हवा हुई प्यार की खुमारी : इस वैलेंटाइन डे पर गुलाब की बिक्री ना के बराबर, सड़कों-पार्कों में भी नहीं दिख रहे प्रेमी जोड़े

उमेश यादव/कोरबा। छत्तीसगढ़ का औद्योगिक जिला कोरबा में लोगों की समझ लगातार विकसित हो रही है। अपने काम को महत्व देने और बेमतलब के काम से दूर रहने की भावना मजबूत होने का साफ असर वैलेंटाइन डे पर देखने को मिला। सड़कों पर ना तो प्रेमी जोड़े दिख रहे हैं और ना ही फूलों की बिक्री हो रही है। फूल के कारोबार से काफी कमाई करने वाले वर्ग ने मायूसी के साथ बताया कि वैलेंटाइन डे पर प्यार का नशा उतर रहा है। महंगाई से लेकर दूसरे कारण भी इसके लिए जिम्मेदार हैं। देखिए वीडियो-
तू कहे तो मैं तेरे लिए आसमान से तारे तोड़ कर ला दूं, पर तू इसका करेगी क्या। इसी तरह के और भी तरह के नमूने वैलेंटाइन डे के मौके पर काफी समय से देखने को मिलते रहे हैं। फरवरी के महीने में 7 दिन तक कई प्रकार के उपक्रम लोग किया करते हैं, जिनका वास्ता पश्चिम के देशों से जुड़ा बताया जाता है। दिखावे केदार उसके साथ होने वाली कई तरह की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए इस प्रकार के प्रदर्शन का विरोध भी बीते वर्ष में हुआ है। इन सब कारणों से वैलेंटाइन डे को ब्लैक डे की संज्ञा भी दी गई। कोरबा में फूल बेचने का काम करने वाले लोग इस बार ज्यादा खुश नजर नहीं आए।

सड़कें और दूसरे क्षेत्र आम दिनों की तरह
आम दिनों की तरह शहर की सड़कें और दूसरे क्षेत्र दिखाई दिए। कुछ लोगों को जरूर फूल उनकी दुकान पर देखा गया और उनसे इस बारे में बातचीत की गई। जूही अग्रवाल ने बताया कि उसे वैलेंटाइन डे से मतलब नहीं है, वह तो इस दिवस पर अपने पति के लिए फूल लेने के लिए पहुंची है। देखिए वीडियो-
वैलेंटाइन डे मनाने की कहानी
इस दिवस को मनाने की कहानी रोम के एक वैलेंटाइन से जुड़ी हुई है। माना जाता है कि रोम के राजा क्लाउडियस प्यार के सख्त खिलाफ थे, क्योंकि उनका मानना था कि अगर सैनिक प्यार करने लगेंगे तो उनका मन काम से भटक जाएगा और इससे रोम की सेना कमजोर होगी। यही वजह थी कि उन्होंने सैनिकों के शादी करने पर भी रोक लगा रखी थी। वहीं, दूसरी तरफ वैलेंटाइन राजा की आज्ञा के खिलाफ काम करते थे, इसलिए नतीजा यह हुआ कि उन्हें फांसी की सजा दी गई। ऐसा लगता है कि अतीत में किसी को फांसी की सजा मिलने से उन लोगों को कोई मतलब नहीं है जो अब के दौर में वैलेंटाइन डे मना रहे हैं। देखिए वीडियो-
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