खम्हारडीह में बवाल : घरों को तोड़ने पहुंचा निगम का अमला तो बस्तीवालों ने किया हंगामा, भाजपा नेता धरने पर बैठे तो जबरन उठा ले गई पुलिस

खम्हारडीह में बवाल : घरों को तोड़ने पहुंचा निगम का अमला तो बस्तीवालों ने किया हंगामा, भाजपा नेता धरने पर बैठे तो जबरन उठा ले गई पुलिस
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इलाके में बुलडोजर के साथ कार्रवाई करने आए अफसरों को देखकर बस्तीवाले भड़क गए। बस्ती वालों ने नगर निगम और पुलिस का विरोध शुरू कर दिया। निगम कर्मियों को बस्ती तोड़ने से रोका गया। बस्तीवालों के विरोध के बाद काफी देर तक हंगामा मचा रहा। पढ़िए पूरी खबर...

रायपुर। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के खम्हारडीह क्षेत्र में सोमवार को दिनभर हंगामा मचा रहा। दरअसल यहां नगर निगम का अमला अवैध बस्ती तोड़ने पहुंचा था। बताया जा रहा है कि नगर निगम के अफसरों को यहां पर बवाल की आशंका पहले से ही थी, इसलिए बड़ी संख्या में पुलिस भी साथ ले गए थे। इलाके में बुलडोजर के साथ कार्रवाई करने आए अफसरों को देखकर बस्तीवाले भड़क गए। बस्ती वालों ने नगर निगम और पुलिस का विरोध शुरू कर दिया। निगम कर्मियों को बस्ती तोड़ने से रोका गया। बस्तीवालों के विरोध के बाद काफी देर तक हंगामा मचा रहा।
जहां निगम के अफसर कार्रवाई करना चाहते थे उस इलाके में हालात तनावपूर्ण हो गए। इस बात की सूचना मिलने पर सिटी एसपी सुखनंदन राठौर और अतिरिक्त फोर्स लेकर पहुंच गए। महिलाओं ने भी पुलिस के साथ धक्का-मुक्की की, इन्हें खदेड़ कर पुलिस नगर निगम की टीम को बस्ती के भीतर ले जाना चाह रही थी।

भाजपा नेताओं को उठा ले गई पुलिस


स्थानीय पार्षद रोहित साहू, भाजपा नेता संजय श्रीवास्तव भी बस्ती के रास्ते पर धरना देते हुए सड़क पर बैठ गए। इस कार्रवाई को भाजपा नेता गलत बता रहे थे। निगम और पुलिस प्रशासन के खिलाफ बस्तीवालों के साथ भाजपाई भी नारेबाजी करते रहे। कुछ देर बाद पुलिस पार्षद रोहित साहू को जबरदस्ती उठाकर ले गई। भाजपा नेता संजय श्रीवास्तव को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। जनप्रतिनिधियों को गिरफ्तार कर विधानसभा थाने भेज दिया गया। इसके बाद नगर निगम ने बस्ती में तोड़फोड़ की कार्रवाई शुरू कर दी।

15 दिन का समय मांग रहे थे बस्तीवाले


बस्तीवासियों का कहना था कि दो-तीन महीनों से बस्ती खाली कराने का विवाद अदालत में चल रहा है। हाईकोर्ट ने भी नगर निगम को स्थानीय रहवासियों को व्यवस्थापन की अच्छी व्यवस्था देने को कहा है। लेकिन अचानक नोटिस लेकर अधिकारी पहुंच गए और मकान खाली करने को कह दिया। बस्तीवालों ने कहा कि कम से कम 15 दिन का समय दिया जाए, इसी बात पर पुलिस, निगम अफसरों से बस्तीवालों की बहस होती रही। मगर अफसर वक्त देने को राजी नहीं हुए। बस्तीवालों के मुताबिक यहां रहने वाले लोगों के परिवार बड़े हैं, परिवारों में माता-पिता, शादीशुदा बच्चे भी हैं। बस्तीवालों का कहना है कि व्यवस्थापन के नाम पर नगर निगम एक कमरे का छोटा फ्लैट दे रहा है। उनके बड़े परिवार उस फ्लैट में कैसे रहेंगे।

बस्तीवालों ने लगाया मनमानी का आरोप

बस्तीवालों का कहना था कि हमारी तकलीफों को सुने बिना नगर निगम बस अपनी मनमानी कर रहा है। त्योहार के पहले निगम हमारे घर उजाड़ रहा है। बसतीवालों का कहना है कि, आने वाले सप्ताह में सावन महीने के त्योहार है, राखी है, 15 अगस्त के बाद बस्ती खाली कर देने की बात भी लोग कहते रहे। लेकिन निगम के अफसर नहीं माने और कार्रवाई जारी रही।

थाने के बाहर भाजपाइयों का धरना


उधर दूसरी तरफ पार्षद और भाजपा नेताओं की गिरफ्तारी के बाद अब नया बवाल शुरू हो गया। नेताओं को विधानसभा थाने ले जाया गया जहां भाजपा कार्यकर्ता थाने के गेट पर ही धरने पर बैठ गए हैं। भाजपा इस पूरी कार्रवाई का विरोध कर रही है। लगता है अब मामला सियासी होने जा रहा है।

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