स्टेट बार काउंसिल का चुनाव अधर में, हाईकोर्ट बार एसोसिएशन चुनाव की सुगबुगाहट शुरू

बिलासपुर. कार्यकाल पूरा होने के बाद भी अभी स्टेट बार कांउसिल का चुनाव अधर में है। जबकि हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का चुनाव लड़ने वाले वकीलों ने अभी से तैयारी शुरू कर दी। अक्टूबर में होने वाले हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का चुनाव अभी पांच माह दूर है, लेकिन चुनाव लड़ने के इच्छुक वकील अभी से अपनी तैयारी शुरू कर यह पता लगा रहे हैं कि ऐसी कौन सी रणनीति बनाई जाए कि जीत सुनिश्चित हो। चुनाव में अक्सर जीत हासिल करने वाले कुछ वकील इस बार पद बदल कर चुनाव लड़ने के इच्छुक दिखाई दे रहे हैं, तो कुछ वकील अपने पुराने पद पर ही चुनाव लड़ने की तैयारी में हैं। अध्यक्ष व सचिव पद पर नए प्रत्याशी सामने आएं तो कोई अचरज वाली बात नहीं होगी। दोनों पद महत्वपूर्ण है।
टक्कर होगी
उपाध्यक्ष व सह-सचिव पद के साथ-साथ कार्यकारिणी के सात सदस्यों में से कुछ इस बार अपना पद अपग्रेड कर चुनाव लड़ते दिखाई दे सकते हैं। चुनाव अभी पांच माह दूर है फिर भी चुनाव को लेकर वकीलों में जो सकियता दिखाई दे रही है उससे ऐसा लगता है,कि इस बार हाईकोर्ट बार एसोसिएशन का चुनाव काफी टक्कर की होगी।
वकीलों को मुआवजा देने प्रस्तुत आवेदन हाईकोर्ट ने किया अस्वीकार
कोरोना से जान गवाने वाले वकीलों को मुआवजा देने की मांग करते हुए प्रस्तुत आवेदन को स्वीकार करने से हाईकोर्ट ने इनकार कर दिया है। सूत्रों के अनुसार प्रदेश में कोरोना की स्थिति को देखते हुए हाईकोर्ट स्वयं संज्ञान लेकर मामले की सुनवाई कर रही है,और लगातार राज्य सरकार की नीतियों की मॉनिटरिंग कर रहा है। हाईकोर्ट की मूल याचिका के साथ प्रदेश भर से याचिकाकर्ताओं ने अलग अलग मांगो को लेकर इसमें हस्तक्षेप याचिकाएं दायर की है जिसमे अमित जोगी भी शामिल है। इन्ही याचिकाओं पर सुनवाई के दौरान कोरबा जिला न्यायालय में प्रैक्टिस करने वाले एक वकील ने हाईकोर्ट में एक आवेदन प्रस्तुत किया। आवेदन में उन वकीलों को मुआवजा देने की मांग उठाई गई जिन्होंने कोरोना से अपनी जान गंवाई है।
आदेश या निर्देश जारी नहीं करेगा
जस्टिस प्रशांत मिश्रा ने इस आवेदन पर सुनवाई से इनकार करते हुए कहा , कि वकीलों से हम सहानुभूति रखते हैं,लेकिन वकील भी समाज का ही हिस्सा है और किसी से अलग नहीं हैं। वकील हो या जज कोई भी कोरोना से अछूता नहीं रह गया है ,कोरोना ने हर वर्ग को प्रभावित किया है। इंजीनियर ,एक्टिटेक्ट और डॉक्टर की तरह ही वकील भी है। इसलिए उन्हें अलग हट कर विशेष लाभ नहीं दिया जा सकता। कोर्ट ने कहा कि आवेदनकर्ता अपना आवेदन स्टेट बार काउंसिल के सामने पेश कर सकते हैं,लेकिन कोर्ट इसपर कोई भी आदेश या निर्देश जारी नही करेगा।
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