Health News : अम्बेडकर अस्पताल के 22 'वेंटिलेटर' खराब, इमरजेंसी हुई तो आपाधापी के हालात

Health News : अम्बेडकर अस्पताल के 22 वेंटिलेटर खराब, इमरजेंसी हुई तो आपाधापी के हालात
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अम्बेडकर अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए उपयोग किए जाने वाले ज्यादातर उपकरण काफी पुराने होकर खराब होने की स्थिति में आने में लगे हैं। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। अंतिगंभीर स्थिति में इलाज के लिए अम्बेडकर अस्पताल (Ambedkar Hospital)आने वाले मरीजों (patients)के जीवन रक्षक के रूप में इस्तेमाल किए जाने वाले वेंटिलेटर काफी संख्या में खराब हो गए हैं। इमरजेंसी यूनिट (emergency unit) सहित विभिन्न विभागों में 34 वेंटिलेटर (ventilators)मौजूद हैं, जिनमें से 12 के भरोसे मरीजों का इलाज हो रहा है और 22 काम नहीं कर रहे हैं। वैसे तो मौजूद वेंटिलेटर को जरूरत के हिसाब से पर्याप्त होने का दावा दिया जाता है, मगर कई बार जरूरत आन पड़ने पर आपाधापी की स्थिति बन जाती है। अम्बेडकर अस्पताल में मरीजों के इलाज के लिए उपयोग किए जाने वाले ज्यादातर उपकरण काफी पुराने होकर खराब होने की स्थिति में आने में लगे हैं।इसमें लाइफ सपोर्ट के रूप में उपयोग आने वाले वेंटिलेटर भी शामिल हैं। वेंटिलेटर के साथ छोड़ने पर अस्पताल प्रबंधन समय-समय पर मेंटेनेंस कंपनी से इसकी मरम्मत कराकर काम चला रहा है। पुराने हो चुके उपकरणों को बदलने के लिए कई बार प्रस्ताव तैयार तो किया जाता है, मगर अफसरों की उदासीनता और कालेज और चिकित्सा शिक्षा विभाग के समन्वय के अभाव में फाइलें आगे नहीं बढ़ पाती। सुविधा और संसाधनों के अभाव में राज्य का सबसे बड़ा शासकीय अस्पताल स्वयं वेंटिलेटर पर आने लगा है। अस्पताल सूत्रों के मुताबिक सबसे बड़े शासकीय अस्पताल के विभिन्न विभागों के आईसीयू में 34 वेंटिलेटर हैं, मगर इनमें से 22 वेंटिलेटर कार्फी समय से खराब पड़े हैं और विभिन्न विभाग के मरीजों की जरूरत केवल 11 वेंटिलेटर मशीन की मदद से पूरी की जा रही है। सूत्रों के मुताबिक ज्यादातर वेंटिलेटर खाली नहीं रहता और कई बार दूसरे अस्पतालों से अति गंभीर स्थिति में मरीज पहुंचते हैं, तो आपाधापी की स्थिति निर्मित हो जाती है।

इन विभागों में जरुरत

लगभग 1300 बेड की क्षमता वाले अम्बेडकर अस्पताल में आईसीयू बेड की संख्या दो सौ के करीब है। इनका संचालन इमरजेंसी यूनिट के साथ क्रिटिकल केयर यूनिट, एडवांस कार्डियक इंस्टिट्यूट, सर्जरी, मेडिसिन, स्त्री एवं शिशु रोग विभाग के साथ टीबी एवं चेस्ट विभाग के माध्यम से किया जाता है। ज्यादातर विभाग में गंभीर मरीजों की आवाजाही नियमित रूप से होती है।

समन्वय समिति भी

वेंटिलेटर सहित अन्य उपकरण बिगड़ने की समस्या अभी की नहीं है। अनेको बार इस तरह की स्थिति बनती है और एक-दूसरे विभागों द्वारा ले-देकर काम चलाया जाता है। सूत्रों के अनुसार इस तरह की समस्या को ध्यान में रखते हुए अस्पताल प्रबंधन द्वारा विशेषज्ञ डाक्टरों की समन्वय समिति बनाई गई है, जो दिक्कत होने पर मरीजों के लिए जरूरी उपकरणों की व्यवस्था करती है।

महामारी के वेंटिलेटर भी बिगड़े

अस्पताल में मौजूद वेंटिलेटर के साथ कोरोना महामारी के दौरान पीएम केयर फंड से मिले वेंटिलेटर भी साथ छोड़ चुके हैं। अस्पताल में दूसरी कंपनियों से मिलने वाले वेंटिलेटर की मरम्मत हो जाती है, मगर महामारी के दौरान प्राप्त जीवन रक्षक यंत्र सुधारने वाले नहीं मिल रहे हैं। आपातकाल के दौरान प्राप्त ज्यादातर वेंटिलेटर का उपयोग नहीं हो पा रहा है।

बनवाने की कोशिश

अम्बेडकर अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक डॉ. एसबीएस नेताम ने बताया कि, अस्पताल के कुछ वेटिलेटर बिगड़े है, जिन्हें सुधरवाने के लिए संबधित एजेंसी को निर्देशित किया गया है। मौजूदा वेटिलेटर से मरीजों इलाज चल रहा है।

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