स्वास्थ्य सुविधाएं ठप : इलाज के लिए भटक रहे मरीज, 3 हजार जूनियर डॉक्टर अनिश्चितकालीन हड़ताल पर, सीनियर डॉक्टर पर दोहरी जिम्मेदारी

रायपुर। छत्तीसगढ़ में सरकारी अस्पतालों के करीब 3 हजार जूनियर डॉक्टरों की हड़ताल का शुक्रवार को दूसरा दिन है। जूनियर डॉक्टरों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाएं चरमरा गई है। इलाज के लिए मरीजों को घंटों भटकना पड़ा। सामान्य जांच के अलावा सोनोग्राफी, खून जांच सहित अन्य तरह की स्वास्थ्य सुविधाएं भी ठप है। जूनियर डॉक्टरों के हड़ताल पर जाने से सीनियर डॉक्टरों पर दोहरी जिम्मेदारी है। मेकाहारा में ओपीडी से लेकर इमरजेंसी वार्ड तक सब कुछ सीनियर डॉक्टर संभाल रहे हैं। वहीं जूडा के प्रदर्शन को आईएमए का भी समर्थन मिला है।
स्टाइपेंड की मांग
उल्लेखनीय है कि, राज्य में 9 मेडिकल कॉलेज हैं। इसमें लगभग 3 हजार जूनियर डॉक्टर, इंटर्न और मेडिकल कॉलेज के छात्र हैं, जो सरकारी अस्पतालों में ड्यूटी करते हैं। लेकिन पिछले चार सालों से छात्रों के मानदेय में बढ़ोतरी नहीं हुई है। लंबे समय से मानदेय बढ़ाने की गुहार जूनियर डॉक्टर सरकार से लगा रहे हैं, पर अब तक जूनियर डॉक्टरों को राहत नहीं मिली है। इसलिए अब डॉक्टर्स ने सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। रायपुर मेडिकल कॉलेज सहित राज्य के सभी 9 मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर स्टाइपेंड की मांग को लेकर गुरुवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर हैं।
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