Hindi medium VS English medium : 1000 छात्र-छात्राओं ने कर दिया नेशनल हाईवे जाम, कहा- हमें हिंदी माध्यम में ही पढ़ना है, इंग्लिश के लिए अलग स्कूल खोलो...

Hindi medium VS English medium : 1000 छात्र-छात्राओं ने कर दिया नेशनल हाईवे जाम, कहा- हमें हिंदी माध्यम में ही पढ़ना है, इंग्लिश के लिए अलग स्कूल खोलो...
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हिंदी वर्सेस इंग्लिश की लड़ाई की खबर अम्बिकापुर से आ रही है. अम्बिकापुर के बतौली के छात्र-छात्राओं ने अंबिकापुर-रायगढ़ नेशनल हाईवे-43 जाम कर दिया है. छात्र-छात्राओं की मांग है कि उन्हें हिंदी माध्यम में ही पढ़ना है. इंग्लिश माध्यम के लिए अलग से स्कूल खोल लिया जाए. बता दें कि बतौली के हायर सेकेंडरी स्कूल में आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में संचालित किया जा रहा है.

अम्बिकापुर. छत्तीसगढ़ की शिक्षा जगत में हिंदी माध्यम बनाम अंग्रेजी माध्यम की जंग छिड़ गई है. कई जिलों में आंदोलन शुरू हो चुके हैं. बीते कल ही पेंड्रा में छात्र-छात्राओं में कक्षाओं का बहिष्कार कर मार्च करते कलेक्टर मुख्यालय पहुँच गए थे.

(पेंड्रा में छात्र-छात्राओं के आंदोलन की खबर विस्तृत पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक कीजिए). स्कूली छात्रों का गुस्सा फूटा : स्कूल उन्नयन और नाम बदलने से नुकसान का आरोप, कक्षाओं का बहिष्कार कर पैदल कलेक्टर मुख्यालय पहुंचे छात्र... देखिये वीडियो

आज हिंदी वर्सेस इंग्लिश की लड़ाई की खबर अम्बिकापुर से आ रही है. अम्बिकापुर के बतौली के छात्र-छात्राओं ने अंबिकापुर-रायगढ़ नेशनल हाईवे-43 जाम कर दिया है. छात्र-छात्राओं की मांग है कि उन्हें हिंदी माध्यम में ही पढ़ना है. इंग्लिश माध्यम के लिए अलग से स्कूल खोल लिया जाए. बता दें कि बतौली के हायर सेकेंडरी स्कूल में आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में संचालित किया जा रहा है.

स्कूल को शासन द्वारा 2021-22 सत्र में स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में उन्नयन कर दिया गया है, जिस वजह से हिंदी माध्यम के बच्चों का प्रवेश धीरे-धीरे बंद होने की आशंका है. 2020-21 में राज्य के अंतर्गत जितने भी हिंदी माध्यम के स्कूलों को स्वामी आत्मानंद उत्कृष्ट अंग्रेजी माध्यम स्कूल में गया है वहां पर हिंदी माध्यम में पढ़ने वाले बच्चों को प्रवेश नहीं दिया जाता है, जिसके चलते बतौली के स्टूडेंट आंदोलन पर उतर आए हैं.

आंदोलनरत छात्र-छात्राओं का कहना है कि अंग्रेजी माध्यम में स्कूल संचालित करने के लिए अलग स्कूल भवन बनवाया जाए, जहाँ इंग्लिश मीडियम की पढ़ाई कराई जाए. शिक्षाविदों का कहना है कि शासन द्वारा यदि हिंदी माध्यम के बच्चों को हिंदी माध्यम के संस्था में प्रवेश नहीं दिया जाता है तो अधिकांश बच्चे पढ़ाई छोड़ देंगे जिससे बच्चों के शिक्षा के अधिकार का हनन होगा.





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