High Court : पीएससी मामले को न बनाएं राजनीतिक मुद्दा

High Court :  पीएससी मामले को न बनाएं राजनीतिक मुद्दा
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छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग वर्ष 2021-22 भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए 18 चयनित उम्मीदवारों की सूची भी कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता भाजपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री ननकीराम कंवर ने पेश की है। पढ़िए पूरी खबर...
  • अंतिम सुनवाई 11 दिसंबर को

बिलासपुर । छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग (Chhattisgarh State Public Service Commission)वर्ष 2021-22 भर्ती में हुई गड़बड़ी को लेकर पूर्व गृहमंत्री व रामपुर के विधायक ननकी राम कंवर (Former Home Minister and Rampur MLA Nanki Ram Kanwar)ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court)ने जनहित याचिका दायर की है। सोमवार को इस मामले की सुनवाई हाईकोर्ट के डिवीजन बेंच में हुई। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता ने रिज्वाइंडर पेश करने समय मांगा।

इस पर सीजी पीएससी के अधिवक्ता ने विरोध करते हुए कहा कि जानबूझकर समय मांगा जा रहा है। साथ ही झूठी बयानबाजी कर आयोग की छवि को खराब किया जा रहा है। इस पर कोर्ट ने कहा कि इस तरह की बयानबाजी से दोनों पक्षों को बचना चाहिए। कोर्ट ने यह र भी कहा है कि याचिका में कही बातें सही मिली तो राज्य लोक सेवा आयोग पर भी कार्रवाई होगी और यह पाया जाता है कि याचिका सिर्फ राजनीति या बिना तथ्यों के आधार पर दायर हुई तो उस पर कार्रवाई होगी। सोमवार को मामले की सुनवाई डिवीजन बेंच में हुई।

फर्जीवाड़ा का आरोप 18 चयनित उम्मीदवारों की सूची

गौरतलब है कि, छत्तीसगढ़ राज्य लोक सेवा आयोग वर्ष 2021-22 भर्ती प्रक्रिया में फर्जीवाड़ा का आरोप लगाते हुए 18 चयनित उम्मीदवारों की सूची भी कोर्ट के समक्ष याचिकाकर्ता भाजपा के वरिष्ठ नेता और मंत्री ननकीराम कंवर ने पेश की है। जिसमें पीएससी के तत्कालीन अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के आधा दर्जन के करीब रिश्तेदार डिप्टीकलेक्टर सहित अन्य पदों पर चयनित हुए हैं। इसके अलावा राज्य लोक सेवा आयोग के सचिव अमृत खलखो की बेटी व बेटे, मुंगेली के तत्कालीन कलेक्टर एल्मा के बेटे, कांग्रेस नेता राजेंद्र शुक्ला के बेटे, बस्तर नक्सल आपरेशन डीआइजी की बेटी सहित ऐसे 18 लोगों की सूची पेश करते हुए आरोप लगाया है कि यह सभी नियुक्तियां गलत तरीके से हुई है। पिछले दरवाजे से की गई इन नियुक्तियों को रद्द करने और दोषी अधिकारियों के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है।

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