Heavy rainfall : भारी बारिश से सरगुजा तर-बतर, पुलों पर से बह रहा पानी... कई गांवों का टूटा संपर्क

Heavy rainfall : भारी बारिश से सरगुजा तर-बतर, पुलों पर से बह रहा पानी... कई गांवों का टूटा संपर्क
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नकना, विरिमकेला, महेशपुर, बटइकेला, सरमना के ग्रामीण भी प्रभावित हुए हैं। आवश्यक कार्यों के लिए लोगों को 25 से 30 किलो मीटर घूम कर ब्लॉक मुख्यालय जाना पड़ रहा है। पढ़िए पूरी खबर.....

आशीष कुमार गुप्ता-बतौली/ सेदम-सरगुजा। जिले के बतौली क्षेत्र में हो रही लगातार बारिश से प्रधानमंत्री सड़क करदना में पाइप पुलिया के बहने से ग्रामीणों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। सुवारपारा से बटईकेला मार्ग में मंगारी माननदी में उफान होने से पांच गांवों का सम्पर्क बतौली मुख्यालय से कट गया है। जिसको लेकर तत्काल प्रशासन हरकत में आई और अधिकारियों को निर्देशित किया गया।

पांच गांवों का टूटा संपर्क

गौरतलब है कि, बतौली क्षेत्र में सोमवार रात से लगातार हो रही भारी बारिश से नदी नाले उफान पर हैं। बतौली जूनापारा से करदना मार्ग में बने प्रधानमन्त्री सड़क पर पूर्व निर्मित पाइप पुलिया पूरी तरह से क्षतिग्रस्त होकर बह गई है। अब एकांगी मार्ग में आवागमन पूरी तरह से बंद हो गया है और तक़रीबन पांच गांवों का बतौली मुख्यालय से संपर्क टूट गया है। सड़क निर्माण के दौरान निर्मित पुलिया का नवीनीकरण के तहत डामरीकरण किया गया था, जो भारी वाहनों के दबाव और बारिश की वजह से गया। जिससे करदाना,कदनई कोरकोट ढाब, बागपानी और लैगू गांव का संपर्क टूट गया है। जिससे ग्रामीणों को स्कूल, राशन आदि मूलभूत सुविधाओं के लिए अब भटकना पड़ रहा है।

पूल टूटने से जीवन अस्त-व्यस्त

दूसरी ओर मंगारी नदीपारा माननदी के उफान में होने से पानी 5 फीट ऊपर बह रहा है। सुवारपारा से बटइकेला मार्ग भी अवरुद्ध हो गया है और स्कूल जा रहे बच्चों सहित शिक्षको, यात्री बसों और राहगीर प्रभावित हो रहे हैं। नकना, विरिमकेला, महेशपुर, बटइकेला, सरमना के ग्रामीण भी प्रभावित हुए हैं। आवश्यक कार्यों के लिए लोगों को 25 से 30 किलो मीटर घूम कर ब्लॉक मुख्यालय जाना पड़ रहा है। जिससे बतौली तहसीलदार ईश्वर चंद्र यादव और आरआई धर्मेंद दुबे, पटवारी की टीम लेकर सबसे पहले मंगारी मान नदी पहुंचे और स्थिति का जायजा लिया। साथ ही ग्राम पंचायत विरिमकेला एवं मंगारी के सरपंच सचिव को मार्ग में बांस का बेरियर लगाने के लिए निर्देशित किया गया ताकि बड़ी दुघर्टना घटित होने से बचा जा सके, और पानी पुल के नीचे बहने के पश्चात ही आवागमन करने की बात कही है।

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