बीमारी ने बढ़ाई परेशानी : मां की साड़ी को फंदा बनाकर झूल गई युवती, इलाज के खर्चे को लेकर तनाव में थी

बीमारी ने बढ़ाई परेशानी : मां की साड़ी को फंदा बनाकर झूल गई युवती, इलाज के खर्चे को लेकर तनाव में थी
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एक युवती ने कैंसर की बीमारी का पता चलने पर निराशा में खुदखुशी कर ली। खुदको कमरे में बंद कर वह फांसी के फंदे में झूल गई। परिजन करवा रहे थे उसका इलाज। पढ़िए पूरी खबर...

नया रायपुर। छत्तीसगढ़ के नया रायपुर निवासी एक युवती ने कैंसर की बीमारी का पता चलने पर निराशा में खुदखुशी कर ली। दरअसल, युवती ने खुदको कमरे में बंद कर फांसी के फंदे में झूल गई। जब घर वालों के बहुत देर तक भी दरवाजा खटखटाने पर दरवाजा नहीं खुला तो किसी अनहोनी की आशंका से उन्होंने पुलिस को सूचना दी। यह पूरा मामला राखी थाना क्षेत्र का है।

मिली जानकारी के अनुसार, शनिवार की दोपहर को युवती ने खुद को कमरे में बंद कर लिया, फिर साड़ी का फंदा बनाकर आत्महत्या कर ली। दरवाजा खटखटाने पर भी दरवाजा नहीं खोलने पर घबराए परिजनों ने पुलिस को इसकी सूचना दी। सूचना मिलते ही मौके पर पहुंची पुलिस छत के रास्ते कमरे के अंदर गई और देखा कि युवती ने आत्महत्या कर ली है। बतया जा रहा है कि मृत युवती का नाम स्मिता बारिक (20 वर्ष) है। इसके बाद पुलिस ने लाश को फांसी के फंदे से उतरवाकर पोस्टमॉर्टम के लिए भिजवाया। फिलहाल पुलिस परिजनों से पूछताछ कर रही है।

पिछले कुछ महीनों से खराब थी उसकी तबीयत

बताया जा रहा है कि स्मिता बारिक ओडिशा के बलांगीर की रहने वाली थी। हाल ही में उसने अपनी ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी की थी। परिजनों ने बताया कि पिछले कुछ महीनों से उसकी तबीयत काफी खराब चल रही थी। पहले उसका इलाज ओडिशा में करवाया गया, फिर हालत बिगड़ने पर उसे रायपुर लेकर आए थे। यहां बालको अस्पताल में डॉक्टरों ने उसकी जांच की थी।

ब्लड कैंसर की रिपोर्ट आई पॉजिटिव

डॉक्टरों ने अपनी आशंका पर कैंसर का टेस्ट भी कराया। जिसके रिपोर्ट में युवती ब्लड कैंसर से पीड़ित पाई गई, इस बात को लेकर वह अवसाद में चली गई। रिपोर्ट आने के बाद से ही वो तनाव में रहने लगी। युवती के परिजनों ने उसका इलाज कराने के लिए 10 फरवरी को नया रायपुर में किराए का मकान लेकर शिफ्ट हो गए। उसका बालको कैंसर अस्पताल में इलाज शुरू होने वाला था, लेकिन उसने खुदकुशी कर ली।

कैंसर की बात से अवसाद में थी, हॉस्पिटल जाने से पहले ही कर ली आत्महत्या

शनिवार, 4 मार्च की दोपहर को स्मिता के बड़े पापा बालको मेडिकल अस्पताल गए और इलाज के लिए टोकन कटवाया। फिर उन्होंने अस्पताल पहुंचकर युवती की मां को सूचना दी कि वो कीमोथेरेपी करवाने के लिए तैयार हो जाएं। जिसके बाद युवती ने अपनी मां को नहाने के लिए बाथरूम में भेज दिया और खुद तैयार होने के नाम पर कमरे के अंदर चली गई। जब मां नहाकर तैयार हो गई और बेटी ने काफी देर तक कमरा नहीं खोला, तो घबराई हुई मां ने दरवाजा खटखटाया। कमरे से कोई जवाब नहीं मिला तो किसी अनहोनी की आशंका से मां पड़ोसियों को बुला लाई।

बहुत देर तक भी दरवाजा नहीं खुलने से घबराई मां

मां लगातार बेटी के मोबाइल पर बार-बार कॉल कर रही थी। मोबाइल पर फुल रिंग जा रहा था, लेकिन बेटी कॉल रिसीव नहीं कर रही थी। जिसके बाद मां और पड़ोसियों ने राखी पुलिस थाने में सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस छत के रास्ते से कमरे के अंदर दाखिल हुई और देखा कि युवती फांसी के फंदे पर लटकी हुई है। स्मिता ने लोहे के एंगल पर साड़ी के फंदे से लटककर सुसाइड किया। अंदर कमरे में कुर्सी पलटी हुई थी। इसके बाद पुलिस ने कैंसर रिपोर्ट के बारे में अस्पताल से जानकारी ली, तो पता चला कि उसका कैंसर शुरुआती स्टेज में था। डॉक्टरों ने बताया कि करीब 6 महीने के इलाज के बाद उसके ठीक होने की संभावना थी।

कैंसर के इलाज और खर्च के दबाव में आकर मौत को लगाया गले

आशंका जताई जा रही है कि युवती एक मध्यमवर्गीय परिवार से थी। कैंसर होने की बात सुनकर वह घबरा गई। फिर उसके इलाज और खर्च के दबाव में आकर मौत को गले लगा लिया।

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