देवी के प्रकोप के डर से खजूरपदर में 100 साल से नहीं मनाई होली

देवी के प्रकोप के डर से खजूरपदर में 100 साल से नहीं मनाई होली
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मैनपुर ब्लॉक का एक गॉव खजूरपदर जहां 100 सालों से आज तक नहीं मनी होली। ना ही यहां कभी दहन होती है होलिका। इस गांव के लोग कभी नहीं खेलते होली। आज भी पुरानी मान्यताएं यहां है कायम है। गांव में जब भी होली खेली जाती है तो गांव की माता देवी का प्रकोप बढ़ जाता है। मामले में गांव के पटेल और देवी के पुजारी ऐपेश्वर नागेश बताते है कि गांव में 100 साल से ना ही होली खेली गई है और ना ही होलिका दहन की गई है।

मैनपुर. मैनपुर ब्लॉक का एक गॉव खजूरपदर जहां 100 सालों से आज तक नहीं मनी होली। ना ही यहां कभी दहन होती है होलिका। इस गांव के लोग कभी नहीं खेलते होली। आज भी पुरानी मान्यताएं यहां है कायम है। गांव में जब भी होली खेली जाती है तो गांव की माता देवी का प्रकोप बढ़ जाता है। मामले में गांव के पटेल और देवी के पुजारी ऐपेश्वर नागेश बताते है कि गांव में 100 साल से ना ही होली खेली गई है और ना ही होलिका दहन की गई है।

ऐपेश्वर कि माने तो गांव में कुछ साल पहले कुछ बाहरी लोग आकर होली खेलकर निकल गए थे। इस दौरान गांव में चेचक का प्रकोप बढ़ गया था। वही देवी के बढ़ते प्रकोप के बीच गांव के पुजारी ऐपेश्वर ने देवी स्थल पर जाकर देवी की पूजा-अर्चना कर उनसे माफी मांगा था। जिसके बाद प्रकोप भी कम हुआ था। वही देवी प्रकोप की इस घटना के बाद गांव वालों ने मिलकर निर्णय लिया था कि गांव में होली खेलने आने वालों को भी मना कर दिया जाएगा।

इस बार सूखी होली भी नहीं खेलेंगे ग्रामीण

वही कोरोना प्रकोप के बीच इस बार सिनापाली के ग्रामीण सुखी होली भी नहीं खेलेंगे। गांव के लोगो ने बताया कि कोरोना प्रकोप के मद्देनजर आमजनों के स्वास्थ्य को गम्भीरता से लेते हुए शासन-प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए इस बार गांव में खेली जाने वाली सुखी होली नहीं खेली जा रही है। सरपंच ने ग्रामीणों से अपील भी किया है कि आमजन अपनी स्वास्थ्य को गम्भीरता से ले और शासन-प्रशासन के दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए अपने आपको सुरक्षित रखें।

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