Health Department : सरकार बदलते ही हेल्थ का टेंडर रद्द, होनी थी 120 करोड़ की दवा और उपकरणों की खरीदी

- सीजीएमएससी में गड़बड़ी की हुई थी शिकायत
रायपुर। नियमों को ताक पर रखकर स्वास्थ्य केंद्रों (Health Centers)में दवा (medicines)सहित अन्य सामग्री की सप्लाई के लिए जारी 120 करोड़ का टेंडर कांग्रेस सरकार बदलते ही निरस्त कर दिया गया। इस टेंडर को लेकर सीजीएमएससी (CGMSC) के अधिकारियों पर गड़बड़ी करने का आरोप लगा था। सरकार बदलने के बाद शिकायत पर एक्शन होने की बढ़ती संभावना को देखते हुए इसे कुछ दिन पहले निरस्त कर दिया गया। छत्तीसगढ़ मेडिकल सर्विसेस कार्पोरेशन (Chhattisgarh Medical Services Corporation) की कार्यप्रणाली को हमेशा संदेह के दायरे में रखा जाता है। हाल ही सामने आए मामले उनकी कार्यों पर विभिन्न तरह के सवाल खड़े कर रहे हैं।
जानकारी के मुताबिक, सीजीएमएससी द्वारा 29 नबंबर को राज्य के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में ईडीएल-नॉन ईडीएल दवाएं, टेस्ट किट, फूड बास्केट सहित आयुष संबंधी दवाइयां और उपकरण आपूर्ति के लिए विभिन्न एजेंसी से लगभग 120 करोड़ की निविदा बुलाई गई थी। सूत्रों का कहना है कि टेंडर जारी करने के लिए नियमों की अनदेखी कर दी गई। भंडार क्रय नियम के मुताबिक 20 लाख के ऊपर की खरीदी के लिए अखबारों में विज्ञापन की प्रक्रिया पूरी की जाती है। इस खरीदी प्रक्रिया का टेंडर कतिपय एजेंसी को लाभ पहुंचाने बिना विज्ञापन के जारी कर कर दिया गया। नियमों को ताक में रखकर टेंडर प्रक्रिया पूरी किए जाने पर सीजीएमएससी के एमडी समेत अधिकारियों की कार्य प्रणाली पर सवाल उठाया जाने लगा था। शिकायतों के साथ राज्य में हुए सत्ता परिवर्तन के चलते सीजीएमसी के अधिकारियों के बड़ा कदम उठाया और इस टेंडर को निरस्त कर दिया। इसके लिए अफसरों द्वारा पहले प्रयास में निविदा में पर्याप्त संख्या में एजेंसी शामिल नहीं होने का हवाला दिया गया था।
पीएचसी स्तर तक सप्लाई का टेंडर
सीजीएमएसी के द्वारा जारी किए गए टेंडर में आवश्यकता के मुताबिक बजट बनाकर राज्य के तमाम प्राथमिक से लेकर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों तक दवाएं सहित अन्य कंज्युबल सामग्री और टेस्ट किट सप्लाई का काम दिया जाना था। टेंडर के नियमों का पालन नहीं किए जाने की वजह से कई सप्लायर एजेंसी निविदा भरने के बजाए इसके विरोध में खड़ी हो गई थी।
कम संख्या में आवेदन का हवाला
120 करोड़ के इस टेंडर को निरस्त करने के लिए दवा कार्पोरेशन की ओर से नियमों का हवाला दिया गया है। जारी आर्डर में जिक्र किया गया है कि पहले राउंड में पर्याप्त संख्या में ठेका एजेंसियों के माध्यम से निविदाएं जमा नहीं की गई। इसके लिए बाद में पुनः टेंडर किए जाने का तर्क भी दिया गया। इस बारे में सीजीएमएससी के एमडी चंद्रकांत वर्मा से संपर्क का प्रयास किया गया लेकिन सफलता नहीं मिली।
© Copyright 2025 : Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS
-
Home
-
Menu
© Copyright 2025: Haribhoomi All Rights Reserved. Powered by BLINK CMS