खनिज विभाग के दावे खोखले : माफिया बिना लीज के कर रहे अवैध रेत उत्खनन, ओवरलोड के चलते सड़कें भी हो रहीं खराब

यशवंत गंजीर/कुरूद। छत्तीसगढ़ के धमतरी जिले में खनिज विभाग की ओर से अवैध उत्खनन और परिवहन पर रोक लगाए जाने के दावे खोखले साबित हो रहे हैं। रायल्टी चोरी कर रेत माफिया हर माह शासन को लाखों-करोड़ों रुपए का नुकसान पहुंचा रहे हैं। ग्राम मंदरौद में महानदी से रेत माफिया खनिज विभाग और स्थानीय प्रशासन के अधिकारियों की निष्क्रियता के कारण बेखौफ होकर मशीनों से दिन रात रेत बिना लीज के अवैध खनन करने में लगे हैं। साथ ही बड़ी मात्रा में रेत का भंडारण भी कर रखा है।
ग्रामीणों के अनुसार, मेघा एनीकट के ऊपर कैचमेंट एरिया मंदरौद पर अवैध रेत खनन नदी तट के दोनों ओर सीमा से भी ज्यादा गहराई के साथ रेत खोदकर नदी क्षेत्र को तबाह कर रहे हैं। वहीं रेत माफिया अवैध रूप से हजारों घन मीटर रेत का उत्खनन और भंडारण कर शासन के खजाने में जाने वाले लाखों रुपए की रायल्टी चोरी कर रहे हैं। इतना ही नहीं वाहन ओवरलोड होकर सड़कों के साथ गांव की गलियों को बुरी तरह से क्षतिग्रस्त कर रहे है। इससे गांव में अशांति का माहौल है। क्षेत्र में अवैध रेत का खनन रेत माफिया की ओर से धड़ल्ले से किया जा रहा है, जिस पर प्रशासन मूकदर्शक बने हुए हैं।
पंचायत ने नहीं दी एनओसी
ग्राम पंचायत मंदरौद के उपसरपंच मोतीराम साहू ने बताया कि, ग्राम से की जा रही रेत उत्खनन की कोई भी स्वीकृति या अनापत्ति पंचायत की ओर से नहीं दी गई है और ना ही जिला प्रशासन से इस संबंध में कोई आधिकारिक पत्र हमें मिला है। पूर्व में रेत खनन के लिए ग्राम पंचायत को प्राप्त होने वाला पिटपास और खनिज मद से ग्राम पंचायत के कार्यों के लिए मिलने वाली कोई राशि भी नहीं हैं। इससे पंचायत प्रतिनिधियों के समक्ष जन समस्या को दूर करने में असमर्थता हो रही हैं। पंच देवाराम साहू ने बताया कि अवैध रेत उत्खनन से हम सभी पंचायत के पंच बहुत परेशान हैं। बड़ी-बड़ी वाहनों से जहां सड़कें खराब हो रही है, नालिया जाम हो रही है और हमारे पास निर्माण कार्य तो दूर नाली सफाई के लिए भी कोई संसाधन नहीं है। इसके कारण हमें अपने वार्ड वासियों की गालियां सुननी पड़ती है।
आयुर्वेदिक पेड़ों के साथ फेसिंग तार को भी कर डाले नष्ट
जनपद सदस्य थानु राम साहू ने बताया कि रेत माफिया पूरे दादागिरी के साथ नदी के कैचमेंट एरिया में अवैध रूप से खनन कर नदी से रेत निकाल रहे हैं। नदी तट में लगाए गए आवुर्वेदिक पेड़ों को रौंद डाले हैं। करीब 8 लाख की राशि से पेड़ लगा फेसिंग कार्य किया गया था, उसको हाइवा से रौंद दिया है। इनके कारनामों की शिकायत करते-करते थक गए, लेकिन शासन-प्रशासन मूकदर्शक बना कार्रवाई करने के बजाय संरक्षण दे रहा है। वहीं पूर्व सरपंच प्रेमचंद साहू का कहना है कि महानदी में बारना और नारी एनीकट के ऊपर पानी रुका है, लेकिन मेघा के ऊपर मंदरौद में पानी नहीं है। ये लोग पूरे पानी की निकासी करवाकर निडर होकर महीने भर से रेत निकाल रहे हैं। नदी में पानी नहीं होने से जल स्तर में भारी गिरावट है, किसानों के धान पक नहीं रहे। माफियाओं का आतंक इतना है कि ग्रामीण अब अपने आप को महफूज महसूस नहीं करते।
डीएमएफ फंड से एक रुपया नहीं मिलता
सरपंच खूबलाल दीवान का कहना है कि गांव में जिला खनिज निधि से एक रुपया नहीं मिल रहा है। ग्राम विकास के काम रुक गया है। गांव को मिलने वाला पैसा नेता लोग दूसरे क्षेत्र में देकर वाहवाही लूटते हैं। उल्टा गांव में हल्ला है कि रेत ठेकेदार की ओर से यहां 5 लाख दिया गया है। माफियाओं के कारनामों के चलते हमें ग्रामीणों के कोपभाजन का शिकार होना पड़ रहा है। मंदरौद रेत खदान अवैध रूप से संचालित है।
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