यहां मशीनों को है काम की गारंटी : मनरेगा से सड़क बनी, ग्रामीणों को नहीं मशीन को मिला रोजगार... क्वालिटी ऐसी कि पहली बरसात भी झेल ना पाई

लीलाधर राठी-सुकमा। छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के गांवों में लाखों रुपये के काम मजदूरों की बजाय मशीनों से कराकर कागजों में ही राशि हड़पने का खेल चल रहा है। यहां भ्रष्टाचार अब कोई नई बात नहीं है, नक्सलवाद की आड़ में शासन, प्रशासन की योजनाएं यहां किस तरह मखौल बन गई हें इसका सटीक उउदाहरण है मुलाकिशोली गांव में बनी सड़क।
सुकमा जिले मनरेगा के तहत कोंटा ब्लॉक के सुर्खियों में रहने वाला एक मात्र पंचायत मुलाकिशोली पंचायत में भ्रष्टाचार का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कोण्टा ब्लाक में आये दिन कई पंचायत निर्माण कार्य के नाम से लाखों रूपये आहरण किया जाता है। इधर एक ताजा मामला कोण्टा ब्लाक का मुलाकिसोली पंचायत में सड़क निर्माण का कार्य निविदा से पूर्ण किया गया। सड़क निर्माण कार्य में भारी भ्रष्टाचार का नतीजा है कि, पहली बारिश में ही सड़क बह गई।
ग्रामीण रोजगार के लिए परेशान, मशीने कर रही काम
इस पूरे मामले में जब हमारी टीम मुलाकिसोली गांव पहुंची, गांव वालों ने जमकर इस सड़क निर्माण का विरोध किया। मुलाकिशोली ग्रामीणों ने सचिव के कार्य प्रणाली पर सवाल खड़ा करते हुए कहां रोजगार न मिलने से कई ग्रामीण आंध्रप्रदेश तेलंगाना पलायन कर रहे है, पर लाखों के निर्माण कार्य पंचायत में चला पर किसी भी ग्रामीण को रोजगार नहीं दिया गया।
तीन सदस्यीय टीम करेगी जांच
उच्च स्तरीय जाँच टीम की मांग करते ग्रामीण-कोण्टा ब्लाक के मुलाकिसोली पंचायत में लगातार ग्रामीण आक्रोश में हैं। वहीं इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिला पंचायत के सीईओ देवनारायण कश्यप ने तीन सदस्यीय टीम बनाकर जांच करने की बात कही है।
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