दिल के एकमात्र सरकारी अस्पताल एसीआई में फंड का रोना, बिना आपरेशन लौटे ढाई सौ मरीज

दिल के एकमात्र सरकारी अस्पताल एसीआई में फंड का रोना, बिना आपरेशन लौटे ढाई सौ मरीज
X
हृदय रोगियों को निजी अस्पताल के मंहगे खर्च से राहत देने के लिए प्रारंभ किए एकमात्र शासकीय अस्पताल एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के संचालन में फंड की कमी के चलते दिक्कतें आ रही हैं। बजट नहीं होने की वजह से आपरेशन के लिए वाॅल्व, कैनुला, आक्सीनेटर जैसे सामान नहीं मिलने की वजह से जरूरतमंद गरीब मरीजों की सर्जरी नहीं हो पा रही है।

हृदय रोगियों को निजी अस्पताल के मंहगे खर्च से राहत देने के लिए प्रारंभ किए एकमात्र शासकीय अस्पताल एडवांस कार्डियक इंस्टीट्यूट के संचालन में फंड की कमी के चलते दिक्कतें आ रही हैं। बजट नहीं होने की वजह से आपरेशन के लिए वाॅल्व, कैनुला, आक्सीनेटर जैसे सामान नहीं मिलने की वजह से जरूरतमंद गरीब मरीजों की सर्जरी नहीं हो पा रही है। स्थिति ये हो गई है कि वाॅल्व बदलवाने की आस में अस्पताल आने वाले मरीजों को वापस लौटाया जा रहा है।

प्रदेश के हृदय रोगियों को कम खर्च पर इलाज की बेहतर व्यवस्था देने एंडवास कार्डियक इंस्टीट्यूट तैयार किया गया था। काफी कोशिशों के बाद यहां इलाज में उपयोग में आने वाले उपकरण जुटाए गए मगर अभी भी किसी तरह की सर्जरी के लिए आवश्यक सामानों की उपलब्धता नहीं होने की वजह से व्यवस्था सामान्य नहीं हो पाई है। आवश्यक फंड नहीं मिलने की वजह से जरूरतमंद मरीजों को इसका लाभ नहीं मिल पा रहा है।

एसीआई का सलाना बजट साढ़े छह करोड़ का है मगर राशि नहीं मिलने की वजह यहां सर्जरी की व्यवस्था ठप पड़ती जा रही है। सूत्रों के मुताबिक महज वाॅल्व बदलने के लिए लगभग एक लाख रुपए का सामान जरूरी होता है जिसकी अनुपलब्धता के कारण मरीजों को वापस लौटाना पड़ता है। सूत्रों के मुताबिक अब तक ढाई सौ से ज्यादा लोगों को इलाज के सुविधा नहीं होने का तर्क देकर अस्पताल से लौटाया गया है। सूत्रों के मुताबिक सर्जरी के लिए उक्त समान अस्पताल प्रबंधन को उपलब्ध कराना है मगर फंड नहीं मिलने की वजह से वे इनकी व्यवस्था नहीं कर पा रहे हैं इससे हृदय रोगियों को यहां सर्जरी का लाभ नहीं मिल पा रहा है।

भर्ती नहीं हो पाई, 5 करोड़ का बजट लैप्स

सूत्रों के मुताबिक एसीआई के निर्माण के दौरान वित्त विभाग द्वारा यहां विभिन्न 195 पदों पर भर्ती के लिए पांच करोड़ रुपए बजट स्वीकृत किया गया था। दो साल तक भर्ती के लिए किसी तरह की प्रक्रिया पूरी नहीं की गई, जिसकी वजह से स्वीकृत राशि लैप्स हो गई। सूत्रों का कहना कि मैन पॉवर के लिए फिर से प्रस्ताव तैयार कराना होगा।

भुगतान नहीं

अस्पताल सूत्रों के मुताबिक जनवरी माह में यहां ओपन हार्ट सर्जरी की शुरुआत की गई थी। इस दौरान दस लोगों की सर्जरी की गई। आपरेशन में जिन उपकरणों की आवश्यकता थी, उनका इंतजाम किया गया। उपकरण उपलब्ध कराने वाले वेंडरों को अब तक राशि का भुगतान नहीं किया गया जिसकी वजह से उन्होंने उपकरण की आपूर्ति से इनकार कर दिया है।

शासन को भेजा पत्र

इस संबंध में पत्र के माध्यम से शासन को जानकारी दी जा चुकी है। राशि की व्यवस्था होने के बाद उपचार व्यवस्था सामान्य हो जाएगी।



Tags

Next Story