पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद हुआ तो सड़कों पर गाड़ियों का रेला, पेट्रोल की खपत बढ़ी रोज तीन लाख लीटर

पब्लिक ट्रांसपोर्ट बंद हुआ तो सड़कों पर गाड़ियों का रेला, पेट्रोल की खपत बढ़ी रोज तीन लाख लीटर
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जानिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट क्यों जरूरी, 25 फीसदी को लेने पड़ गए अपने लिए वाहन

रायपुर. कोरोना के कहर के कारण सालभर से पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्रभावित है। राजधानी रायपुर में तो सिटी बसों के पहिए थमे हुए हैं। इसी के साथ दूसरे शहरों में भी ऐसी ही स्थिति है। प्रदेश के एक शहर से दूसरे शहर तक बसों का संचालन भी लंबे समय से प्रभावित हुआ है। लॉकडाउन में तो इनका संचालन पूरी तरह से बंद रहा है। आटो रिक्शा भी नहीं चले। ऐसे में लोगों को दफ्तरों तक जाने के लिए भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। यही वजह रही है कि प्रदेश में कोरोनाकाल के दौरान जहां 25 फीसदी कारें ज्यादा बिकी हैं, वहीं अब रोज पेट्रोल की खपत भी तीन लाख लीटर बढ़ गई है। सड़कों पर अब पहले से ज्यादा कारों का रेला हो गया है।

कोरोना के कहर को एक साल से ज्यादा हो गया। पिछले साल मार्च से लेकर जून तक इसका बड़ा प्रभाव रहा। यह पहला साल था, जिसमें कोरोना के कारण लगे लॉकडाउन से पब्लिक ट्रांसपोर्ट पूरी तरह ठप हो गया। इससे उन लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ा, जो अपने दफ्तरों तक आने-जाने के लिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट का उपयोग करते हैं। पब्लिक ट्रांसपोर्ट का अपना अलग ही महत्व है, इसकी वजह से जहां लोगों का समय बचता है, वहीं ईंधन की भी बचत होती है। भले पब्लिक ट्रांसपोर्ट में कुछ बचत होती है, लेकिन जब पब्लिक ट्रांसपोर्ट भी लॉकडाउन हो गया, तब लोगों को अपने वाहनों की अहमियत का भी पता चला।

25 फीसदी कारें ज्यादा बिकीं

कोरोनाकाल के पहले वाले साल की बात करें तो 2019-20 में अप्रैल से मार्च के बीच प्रदेश में 12 माह के समय में 80 हजार कारें बिकीं यानी हर माह औसत करीब साढ़े छह हजार कारें बिकीं। इसके बाद अब कोरोना वाले साल की बात करें तो 2020 अप्रैल से मार्च 2021 के बीच में अप्रैल और मई तो पूरी तरह से लॉकडाउन में गया। ऐसे में करीब दस माह का समय ही आटोमोबाइल्स के कारोबार के लिए मिला। इस दौर में एक साल जितनी कारें यानी 80 हजार बिकीं। इसका औसत हर माह आठ हजार कारों का रहा, जो पिछले साल के औसत से करीब 25 फीसदी ज्यादा है। इस दौर में हर माह पिछले साल की तुलना में डेढ़ हजार कारें ज्यादा बिकीं। इसी के साथ जहां पुरानी कारें भी बहुत बिकीं, वहीं नए तो नहीं, लेकिन पुराने दुपहिया वाहन भी बहुत बिके हैं।

पेट्रोल की खपत बढ़ी डीजल की घट गई

पेट्रोल की कीमत लगातार बढ़ रही है। अब तो प्रदेश में जहां प्रीमियम पेट्रोल सौ के पार है, वहीं कई शहरों सामान्य पेट्रोल भी सौ रुपए पहुंच गया है। रायपुर में इसकी कीमत 97 रुपए के पार हो गई है। इतना सब होने के बाद भी इसकी खपत में ऐतिहासिक इजाफा हुआ है। पहले इसकी खपत प्रदेश में रोज 15 लाख लीटर की थी, लेकिन अब तीन लाख का इजाफा होने से खपत रोज 18 लाख लीटर हो रही है। इधर पब्लिक ट्रांसपोर्ट प्रभावित होने से डीजल की खपत में तीन फीसदी गिरावट आई है। इसकी खपत अब डेढ़ लाख लीटर के आसपास कम हो गई है। पहले इसकी खपत 42 लाख 50 हजार लीटर थी, जो इस समय 41 लाख लीटर हो गई है।

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