सड़कों की बदहाली पहुंची हाईकोर्ट- निगम का दावा सड़कें दुरुस्त, न्यायमित्र जांचेंगे सड़कों का हाल

बिलासपुर: दरअसल सरकंडा के अशोक नगर में जर्जर सड़क के कारण युवती गिरकर घायल हो गई थी। उसने अपनी पीड़ा सोशल मीडिया में वायरल की थी। इस पर कोर्ट ने चिंता जाहिर की थी। साथ ही कहा था कि नगर निगम ऐसा प्रयास करे कि आने वाले समय में कोई हादसे का शिकार न हो। इसके बाद नगर निगम सीमा की बदहाल सड़कों को लेकर अधिवक्ता हिमांक सलूजा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने चिंता जाहिर करते हुए राज्य शासन व नगर निगम से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी। साथ ही वरिष्ठ अधिवक्ता राजीव श्रीवास्तव, अधिवक्ता प्रतीक शर्मा, अधिवक्ता राघवेंद्र प्रधान को न्यायमित्र नियुक्त किया था।
न्यायमित्रों ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि नगर निगम ही नहीं बल्कि प्रदेश भर में सड़कों का बुरा हाल है। लिहाजा, हाईकोर्ट ने बदहाल सड़कों को लेकर स्वत: संज्ञान में लेते हुए जनहित पर सुनवाई शुरू की है। इस मामले में कोर्ट ने नेशनल हाइवे एवं छत्तीसगढ़ पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी को नोटिस जारी किया था। न्यायमित्रों ने प्रदेश की खराब सड़कों की रिपोर्ट भी हाईकोर्ट को सौंपी है। जिसे रिकार्ड में लिया गया है। कोर्ट ने NHI के साथ ही राज्य सरकार फोटोग्राफ्स सहित स्टेटस रिपोर्ट देने को कहा है। न्यायमित्र को नगर निगम व PWD के अफसरों के साथ सड़कों का निरीक्षण कर रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा था। जांच के बाद कोर्ट में रिपोर्ट दी गई। इस पर हाईकोर्ट ने राज्य शासन, नगर निगम व PWD को शहर की सड़कों को तत्काल दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। साथ ही राज्य शासन व नगर निगम से स्टेटस रिपोर्ट मांगी थी और सड़क सुधार को लेकर अब तक किए गए कार्यों का ब्यौरा देने कहा था।
नगर निगम ने कोर्ट में यह भी बताया है कि नगर निगम के पास सड़क बनवाने के लिए फंड नहीं है। इसके लिए राज्य शासन के नगरीय प्रशासन विभाग से 170 करोड़ रुपए मांगा गया है। इसके लिए प्रस्ताव बनाकर राज्य शासन को भेजा गया है। राशि मिलने के बाद नगर निगम की 70 सड़कों को व्यवस्थित किया जाएगा।
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