छत्तीसगढ़ में अस्पतालों का हाल : रायपुर में लाश का सौदा, #Cims में VIP कल्चर के कारण मौत, मोवा में प्लाजा पर हंगामा…

छत्तीसगढ़ में अस्पतालों का हाल : रायपुर में लाश का सौदा, #Cims में VIP कल्चर के कारण मौत, मोवा में प्लाजा पर हंगामा…
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छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के एक प्राइवेट अस्पताल में बेबस मरीजों से अवैध वसूली का भांडाफोड़ कल ही भारतीय जनता पार्टी के नेता गौरीशंकर श्रीवास ने किया था, जिस पर राज्य के कोरोना नोडल अधिकारी तक को संज्ञान लेना पड़ा था। और आज, बिलासपुर के #सिम्स (Chhattisgarh Institute of Medical Science) में मौत की एक ऐसी खबर आ रही है, जिसके कारण वहां के डीन, अधीक्षक समेत कई आला अफसर सवालों के घेरे में हैं, तो वहीं बिलासपुर के विधायक शैलेष पांडे का नाम भी इस मामले में आ रहा है। इसके अलावा रायपुर के ही मोवा स्थित एक अस्पताल में शंकर नगर की एक महिला की मौत के बाद जबरदस्ती प्लामा लगा दिए जाने का आरोप लगाते हुए परिजनों ने हंगामा किया है। पढ़िए पूरी खबर-

बिलासपुर। बिलासपुर में सिम्स प्रबंधन की बड़ी लापरवाही का मामला सामने आया है। सिम्स प्रबंधन ने VIP कल्चर और प्रोटोकॉल का पालन करते हुए बीमार वृद्धा उर्मिला दुबे को बेड नहीं दिया, जबकि बेड खाली थे। उर्मिला दुबे की जान अस्पताल में ही जा चुकी है। वह बीमार वृद्धा उर्मिला दुबे सिम्स में भृत्य जितेन्द्र दुबे की मां थी।

भृत्य जितेंद्र दुबे ने बिलासपुर विधायक, सिम्स की अधिष्ठाता तृप्ति नागरिया, अधीक्षिका डॉ. आरती पांडेय से मदद की गुहार वाले व्हाट्सएप चैटिंग और खाली बेड की तस्वीर को सोशल मीडिया में सार्वजनिक किया है। मृतिका उर्मिला दुबे के बेटे जितेंद्र दुबे ने सोशल मीडिया में पोस्ट कर सिम्स में VIP कल्चर का पोल कुछ यूं खोला है-'माननीय शैलेष पांडेय जी और सिम्स प्रशासन के अधिष्ठाता और अधीक्षक जी के लिए आरक्षित वेंटिलेटर, के अभाव में आज मेरी माता जी का निधन हो गया धन्यवाद विधायक जी…'

बीजेपी ने कहा- हत्या का मुकदमा दर्ज हाे

इस घटना को लेकर भाजपा नेता गौरीशंकर श्रीवास ने कहा कि यह बहुत ही दुखद और अक्रोशित करने वाली है। सत्ता पक्ष के विधायकों द्वारा अपने पद और पावर का गलत तरीके से कैसे इस्तेमाल किया जाता है, इस घटना ने जाहिर कर दिया। क्या मुख्यमंत्री ने अस्पतालों में 20% आरक्षण की बात इसलिये की है? ताकि कांग्रेस के विधायक और कार्यकर्ता अपनी मनमानी को ऐसे अंजाम दे सकें? एक ईमानदार कर्तव्यनिष्ठ, गरीब कर्मचारी जो अपनी जान की परवाह किए बिना लोगों की सेवा सिम्स अस्पताल में कर रहा हो, उसी अस्पताल सिम्स में उसकी मां को बेड खाली होने के बावजूद नही देना, वो भी इसलिये क्योंकि विधायक शैलेष पान्डे और अधिकारियों ने उसे रिजर्व करके रखा था। ये विधायक शैलेष पान्डे और कांग्रेस सरकार की इस आपदा में भेदभावपूर्ण कार्य को उजागर करने के साथ-साथ इन लोगों के अमानवीय चेहरे को बेनकाब करती है। हमारी मांग है कि इस मामले में विधायक समेत अस्पताल प्रबंधन के जिम्मेदार लोगों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाये तथा मृतक के परिवार को उचित मुआवजा मिले। अब नीचे तस्वीरों में देखिए जितेन्द्र दुबे द्वारा सोशल मीडिया में किए गए पोस्ट-









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