हड़ताल पर स्वास्थ्य संयोजक : गरियाबंद जिले में सप्ताहभर से वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य सेवा

हड़ताल पर स्वास्थ्य संयोजक : गरियाबंद जिले में सप्ताहभर से वेंटिलेटर पर स्वास्थ्य सेवा
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स्वास्थ्य संयोजक संघ ने स्वास्थ्य विभाग पर मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को गुमराह करने का आरोप लगाया है। स्वास्थ्य संयोजकों ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों ने मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को गुमराह कर 23 कैडर का प्रस्ताव बनाकर भेजा है। पढ़िए पूरी खबर...

गरियाबंद। गरियाबंद सहित प्रदेश में 15,000 हजार स्वास्थ्य संयोजक (आरएचओ) 21 मार्च से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं। जिले के ग्रामीण क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवा का बुरा हाल है। बीमार लोग इलाज के लिए दर-बदर भटक रहे हैं। सबसे ज्यादा परेशानी गर्भवती माताओं को है। गर्भवती महिलाएं प्रसव के लिए लंबी दूरी तय कर शहर पहुँच रही हैं। इस दौरान उन्हें भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के हड़ताल को एक सप्ताह हो गए, लेकिन शासन ने उनकी मांगों पर कोई संज्ञान नहीं लिया है।

वहीँ स्वास्थ्य संयोजक संघ ने स्वास्थ्य विभाग पर मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को गुमराह करने का आरोप लगाया है। स्वास्थ्य संयोजकों ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि स्वास्थ्य विभाग के आला अफसरों ने मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को गुमराह कर 23 कैडर का प्रस्ताव बनाकर भेजा है। जबकि हड़ताल में सिर्फ एक कैडर स्वास्थ्य संयोजक बैठा हुआ है। जिसके वजह से स्वास्थ्य मंत्री के साथ हुई वार्ता के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकल पाया है। प्रदेश में स्वास्थ्य संयोजकों के आंदोलन से ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है। स्वास्थ्य संयोजकों की वेतन विसंगति ही प्रमुख मांग है। स्वास्थ्य मंत्री से वार्ता विभागीय अधिकारियों की लापरवाही के कारण निराकरण नहीं हो पाया है। विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग में हड़ताल पर बैठे स्वास्थ्य संयोजकों से चर्चा उपरांत मांगों के संबंध में एकल प्रताव तैयार कर शासन को भेजने का आश्वासन दिया गया, किन्तु हड़ताली कर्मचारियों को अंधेरे में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने 23 कैडर का प्रस्ताव शासन को भेज दिया, जिसके कारण स्वास्थ्य संयोजकों की वेतन विसंगति दूर करने में आने वाला बजट 15 करोड़ से बढ़कर 23 कैडर की केंद्र के समान वेतनमान मांग के कारण 100 करोड़ पार हो गया है और शासन निर्णय नहीं ले पा रही है। स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष टारजन गुप्ता एवं प्रदेश सचिव प्रवीण बीडवशी ने संयुक्त रूप से कहा कि हड़ताल में स्वास्थ्य संयोजक है। विभाग में वेतन विसंगति स्वास्थ्य संयोजकों की है। कांग्रेस के घोषणा पत्र में संघ के नाम के साथ मांग को शामिल किया गया है एवं वेतन विसंगति दूर करने के लिए वर्ष 2015-16 में एकल कैडर का वार्षिक बजट लगभग 15 करोड़ के साथ प्रस्ताव तैयार किया गया था। जिसको पूर्ण करने कि मांग को लेकर स्वास्थ्य संयोजक आंदोलनरत हैं। विभाग द्वारा स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत अन्य 22 कैडर जो केंद्र के समान वेतनमान कि मांग कर रहें है जिसमें टैक्नीशीयन को 4200-4300-4400 ग्रेड पे कि मांग शामिल है जो कि छ.ग. प्रदेश कि किसी भी विभाग में तृतीय वर्ग कर्मचारीयों को नहीं दिया जा रहा है कि मांग को अनुमोदन कर भेजा गया है, जिसे सामान्य प्रशासन एवं वित्त विभाग पूर्व में अस्वीकृत कर चूका है विभागीय अधिकारीयों द्वारा मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्य मंत्री को गुमराह कर आंदोलन को लंबा खीचा जा रहा है ताकि वर्तमान कि कांग्रेस सरकार कि छवि खरान हो स्वास्थ्य संयोजकों ने इसमे मुख्यमंत्री एवं स्वास्थ्यमंत्री को संज्ञान लेकर स्वास्थ्य संयोजको कि वेतन विसंगति दूर कर समतुल्य कैडर अनुरूप वेतनमान प्रदान कर अपने घोषणापत्र के वादे पूरे करने का निवेदन किया है ।

गंगाजल छूकर ली शपथ

स्वास्थ्य संयोजक कर्मचारी संघ ने आंदोलन के आठवें दिन रायपुर स्थित बूढ़ा तालाब धरना स्थल पर गंगा जल लेकर वर्तमान सरकार के खिलाफ वेतन विसंगति दूर नहीं करने पर वोट नहीं करने की एक साथ शपथ ली है। हड़ताल में गरियाबंद जिला के स्वास्थ्य संयोजक बड़ी संख्या में धरना स्थल पर प्रदर्शन करने पहुँचे हुए थे।

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