कैसे बंटता है थाने में चढ़ावे का पैसा... आप खुद सुन लीजिए... स्वयं प्रधान आरक्षक के मुंह से...

बिलासपुर। क्या आप जानते हैं... छत्तीसगढ़ के पुलिस थानों में घूस का पैसा कैसे बंटता है। कैसे बंटता है का मतलब यह कि मान लीजिए किसी आरोपी से 15 हजार रुपये का चढ़ावा मिला... तो उसमें से टीआई साहब को कितने हजार मिलेंगे...मामले के विवेचक को कितने हजार दिए जाएंगे... सहायक विवेचना अधिकारी यानी सहयोगी आरक्षक को कितने पैसे मिलेंगे... और उस ईमानदार, कर्तव्यनिष्ठ पुलिसकर्मी के हिस्से में कितना पैसा आएगा, जिसने बड़ा परिश्रम कर आरोपियों से पंद्रह हजार झटके हैं। शायद इतना बारीक हिसाब आप नहीं जानते होंगे। तो आइए बेईमानी के इस धंधे से मिली रकम को कितनी ईमानदारी से बांटा जाता है, इसका विवरण सुनते हैं। बिलासपुर जिले के चकरभाठा थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक हरविंदर खूंटे से... स्वयं उन्हीं की जुबानी... चकरभाठा थाने में पदस्थ प्रधान आरक्षक का यह वीडियो किसी ने सोशल मीडिया में डाला है।
चकरभाठा के पास ही गांव बोड़सरा में गाली-गलौच और मारपीट के एक मामले के निपटारे के लिए प्रधान आरक्षक 15 हजार रुपए लेकर आरोपियों को छोड़ देने की बात कहते हुए वीडियो में दिखाई और सुनाई दे रहा है। रुपए देने वाले ने लेन देन को अपने मोबाइल फोन से रिकॉर्ड कर लिया था। अब एसएसपी पारुल माथूर ने वीडियो के आधार पर जांच के बाद प्रधान आरक्षक हरविंदर खूंटे को सस्पेंड कर दिया है। सस्पेंसन काल में प्रधान आरक्षक को लाइन अटैच कर दिया गया है। वीडियो में प्रधान आरक्षक बकायदा 15 हजार रुपयों के बंटवारे का हिसाब दे रहा है। वह बता रहा है कि 8 हजार रुपए टीआई ले लेगा, 2 हजार रुपए विवेचक और एक हजार रुपए मददगार सिपाही को देने पड़ेंगे... तो बचेगा क्या... बस चार हजार... यानी इतनी मेहनत से सेटिंग करने वाले के हिस्से महज चार हजार रुपये ही आए। मतलब यह हुआ कि महज चार हजार रुपयों के लिए भी प्रधान आरक्षक नौकरी दांव पर लगाने को तैयार हैं। देखिए वीडियो-
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