पहाड़ी इलाकों में लगाया जा रहा स्वास्थ्य शिविर: ग्रामीणों को मिला बेहतर उपचार, कुपोषित बच्चों के इलाज का भी किया इंतजाम...

पहाड़ी इलाकों में लगाया जा रहा स्वास्थ्य शिविर: ग्रामीणों को मिला बेहतर उपचार, कुपोषित बच्चों के इलाज का भी किया इंतजाम...
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पहाड़ी इलाकों में विशेष चिकित्सा शिविर की पहल करते हुए दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में 5 किलोमीटर पैदल चलते हुए स्वास्थ शिविर का आयोजन किया गया...पढ़े पूरी खबर

आशीष कुमार गुप्ता/सरगुजा- छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले के बतौली गांव में स्वास्थ्य चिकित्सा शिविर लगाया गया। जिसमें अबतक 3060 ग्रामीण इलाज करवा चुके है। इसी संदर्भ में बीएमओं डॉक्टर संतोष सिंह ने बताया कि, पहाड़ी इलाकों में विशेष चिकित्सा शिविर की पहल करते हुए दुर्गम पहाड़ी क्षेत्रों में 5 किलोमीटर पैदल चलते हुए स्वास्थ शिविर का आयोजन किया जा रहा है। यहां पर ग्रामीण के बच्चे, बूढ़े और गर्भवती महिलाओं का उपचार किया जाएगा। स्वास्थ विभाग द्वारा मलेरिया, कुष्ठ रोग, नेत्र चिकित्सा,सर्दी, खासी, सूजन, खुजली, खसरा, टीबी, उल्टीदस्त और गर्भवती महिलाओं को बेहतर इलाज मिलेगा।

इलाज के लिए विशेष टीम गठित की गई थी...

स्वास्थ्य चिकित्सा शिविर में विशेष टीम गठित की गई थी। यह टीम पहाड़ों से लेकर नदी नालों से होते हुए इलाज के लिए पहुंची है। इतना ही नहीं इलाज के लिए कुपोषित बच्चों का भी उपचार किया जा रहा है। कई बच्चों को तो एनआरएलएम सेंटर भेजा जा रहा है। जहां उनका ठीक से इलाज हो सके।

पहाड़ी इलाकों में रहकर की पढ़ाई और बने डॉक्टर...

बतौली क्षेत्र में बेहतर उपचार के लिए बीएमओ डॉक्टर संतोष सिंह ने पहाड़ी इलाकों में रहकर पढ़ाई की। यानी आप सोच सकते है कि जहां पर किसी तरह की सुविधा नहीं होती, वहां इन्होंने अपनी डॉक्टर की पढ़ाई पूरी की, ताकि गांव के लोगों को बेहतर उपचार मिल सके। बता दें डॉक्टर संतोष ने 2017 में बतौली क्षेत्र में अपना नाम रोशन किया था। 12 साल बाद दिसंबर 2019 में बतौली के बीएमओ बनकर युवाओं के लिए प्रेरणा बने। बतौली क्षेत्र के गरीब युवाओं को आगे पढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित भी किया। अभी फिलहाल बतौली सीतापुर मैनपाट विकासखंड के कोरोना नोडल अधिकारी के पद पर बीएमओ हैं।

पहाड़ी कोरवाओं को किया जागरूक...

स्वास्थ शिविर के माध्यम से पहाड़ी कोरवाओं को अच्छे से रहने, खाने और साफ सफाई रखने के लिए जागरूक किया जा रहा है। शिविर के माध्यम से खुले हुए कुंआ, ढोढ़ी में क्लोरीन की गोली डालने के लिए दी जा रही है। ताकि क्षेत्रों में उल्टी दस्त से बचा जा सके।

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