छत्तीसगढ़ में 'ई-लोक अदालत' का शुभारंभ, देश में पहली बार ई-वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी सुनवाई

छत्तीसगढ़ में ई-लोक अदालत का शुभारंभ, देश में पहली बार ई-वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए होगी सुनवाई
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विभिन्न जिलों के 200 से अधिक खंडपीठों में सुनवाई के लिए 3,000 से अधिक मामले उठाए जाएंगे। पढ़िए पूरी खबर-

बिलासपुर। देश में बढ़ते कोरोना वायरस मामलों के बीच एतिहात के तौर पर छत्तीसगढ़ में ई-लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है। छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय के चीफ जस्टिस पीआर रामचंद्र मेनन व छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यवाहक अध्यक्ष जस्टिस प्रशांत कुमार अग्रवाल ने दीप-प्रज्वल्लित व संबोधन भाषण देकर ई-लोक अदालत का शुभारंभ किया। छत्तीसगढ़ में तीन हजार से अधिक प्रकरणों की 200 से अधिक खंडपीठ में सुनवाई जारी है। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है, जहां ऑनलाइन वीडियों कांफ्रेसिंग के जरिए लोक अदालत के प्रकरणों की सुनवाई हो रही है।

कोरोना वायरस (COVID -19) महामारी के बीच एहतियाती उपायों के बाद लंबित मामलों को निपटाने के प्रयास के लिए, शनिवार को छत्तीसगढ़ में एक ई-लोक अदालत का आयोजन किया जा रहा है, जहां सुनवाई आयोजित की जा रही है।

एक सरकारी प्रेस रिलीज के अनुसार, यह देश में पहली बार है कि लोक अदालत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित की जा रही है। छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यकारी अध्यक्ष न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार मिश्रा ने कहा कि शनिवार को बिलासपुर में उच्च न्यायालय सहित विभिन्न जिलों के 200 से अधिक खंडपीठों में सुनवाई के लिए 3,000 से अधिक मामले उठाए जाएंगे।

न्यायमूर्ति मिश्रा ने बयान में कहा कि कोरोना वायरस का प्रकोप राज्य में न्यायपालिका के कामकाज पर भारी पड़ा है क्योंकि वकील और प्रभावित पक्ष भी वित्तीय संकट का सामना कर रहे थे। उन्होंने कहा कि डिजिटल प्लेटफॉर्म पर लोक अदालत आयोजित करने के कदम से वकीलों और व्यथित पक्षों को राहत मिलेगी। उन्होंने कहा कि पारिवारिक विवाद, दुर्घटना के दावे और चेक बाउंस मामलों को आपसी सहमति से सुलझाया जा सकता है, जिन्हें अक्सर लोक अदालत द्वारा हल किया जाता है।

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