कोयले का काला कारोबार : लठैतों और गुंडों के जरिए अवैध धंधे का खेल, इनके आगे प्रशासन के भी हाथ-पैर फूले

कोयले का काला कारोबार : लठैतों और गुंडों के जरिए अवैध धंधे का खेल, इनके आगे प्रशासन के भी हाथ-पैर फूले
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चिरमिरी और भरतपुर में अवैध कारोबार किस तरह अपना पैर पसार चुका है कि यहां कार्रवाई करने से प्रशासन के हाथ पैर भी कांपते हैं, क्योंकि लठैतों व गुंडों के दम पर कैसे रेत और कोयला माफिया अवैध कारोबार संचालित करते हैं। पढ़िए पूरी खबर ....।

रविकान्त सिंह राजपूत-मनेन्द्रगढ़ । अब तक हमने भगवान राम के नाम पर हो रही सियासती खबरे खूब पढ़ी है, लेकिन आज हम आपको भगवान राम ने जिस नदी को पार कर छत्तीसगढ़ में प्रवेश किया था, वहां जारी रेत के अवैध उत्खनन व देशभर में काले हीरे की नगरी के नाम से विख्यात कोयला नगरी चिरमिरी में हो रहे कोयले के अवैध कारोबार को बता रहे हैं।

नवगठित जिला मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर के चिरमिरी और भरतपुर में अवैध कारोबार किस तरह अपना पैर पसार चुका है कि यहां कार्रवाई करने से प्रशासन के हाथ पैर भी कांपते हैं, क्योंकि लठैतों व गुंडों के दम पर कैसे रेत और कोयला माफिया अवैध कारोबार संचालित करते हैं और प्रशासन आंख मुंदे बैठा है।

कोडाकू पारा और डोमनहिल मुक्तिधाम में हो रहा उत्खनन

कोयला नगरी के नाम से प्रसिद्ध चिरमिरी के छोटी बाजार के कोडाकू पारा व डोमनहिल मुक्तिधाम में कोल माफिया अवैध तरीके से कोयले का उत्खनन कर रहे हैं। यहां कोल माफिया जेसीबी मशीन के माध्यम से कोयला निकाल रहे हैं और ईंट भट्टों व दूसरे राज्यों में यह कोयला बोरियों में पैक कर ट्रकों के माध्यम से भेज रहे हैं। कोल माफियाओं के हौसले इस कदर बुलन्द है कि दिन हो या रात ये कोल माफिया गुंडों और लठैतों के दम पर यहां अवैध उत्खनन कर कोयला निकालते हैं।

कोयले का कारोबार अलग अलग पार्ट में संचालित

कोयले का काला खेल तीन चरणों में होता है। पहले चरण में बंद पड़े खदान या चालू खनन क्षेत्रों से गिरोह के सदस्य कोयला को एक स्थान पर एकत्रित करते हैं। दूसरे गिरोह के सदस्य एक निश्चित स्थान पर एकत्रित कोयले को छोटे वाहनों में लोड कर गिरोह के संचालक के पास पहुंचते हैं, जहां से गिरोह का संचालक ट्रकों पर लोड कर इसे दूसरे राज्यो में भेजता है। राज्य के बाहर अवैध कोयला को वैद्य तरीके से भेजने के लिए फर्जी चालान भी तैयार किया जाता है या एक ही चालान के माध्यम से कई वाहन अवैध तरीके से बाहर भेजे जाते हैं।

माफियों का कब्जा 25 एकड़ में

जानकारी के मुताबिक मवई नदी और रेत का उत्खनन करने के लिए सिर्फ 5 एकड़ की अनुमति है, लेकिन रेत माफिया यहां नियम कायदों को दरकिनार कर 25 एकड़ में अवैध रेत के उत्खनन कर रहे हैं। वहीं यहां एनजीटी के नियमों का खुलेआम उल्लंघन भी किया जा रहा है। नदी पर पोकलेन व जेसीबी मशीन उतारकर अवैध उत्खनन किया जा रहा है। यहां भी गुंडों और लठैतों के दम पर दिन रात अवैध उत्खनन जारी है।

कांग्रेस के जिला पदाधिकारी की जेसीबी से उत्खनन

चिरमिरी में जारी अवैध कोयला उत्खनन में लगी मशीनों को प्रति घण्टे के हिसाब से दोगनी रकम से किराया दिया जाता है और मशीन पर कार्रवाई न होने का भरोसा दिलाया जाता है। क्षेत्र में जेसीबी मशीन का किराया प्रति घण्टा के हिसाब से 1000 या 1200 रुपए हैं, लेकिन अवैध कोयला उत्खनन में लगी जेसीबी को यहां कोल माफिया 2000 रुपए से 2200 रुपए प्रतिघंटे दिए जाते हैं। वहीं इन मशीनों के मालिकों को किसी प्रकार की कार्रवाई न होने का संरक्षण भी दिया जाता है। सूत्रों की माने तो कांग्रेस के जिला पदाधिकारी का जेसीबी वाहन भी इन अवैध कार्यो में संलिप्त है। देखिए वीडियो...


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