मैनपाट में शराब का अवैध कारोबार, महोत्सव स्थल के पास ही खोली दुकान, प्रशासन बेखबर

अंबिकापुर। छत्तीसगढ़ का शिमला कहलाने वाले मैनपाट में 'मैनपाट महोत्सव' का अव्यवस्थाओं के बीच शुरु हो गया है। इस महोत्सव में अवैध कारोबार भी जमकर फल फूल रहा है। राजनैतिक संरक्षण प्राप्त लोगों ने यहां अवैध बार खोल लिया है। हैरत की बात यह है कि जिस रास्ते में अवैध बार चल रहा है, उस रास्ते से दिन में दो बार गुजरने वाले जिला प्रशासन के मुखिया को इस बात की जानकारी ही नहीं है। सरगुजा में तीन दिवसीय मैनपाट महोत्सव की शुरुआत शुक्रवार को प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल की मौजूदगी में हुई। इसके बावजूद महोत्सव स्थल से चंद कदमों की दूरी पर भारी ताम-झाम के साथ अवैध बार का संचालन किया जा रहा है।
इस बार में शराब प्रेमियों के लिए हर ब्रांड की शराब तीन गुना ज्यादा कीमत पर मौजूद है। रईस शराब प्रेमी तो इस अवैध बार की महंगी शराब पीकर महोत्सव का जमकर लुत्फ उठा रहे हैं, लेकिन मध्यम वर्गीय और निचले तबके के शराब प्रेमी इतनी मंहगी शराब परोसे जाने को लेकर अपनी नाराजगी भी जाहिर कर रहे हैं।
राजनैतिक संरक्षण प्राप्त जिले के एक पुराने शराब ठेकेदार और कुछ राजनीतिक लोगों की पार्टनरशिप में संचालित ये अवैध बार मैनपाट, अम्बिकापुर मुख्य मार्ग पर संचालित है, जिसके संचालन की तैयारी तब से की जा रही थी जब से मैनपाट महोत्सव को सफल बनाने की तैयारी की जा रही है। जिस स्थान पर बार संचालित है, वहां से जिले के कलेक्टर एसपी और तमाम आला अधिकारी पिछले 10-12 दिनो में कई बार गुजरे हैं, लेकिन बार के लिए सड़क पर लगे साइन बोर्ड और बैनर पोस्टर शायद इन अधिकारियों को नहीं दिखे और शायद यही वजह है कि जिला प्रशासन के मुखिया कलेक्टर को भी इस अवैध बार की जानकारी नहीं है। हालांकि वो ये जरूर मानते हैं कि मैनपाट में बार संचालन की अनुमति नहीं दी गई है औऱ अगर कोई बार संचालित है तो वो अवैध है।
गौरतलब है कि विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के घोषणा पत्र में पूर्ण शराबबंदी के दावे किए गए थे, लेकिन शराबबंदी तो दूर अब संरक्षण प्राप्त कुछ लोग अवैध बार चला रहे हैं। अब इस पर भाजपा के बडे़ नेता मैनपाट महोत्सव पर सवाल खड़ा कर रहे हैं। प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता अनुराग सिंहदेव ने इस मामले को लेकर सरकार को कठघरे में खड़ा किया है। सिंहदेव ने आरोप लगाया है कि शराबबंदी की बात करने वाली सरकार, शराब को प्रोत्साहन दे रही है।
पिछले एक दशक से आय़ोजित हो रहे मैनपाट महोत्सव में ऐसा पहली बार हुआ है, जब बिना किसी डर भय के अवैध बार का संचालन किया जा रहा है और तो और अवैध शराब की खबर बनाने गए पत्रकारों को एक मंत्री के गुर्गो ने मारने पीटने की धौंस भी दी। बहरहाल मैनपाट महोत्सव में जिला प्रशासन की आंख के सामने अवैध शराब परोसने का धंधा फल फूल रहा है, लेकिन जिला औऱ पुलिस प्रशासन इस अवैध कारोबार को बंद कराने की हिम्मत नहीं दिखा पा रहा है।
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