कोरोना मरीजों के कक्ष में अब 24 घंटे डॅाक्टर, तीन पाली में करेंगे ड्यूटी

इंडोर स्टेडियम में कोरोना मरीजों के इलाज में लापरवाही उजागर होने के बाद अब नगर निगम ने इलाज का जिम्मा खुद उठा लिया है। इसके लिए 40 डॉक्टरों को मरीजों को इलाज करने अपने खर्च पर रखा है। इनमें करीब 12 ऐसे डॉक्टर हैं जो 24 घंटे मरीजों की देखरेख करेंगे।
इन डॉक्टरों को रहने-खाने से लेकर सोने तक की व्यवस्था इंडोर स्टेडियम कैंपस की गई है। 3 पाली में डॉक्टरों की ड्यूटी लगाई गई है। इनकी माॅनिटरिंग करने स्मार्ट सिटी के आला अफसरों को भी व्यवस्था में लगाया गया है।
दरअसल इंडोर स्टेडियम में कोरोना संक्रमितों के इलाज के लिए स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों की टीम बनाई गई थी लेकिन डॉक्टर मरीजों को देखे बगैर बाहर से स्टाफ नर्स को सुझाव देकर वापस लौट जाते थे। यह मामला उजागर होने पर निगम प्रशासन ने इलाज कराने खुद ही डॉक्टरों का इंतजाम किया। महापौर एजाज ढेबर और नगर निगम कमिश्नर सौरभ कुमार की निगरानी में 40 डॉक्टर एवं 50 नर्सिंग स्टाफ, जिसमें वार्ड ब्वाॅय, अटेंडेट, नर्सें शामिल हैं, शिफ्ट वाइज का काम कर रहे हैं।
अलग-अलग कक्ष में दर्जनभर डॉक्टर रहेंगे
नई व्यवस्था के तहत अब सुबह 8 बजे से दोपहर 2 बजे पहली पाली और दोपहर 2 बजे से रात्रि 8 बजे दूसरी पाली एवं रात्रि 8 बजे से सुबह 8 बजे तक तीसरी पाली में मरीजों की निगरानी व उपचार करने दर्जनभर डॉक्टर अलग-अलग कक्ष में ड्यूटी पर तैनात रहेंगे। इन डॉक्टरों के विश्राम के लिए कक्ष में ही अलग से रेस्ट रूम बनाया गया है।
सीरियस पेंशेट के लिए अलग टीम
इंडोर में कोविड पेंशेंट के उपचार के लिए बनाए गए अस्थायी अस्पताल में पहली बार गंभीर मरीजों को आकस्मिक जरूरत पड़ने पर व्हीलचेयर उपलब्ध कराएंगे। यूरिनल तक लाने व ले जाने से लेकर शिफ्टिंग जैसे काम में सहयोग करेंगे। अभी तक इस तरह की व्यवस्था सेंटर में नहीं की गई थी।
200 भर्ती, 24 घंटे में सिर्फ एक मौत
पिछले 5 दिन में 30 कोरोना संक्रमित मरीजों की मौत के बाद डॉक्टरों की व्यवस्था और स्वास्थ्य विभाग के 3 डॉक्टरों की कंट्रोल रूम में ड्यूटी लगाने के बाद मौतों के सिलसिले पर विराम लगा है। पिछले 24 घंटे में केवल एक मरीज की मौत इस सेंटर में हुई।
भोजन वितरण का जिम्मा जोन कमिश्नर को
स्टेडियम में कोविड-19 के भर्ती मरीजों तक भोजन पहुंचाने के लिए जोन 4 कमिश्नर लोकेश चंद्रवंशी को जिम्मेदारी दी गई है। इसके लिए नगर निगम के 3 कर्मचारियों को भी लगाया गया है।
व्यवस्था में सुधार
कोरोना संक्रमित मरीजों काे इलाज के लिए भटकना नहीं पड़ेगा। शुरुआत में व्यवस्था में जो खामियां थीं, उसे दूर किया गया है। 40 डॉक्टर और 50 वार्ड स्टाफ की व्यवस्था करने के बाद अब व्यवस्था सुधरने लगी है।
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