की बैठक में आरडीए, हाउसिंग बोर्ड द्वारा निर्मित आवासीय काॅलोनियों को नगर निगम को हैंडओवर करने संबंधी निर्णय 20 जुलाई 2021 को पारित किया जा चुका है। इस संबंध में 5 अगस्त 2021 को कैबिनेट के निर्णय संबंधी आदेश की काॅपी रायपुर विकास प्राधिकरण, हाउसिंग बोर्ड और नगर निगम को जारी की जा चुकी है। इसके बाद भी आधा दर्जन से ज्यादा आवासीय काॅलोनियों को नगर निगम ने टेकओवर नहीं लिया।
अनदेखी कर रहा निगम
निगम के अधिकारी कैबिनेट के निर्णय को नहीं मान रहे। राज्य शासन के निर्देश पर आरडीए की आधा दर्जन से ज्यादा आवासीय काॅलोनियों को नगर निगम में हैंडओवर करने प्रस्ताव भेज दिया गया है। नगर निगम के अधिकारी और आरडीए के अफसरों का संयुक्त सर्वे संबंधित काॅलोनियों में कराया जा चुका है। नगर निगम ने एक भी काॅलोनी को हैंडओवर नहीं लिया है। अपर मुख्य सचिव को पत्र लिखकर अवगत करा रहे हैं।
गुण-दोष के आधार पर टेकओवर
आरडीए और हाउसिंग बोर्ड की ज्यादातर काॅलोनियां डेढ़ से दो दशक पुरानी हैं, जिनमें बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर तक सही तरीके से डेवलप नहीं है। कहीं सीवर लाइन की दिक्कत, कहीं पानी टंकी फूटी हुई, नाली का ढाल ठीक नहीं तो कहीं सड़कें जर्जर हैं। इसमें डेवलपमेंट चार्ज लगेगा। बगीचे व आमोद की खाली जमीन भी इन्हें नगर निगम को देनी होगी, तब हम गुण-दोष के आधार पर संबंधित काॅलोनियाें काे नगर निगम की देखरेख में लेंगे।
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