राज्य सरकार के टीकाकरण अभियान तक सीजी टीका एप- सिंहदेव

राज्य सरकार के टीकाकरण अभियान तक सीजी टीका एप- सिंहदेव
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अभी 18 प्लस वालों के टीकाकरण अभियान में सीजी टीका एप ही काम करेगा। 21 जून के बाद सभी तरह के टीकाकरण का संचालन केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन कंपनियों को 14.18 लाख वैक्सीन के लिए 47.34 लाख राशि का भुगतान हो चुका है यह राशि रिफंड की जानी चाहिए।

अभी 18 प्लस वालों के टीकाकरण अभियान में सीजी टीका एप ही काम करेगा। 21 जून के बाद सभी तरह के टीकाकरण का संचालन केंद्र सरकार द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि वैक्सीन कंपनियों को 14.18 लाख वैक्सीन के लिए 47.34 लाख राशि का भुगतान हो चुका है यह राशि रिफंड की जानी चाहिए।

स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने कहा कि राज्य सरकार वर्तमान में अपने खर्च पर टीकाकरण करवा रही है और वैक्सीन कंपनियों को 14 लाख 18 हजार 700 वैक्सीन के लिए राशि का भुगतान हुआ है। जुलाई तक 4.47 लाख वैक्सीन आना बाकी है। केंद्र सरकार अगर टीकाकरण अभियान को अपने हाथों में लेना चाहती है उन्हें राशि रिफंड करना चाहिए। केंद्र राष्ट्रीय कार्यक्रम चला रही है और बजट में 65 हजार करोड़ का प्रावधान किया गया तो रकम वापसी में संकोच नहीं करना चाहिए।

राज्य सरकार के टीकाकरण में किसी तरह की कमी नहीं है। 21 जून से केंद्र सरकार द्वारा दिए जाने वाले वैक्सीन से राज्य सरकार टीका लगवाएगी। स्वास्थ मंत्री ने कहा कि वर्तमान में प्रदेश के पास 45 पल्स वालों के लिए 17 लाख के लगभग वैक्सीन है। केंद्र सरकार जब टीकाकरण का पूरी तरह संचालन करेगी तो सभवत: इसका उपयोग भी 18 प्लस वालों के लिए किया जा सकेगा।

8.64 लाख से ज्यादा टीका

प्रदेश में एक मई से प्रारंभ 18 से 44 साल की आयु वाले 8 लाख 63 हजार 508 युवाओं का टीकाकरण किया जा चुका है। इनमें 1 लाख 7 हजार 492 अंत्योदय, 2 लाख 49 हजार 36 बीपीएल, 3 लाख 26 हजार 659 एपीएल श्रेणी तथा 80 हजार 321 फ्रंटलाइन वर्कर्स शामिल हैं जबकि 45 वर्ष से अधिक आयु वाले 58 लाख 67 हजार लोगों के टीकाकरण का लक्ष्य है।

इनमें से अब तक 45 लाख 32 हजार 937 लोगों को पहली खुराक दी जा चुकी है। 7 लाख 7 हजार 356 व्यक्तियों को टीके की दूसरी खुराक भी दी जा चुकी है। राज्य में 3 लाख 6 हजार 944 स्वास्थ्य कर्मी और 3 लाख 11 हजार 759 फ्रंटलाइन वर्कर्स पहला और 2 लाख 30 हजार 776 स्वास्थ्य कर्मी और 1 लाख 97 हजार 655 फ्रंटलाइन वर्कर्स दूसरी खुराक भी ले चुके हैं।


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