HARIBHOOMI - INH SAMVAD 2023 : भाजपा उद्योगपतियों को बांटे तो रबड़ी, हम गरीबों को दें तो रेवड़ी

HARIBHOOMI - INH SAMVAD 2023  : भाजपा उद्योगपतियों को बांटे तो रबड़ी, हम गरीबों को दें तो रेवड़ी
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बस्तर के लिए मंगलवार का दिन खास रहा। जगदलपुर में हरिभूमि - आईएनएच संवाद 2023 (Hari Bhoomi - INH Samvad 2023) के कार्यक्रम में तीखे सवाल और बेबाक जवाबों के साथ दिग्गज नेताओं ने छत्तीसगढ़ की समृद्धि के लिए अपनी प्राथमिकताओं से अवगत कराया। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव, मंत्री कवासी लखमा, पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल, केदार कश्यप और पूर्व विधायक संतोष बाफना ने (Chief Minister Bhupesh Baghel, Deputy Chief Minister TS Singhdev, Minister Kawasi Lakhma, former ministers Brijmohan Agarwal, Kedar Kashyap and former MLA Santosh Bafna ) इस कार्यक्रम में शिरकत की। पढ़िए पूरी खबर...

जगदलपुर। हरिभूमि और आईएनएच (Haribhoomi and INH )के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने सार्थक संवाद में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel) सवालों की झड़ी लगा दी। न केवल विकास की बातें हुई बल्कि आने वाले 2023 के चुनाव में भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel )की दोबारा सत्ता में आने के लिए क्या रणनीति है, वह भी सवालों के जरिये कुरेदने का प्रयास किया। साथ ही विपक्षी दल भाजपा की पौने 5 साल के कांग्रेस के कार्यकाल में क्या भूमिका रही और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोद और अमित शाह (Prime Minister Narendra Modi and Amit Shah ) की रणनीति कितनी छत्तीसगढ़ में कारगर साबित हो रही है, वह भी जानने का प्रयास किया। सबसे पहले डॉ. हिमांशु द्विवेदी (Dr. Himanshu Dwivedi )ने कहा कि भूपेश बघेल कर्मवीर मुख्यमंत्री हैं। वे अपने पुरुषार्थ से मुख्यमंत्री के पद तक पहुंचे। केवल भाग्य के भरोसे यह नहीं हुआ।

राजनीति ऐसी जगह है, जहां बार-बार अपनी निष्ठा प्रदर्शित करनी पड़ती है : सीएम

सीएम बनने के पहले क्या सोच थी और सीएम बनने के बाद इस कार्यकाल में कितना कुछ कर पाए यह सवाल उन्होंने पूछा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chief Minister Bhupesh Baghel )ने सवाल का जवाब देते कहा कि राजनीति ऐसी जगह है, जहां बार-बार अपनी निष्ठा प्रदर्शित करनी पड़ती है। खुशी की बात है कि आज जिस बस्तर में हम बैठे हैं, वहां नक्सल समस्या के कारण भारी उथल पुथल की स्थिति थी। जब छत्तीसगढ़ राज्य बना उसके लिए आंदोलन किए गए, उसमें हम भी शामिल थे। हमारे नेताओं ने कई लड़ाई लड़ी, राज्य बनने के बाद शुरूवाती दौर ठीक था, लेकिन बीच के दौर में भटकाव आ गया। समृद्ध छत्तीसगढ़ की जो कल्पना थी वह टूटने लगी। हमारे नेताओं ने कई लड़ाई लड़ी, राज्य बनने के बाद शुरूवाती दौर ठीक था, लेकिन बीच के दौर में भटकाव आ गया। समृद्ध छत्तीसगढ़ की जो कल्पना थी वह टूटने लगी।

सार्थक संवाद में डा. हिमांशु द्विवेदी के तीखे सवालों का मुख्यमंत्री ने दिया सिलसिलेवार जवाब

डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने दूसरा सवाल किया कि नरेन्द्र मोदी कहते हैं भूपेश बघेल फ्री में बांटकर छत्तीसगढ़ को बर्बाद कर रहे हैं। इस सवाल के जवाब में भूपेश बघेल ने कहा कि अपने मित्रों और उद्योगपतियों को लाखों-करोड़ों रुपए बांटना रबड़ी है और हम गरीब किसानों और स्वसहायता समूह को धन दे रहे हैं तो वह रेवड़ी है। अधोसंरचना के विकास के सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि दो तरह केविकास होते हैं, एक कंक्रीट का जंगल उन्होंने खड़ा किया बड़े-बड़े ठेके दिए गए और हमने व्यक्ति को इकाई मानकर विकास किया।आज बच्चा कुपोषित नहीं है, महिलाएं एनीमिक नहीं है, जिसे हमने सर्वोच्च प्राथमिकता दी। उन्होंने कहा विधानसभा में ध्यानाकर्षण में बस्तर में उल्टी दस्त के मौत का मामला का प्रश्न लगता था। आरबीआई 2018 के रिपोर्ट में 40 फीसदी लोग गरीबी रेखा से नीचे हैं। हमने योजना बनाकर इसे उपर उठाने का काम किया। पौने 2 लाख करोड़ सीधे जनता के खाते में गया। जगदलपुर में गिनती के वाहनों के शोरूम थे आज कई गुना अधिक है और बीजापुर में ट्रैक्टर के 4 शोरूम थे, जबकि आज काफी अधिक है। यह परिर्वतन इसलिए आया, क्योंकि हमने लोगों के जेब में पैसा डाला । अधोसंरचना विकास में 16 हजार करोड़ के पुल पुलिया और सड़कों का काम हुआ। अबूझमाड़ और सुकमा जिले के छिंदगढ़ के अंदरूनी गांव में पक्की सड़क बनी। जिससे लोगों को काफी राहत मिला है।

15 साल में 98 करोड़ दिए हम 4 महीने में 112 करोड़ दिए

डॉ. हिमांशु द्विवेदी के सवाल पर कि डीएमएफ का पैसा खर्च हुआ और अफसर नोटिस मिलने से परेशान हैं। इस सवाल पर मुख्यमंत्री ने कहा कि 15 साल के शासन में उन्होंने बेरोजगारों को सिर्फ 98 करोड़ रुपए बांटे और हमने बेरोजगारी भत्ता के रूप में सिर्फ 4 महीने में 112 करोड़ रुपए दिए। सामाजिक सुरक्षा योजना भारत सरकार ने बंद कर हमने शुरू कर 97 करोड़ दिया। 22 हजार करोड़ धान में, 600 करोड़ तेन्दूपत्ता में, 3 हजार 700 करोड़ स्वास्थ्य में और राशन में साढ़े 5 हजार करोड़ खर्च किया। कुल मिलाकर हर परिवार को मुख्यधारा में लाकर संपन्न बनाने का काम हमारी सरकार ने किया।

शांति का टापू था अब यही मंशा

प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने मुख्यमंत्री से कहा कि छत्तीसगढ़ की जनता को क्या संदेश देना चाहेंगे। इस सवाल पर भूपेश बघेल ने कहा कि यह शांति का टापू था, आपस में भाईचारा और प्रेम का संबंध था, पीढ़ी दर पीढ़ी हमारे पुरखों ने इस सद्भाव को बनाए रखा अब वर्तमान पीढ़ी की यह जिम्मेदारी है।

घोर विरोधियों को एक मंच में लाना हिमांशु द्विवेदी की खासियत बघेल

डॉ. हिमांशु द्विवेदी का इंटरव्यू काफी रोचक रहता है, जो हंसते हुए गंभीर बातें कह डालते हैं। साथ ही सामने वाले से गंभीर बातें निकाल लेते हैं। उनकी सबसे बड़ी खासियत विरोधियों को एक मंच पर लाकर बिठाना है। आज मैं सुन रहा था बृजमोहन सरकार की आलोचना कर रहे थे। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने शहर के शौर्य भवन में हरिभूमि और आईएनएच के प्रधान संपादक डॉ. हिमांशु द्विवेदीकी पुस्तक सार्थक संवाद के विमोचन अवसर पर यह उद्वार व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि मेरा इंटरव्यू भी इस पुस्तक में है, उसमें मैंने क्या कहा था यह मुझे याद नहीं है, लेकिन इस पुस्तक में कही गई बातें है यानि यह एक दस्तावेज बन गया है। उन्होंने कहा कि 3 मुख्यमंत्री अजीत जोगी, रमन सिंह और मैं तीनों को एक मंच पर बिठाने का दुस्साहस हिमांशु द्विवेदी ही कर सकते हैं।पिछली पीढ़ी के नेताओं के साथ-साथ वर्तमान राजनीति में सक्रिय राष्ट्रीय और प्रादेशिक नेताओं का इंटरव्यू इस पुस्तक में है जो राजनीति करने वालों के लिए काफी उपयोगी साबित होगा। इतने सारे लोगों का इंटरव्यू को संकलित कर प्रकाशित करना बहुत बड़ी बात है। डॉ. हिमांशु द्विवेदी ने कहा कि 2018 से लेकर 2022 तक कई लोगों के लिए गए इंटरव्यू इस पुस्तक में है। समकालीन राजनीति में रुचि रखने वालों के लिए यह पुस्तक उपयोगी साबित होगा। उन्होंने कहा कि 92 साल की उम्र में मोतीलाल बोरा दुर्ग से रात 12 बजे रायपुर आए और उनका इंटरव्यू लिया था, जो इसमें है।

छग में ईडी के जितने छापे पड़े उतने किसी अन्य राज्य में नहीं

मुख्यमंत्री ने कहा कि छत्तीसगढ़ में सिर्फ 11 सांसद हैं इससे कुछ होना ना नहीं है, लेकिन ईडी के छापे सबसे ज्यादा छत्तीसगढ़ में पड़ रहे हैं। 2168 करोड़ का शराब घोटाला और 500 करोड़ का कोयला घोटाला वे बता रहे हैं। 500 करोड़ में से 100 करोड़ जब्त हुए 400 करोड़ कहां आए । पैतृक संपत्ति जोड़कर 100 करोड़ जब्ती बता रहे हैं। शराब में 3 साल से जांच चल रही है। अब तो ईडी, सीबीआई के अधिकारी यहां कार्यालय खोलकर जम गए हैं। बच्चों का एडमिशन तक करा लिया है। उनके समय शराब में रेवेन्यू 3900 करोड़ था, अब 6600 करोड़ हो गया, यानि 2500 करोड़ बढ़ गया।होलोग्राम नकली बनाने का केस बना लेकिन डिस्ट्रलर पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। बीजेपी लड़ नहीं पा रही है इसलिए ईडी जांच का सहारा लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने सीधे कहा कि भ्रम फैलाकर सरकार को बदनाम करने का काम किया जा रहा है। दुर्भाग्य की बात है कि जिन लोगों ने भाजपा को यहां मजबूत किया, उन्हें किनारे कर दिया गया है। ननकीराम कंवर को घुसने तक नहीं दिया गया। असल बात यह है कि अपने मित्र को छत्तीसगढ़ में खदान देना चाहते थे लेकिन हमने रुकवा दिया, इसलिए बदला लिया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि हम बदले की नहीं बदलाव की राजनीति करते हैं।

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